Bihar : MLA की हॉर्स ट्रेडिंग मामले की जांच करेगी EOU, 10 करोड़ में डील होने का किया गया था दावा
बिहार में एनडीए सरकार के विश्वासमत से पहले जेडीयू एमएलए को मंत्री पद और 10-10 करोड़ रुपये का प्रलोभन देकर महागठबंधन के पाले में लाने के आरोपों की जांच अब आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) करेगी। मधुबनी के हरलाखी से जेडीयू एमएलए सुधांशु शेखर ने इस मामले में 11 फरवरी को पटना के कोतवाली पुलिस स्टेशन में एफआइआर दर्ज कराई थी।
- JDU MLA सुधांशु शेखर ने इस बाबत 11 फरवरी को पटना के कोतवाली पुलिस स्टेशन में दर्ज कराई थी FIR
- फोन करने वाले ने अपना नाम अखिलेश और खुद को राहुल गांधी का करीबी बताया
पटना। बिहार में एनडीए सरकार के विश्वासमत से पहले जेडीयू एमएलए को मंत्री पद और 10-10 करोड़ रुपये का प्रलोभन देकर महागठबंधन के पाले में लाने के आरोपों की जांच अब आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) करेगी। मधुबनी के हरलाखी से जेडीयू एमएलए सुधांशु शेखर ने इस मामले में 11 फरवरी को पटना के कोतवाली पुलिस स्टेशन में एफआइआर दर्ज कराई थी।
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जेडीयू एमएलए बीमा भारती और दिलीप राय को लेकर मामला दर्ज
इसमें जेडीयू एमएलए बीमा भारती और दिलीप राय को डरा-धमकाकर अपहरण कर लिए जाने की कंपलेन भी दर्ज कराई गई थी। पुलिस हेडक्वार्टर ने मामले की गंभीरता को देखते हुए इसकी जांच ईओयू को सौंप दी है। ईओयू ने जांच की कमान संभालते हुए डीएसपी रैंक के अफसर को आइओ बनाया है।
जेडीयू एमएलए सुधांशु का गंभीर आरोप
जदयू एमएलए सुधांशु कुमार ने कोतवाली पुलिस स्टेशन में दर्ज एफआइआर में आरेाप लगाया है कि नौ फरवरी को उनके हाजीपुर में रहने वाले रिश्तेदार रणजीत कुमार ने वाट्सएप काल की। उन्होंने बताया कि इंजीनियर सुनील कुमार आये हैं और बात करना चाहते हैं। बात करने पर ई. सुनील कुमार ने कहा कि आप महागठबंधन के साथ आ जाइए। अभी पांच करोड़ दे देते हैं और पांच करोड़ काम होने के बाद देंगे। नहीं तो मंत्री पद ले लीजिए। जदयू एमएलए ने सोचकर बताते हैं कहकर बात टाल दी।
एमएलए सुधांशु ने बताया कि अगले दिन सुबह एक्स मिनिस्टर नागमणि कुशवाहा के नंबर से वाट्सएप काल आई कि अखिलेश जी आपसे बात करना चाहते हैं, जल्द ही संपर्क करेंगे। एक घंटे के बाद इंटरनेट काल आई।फोन करने वाले ने अपना नाम अखिलेश और खुद को राहुल गांधी का करीबी बताया। उसने भी कहा कि आप साथ आ जाइए, इसके बदले जो डिमांड होगा, पूरा किया जायेगा। सुधांशु कुमार ने आरोप लगाया कि हिलसा से एमएलए कृष्ण मुरारी शरण को भी राजद प्रवक्ता शक्ति यादव ने एक आदमी से मिलने को कहा। उस आदमी ने विश्वासमत में राजद के पक्ष में वोट करने पर मंत्री पद या जितना पैसा मांगा जाएगा, उसे देने का प्रलोभन दिया था। उन्होंने एमएलए निरंजन कुमार मेहता को भी राजद के पक्ष में वोट देने का प्रलोभन और धमकी मिलने की शिकायत प्राथमिकी में दर्ज कराई है।
सुधांशु ने उक्त पूरे प्रकरण में उन्होंने जेडीयू के ही परबत्ता एमएलए डा. संजीव कुमार की भूमिका भी संदिग्ध बताई है। उन्होंने जदयू विधायक डा. संजीव और आरजेडी से जुड़े ई. सुनील कुमार पर अपने सहयोगियों के माध्यम से एमएलए बीमा भारती और दिलीप राय को डरा-धमकाकर अपहरण करने की कंपलेन भी दर्ज कराई थी, ताकि दोनों महागठबंधन के पक्ष में मतदान करें।
एमएलए से हो सकती है पूछताछ
सोर्सेज के अुनसार, ईओयू (EOU) जल्द ही इस मामले में जेडीयू एमएलए से मिलकर उनका पक्ष ले सकती है। जेडीयू एमएलए सुधांशु कुमार ने जिन-जिन एमएलए व आरजेडी नेताओं का उल्लेख एफआइआर में किया है, उनसे बारी-बारी से पूछताछ की जा सकती है। इसके अलावा वाट्सएप काल आदि की सत्यता जांचने के लिए मोबाइल फोन आदि की तकनीकी जांच भी की जायेगी।
विधायकों की खरीद-बिक्री प्रकरण में बदनाम करने की साजिश ,सुधांशु शेखर मुख्यमंत्री की नजर में आने के लिए ऐसा कर रहे: नागमणि
एक्स सेंट्रल मिनिस्टर और शोषित इंकलाब पार्टी के अध्यक्ष नागमणि ने कहा है कि विधायकों की खरीद-बिक्री प्रकरण में उन्हें बदनाम करने की साजिश की जा रही है। नागमणि रविवार को पटना में प्रेस प्रतिनिधियों से बात कर रहे थे। उन्होंने कहा कि समाचार पत्रों के पता चला की विधायकों की खरीद- बिक्री में मेरा नाम आया है, जो बिलकुल तथ्य से परे है। मैं दिल्ली में था, आठ दिन से तबीयत खराब थी। 11 फरवरी को एक व्यक्ति ने फोन किया की हरलाखी एमएलए सुधांशु शेखर का मोबाइल नंबर दें। मैंने नंबर दे दिया।
सैकड़ों फोन आते हैं...
नागमणि ने कहा कहा कि ऐसे सैकड़ों फोन मेरे पास आते हैं। जिसने मुझे फोन किया मुझे उसका नाम भी याद नहीं। उन्होंने कहा, मेरा राजनीतिक करियर धूमिल करने की कोशिश हो रही है। जनता के आशीर्वाद से देश के चारों सदन का सदस्य बनने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है।
मुख्यमंत्री की नजर में आने के लिए...
नागमणि ने आगे कहा कि भारत का सामाजिक, न्याय, अधिकारिता मंत्री और बिहार का कृषि मंत्री बनने का भी सौभाग्य भी मुझे मिल चुका है। मुझ पर आज तक कोई मुकदमा नहीं हुआ है। उन्होंने आरोप लगाया कि सुधांशु शेखर मुख्यमंत्री की नजर में आने के लिए और मंत्री बनने के लिए मेरा नाम जबरदस्ती इसमें डाल रहे हैं। जरूरत पड़ी तो वे मुकदमा भी करेंगे।
परबत्ता के जेडीयू MLA डॉ. संजीव ने तकनीकी जांच की मांग की
बिहार विधानसभा में एनडीए के फ्लोर टेस्ट को लेकर जेडीयू एमएलए के खिलाफ जेडीयू के एमएलए द्वारा दर्ज एफआइआर की पूरी जांच अब ईओयू करेगी। इस बीच इस मामले में नामजद परबत्ता के जेडीयू एमएलए डॉ. संजीव ने पटना एसएसपी को पत्र लिखकर यह कहा है कि इस प्रकरण की तकनीकी रूप से जांच करायी जाए। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के एक निर्णय का हवाला दिया है।
डॉ. संजीव का कहना है कि कॉन्टैक्ट सर्विलांस से यह आसानी से जांच किया जा सकता है कि हरलाखी के जदयू विधायक सुधांशु को किसने फोन किया था। हरलाखी एमएलए के परिजन रंजीत कुमार ने हरलाखी एमएलए को यह फोन कर कहा था कि इंजीनियर सुनील उनके पास आए हैं और बात करना चाहते हैं। उन्होंने इंजीनियर सुनील से बात की और उन्हें पांच करोड़ रुपए का ऑफर भी दिया गया। वहीं राजद के प्रवक्ता शक्ति यादव ने इस आशय की बात जेडीयू एमएलए श्रीकृष्ण मुरारी से की थी। मेरे ऊपर भी इस क्रम कुछ शक किया गया। यह कहा गया है कि इस प्रकरण में मेरी भूमिका संदिग्ध है।
जदयू एमएलए बीमा भारती और दिलीप राय के संबंध में कहा गया है कि उनका अपहरण हो गया है। इस प्रकरण में मुझ पर शक किया गया। जबकि कथित रूप से अपहृत एमएलए बीमा भारती और दिलीप राय को विधानसभा में देखा गया। उन्होंने अपहरण की बात से पूरी तरह इनकार किया।
निष्पक्ष जांच करायी जाए
जदयू के परबत्ता एमएलए का कहना है कि पार्टी के दो बड़े नेता जिनमें अभी एक मिनिस्टर भी हैं, उनके खिलाफ साजिश कर रहे। मेरे क्षेत्र का काम नहीं होने देते है। दो अफसर भी इसमें शामिल हैं। जहां तक जदयू के मंत्री द्वारा दिये गये भोज में नहीं शामिल होने की बात है तो इस बारे में उन्होंने सीएम को अवगत करा दिया था। यह सच है कि उस तिथि को वह पटना में नहीं थे।