बिहार: बाहुबली आरेजडी एमएलए अनंत सिंह को पटना हाई कोर्ट से बड़ा झटका, बेल पिटीशन खारिज
मोकामा के बाहुबली आरजेडी एमएलए अनंत सिंह को गुरुवार को पटना हाई कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। हाईकोर्ट ने एके -47 राइफल एवं विस्फोटक सामग्री रखने के आरोप में जेल में बंद एमएलए अनंत सिंह की जमानत याचिका को गुरुवार को खारिज कर दिया है। जस्टिस अंजनी कुमार शरण की सिंगल बेच में एडवोकेट अजय कुमार ठाकुर ने एमएलए की बीमारी का हवाला देते हुए बेल देने की गुहार लगाई थी।
पटना। मोकामा के बाहुबली आरजेडी एमएलए अनंत सिंह को गुरुवार को पटना हाई कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। हाईकोर्ट ने एके -47 राइफल एवं विस्फोटक सामग्री रखने के आरोप में जेल में बंद एमएलए अनंत सिंह की जमानत याचिका को गुरुवार को खारिज कर दिया है। जस्टिस अंजनी कुमार शरण की सिंगल बेच में एडवोकेट अजय कुमार ठाकुर ने एमएलए की बीमारी का हवाला देते हुए बेल देने की गुहार लगाई थी।
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एमएलए के एडवोकेट ने कोर्ट को बताया कि हाईकोर्ट के एक्स जस्टिस पीके झा ने पिछले वर्ष बेलदेने से इनकार करते हुए नौ माह में ट्रायल प्रक्रिया पूरी करने का आदेश दिया था। साथ ही एसएसपी पटना को सभी गवाहों को गवाही के लिए कोर्ट में पेश करने का दायित्व सौंपा था। कोर्ट की ओर से तय समय सीमा के भीतर ट्रायल प्रक्रिया पूरी नहीं हो सकी है। इसी आधार पर बेल देने की गुहार कोर्ट से लगाई गई। एडवोकेट अजय ठाकुर ने कोर्ट को बताया कि एमएलए के घर के बाहर से हथियार की बरामदगी की गई। यही नहीं, नौ माह के भीतर ट्रायल प्रक्रिया समाप्त करने के कोर्ट आदेश का भी पालन नहीं किया गया। एडवोकेट ने बीमारी के आधार पर भी बेल देने का अनुरोध किया।
एमएलए ट्रायल प्रक्रिया में सहयोग नहीं करने का आरोप
स्टेट गवर्नमेंट की ओर से नियमित जमानत अर्जी का विरोध करते हुए एपीपी अजय मिश्रा ने कोर्ट को बताया कि जब्ती सूची पर गवाह बनने के लिए कोई ग्रामीण सामने नहीं आया। एमएलए ट्रायल प्रक्रिया में सहयोग नहीं करते। जेल अफसरों की रिपोर्ट में भी कहा गया है कि कोई भी बात ऊंची आवाज में सुनते हैं। धीरे-धीरे बोलते हैं। यहां तक कि कोर्ट में प्रश्न किये जाने पर हाथों से इशारा कर जवाब देते हैं। बीमारी का बहाना कर दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 313 के तहत बयान दर्ज नहीं करा रहे हैं। जबतक 313 के तहत बयान दर्ज नहीं हो जाता तब तक ट्रायल की प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ सकती। पुलिस ने पांच माह के भीतर सभी गवाहों की गवाही करा दी है। कोर्ट ने दोनों पक्षों की दलील को सुनने के बाद बेल पिटीशन खारिज कर दी।
दो साल से जेल में हैं अनंत सिंह
उल्लेखनीय कि आर्म्स एक्ट एवम विस्फोटक निषिद्ध कानून के मामले में मोकामा एमएलए दो साल से अधिक जेल में हैं।इस दौरान वह कई बार स्वास्थ्य के हवाला कोर्ट को दे चुके हैं। एमएलए अपने पैतृक गांव लदमा स्थित घर से एके 47, 26 गोलियां और दो हैंडग्रेनेड बरामदगी मामले में जेल में हैं। अनंत सिंह के पैतृक घर पर रेड में एके 47, 26 गोलियां मिली थीं। बाढ़ के एसएचओ ने सूचना मिलने पर एमएलए के आवास पर रेडकी थी। लेकिन कोई भी ग्रामीण जब्ती का गवाह नहीं बना। बाद में गवर्नमेंट के आदेश पर बीडीओ को मजिस्ट्रेट नियुक्त किया गया और बीडीओ ने जब्ती सूची पर बतौर गवाह हस्ताक्षर किया।एमएलए मामले में खुद को फंसाने का आरोप पुलिस पर लगा चुके हैं। इसके पहले भी पीएमएलए कोर्ट में अनंत सिंह की गवाही नहीं हो पाई थी। कोर्ट के पूछने पर अनंत सिंह ने कोई जवाब नहीं दिया था। एमएलए ने स्वास्थ्य खराब होने के कारण बोलने में असमर्थता जताई, जिसके बाद सुनवाई टाल दी गई थी।