Bihar : फ्रॉड अभिषेक अग्रवाल का नया कारनामा, जेल सुपरिटेंडेंट को हड़का रहा था ADG के नाम पर
बिहार की राजधानी पटना के बेउर जेल में बंद जालसाज अभिषेक अग्रवाल उर्फ अभिषेक भोपालिका सेंट्रल होम मिनिस्टरी का सेकरेटरी व पुलिस हेडक्वार्टर का एडीजी बन कर जेल सुपरिटेंडेंट व जेल उपाधीक्षक को फोन कर हड़का रहा था। जेल में उसके वार्ड में रेड के दौरान मोबाइल फोन बरामद कर ली गयी है।
हाई कोर्ट का का चीफ जस्टिस बनकर DGP को कॉल करने का आरोप में है जेल में है बंद
सेल से जनरल वार्ड में शिफ्ट होने के लिए दे रहा था प्रेशर
पटना। बिहार की राजधानी पटना के बेउर जेल में बंद जालसाज अभिषेक अग्रवाल उर्फ अभिषेक भोपालिका सेंट्रल होम मिनिस्टरी का सेकरेटरी व पुलिस हेडक्वार्टर का एडीजी बन कर जेल सुपरिटेंडेंट व जेल उपाधीक्षक को फोन कर हड़का रहा था। जेल में उसके वार्ड में रेड के दौरान मोबाइल फोन बरामद कर ली गयी है।
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अभिषेक ने जेल के अंदर से ही जनरल वार्ड में शिफ्ट होनेके लिए बेऊर जेल के सुपरिटेंडेंट जितेंद्र कुमार को दो बार व उपाधीक्षक राजेश कुमार सिंह को चार बार वाट्सएप कॉल किया था। उसने कहा कि जेल के उपाधीक्षक रामानुज प्रसाद को पहले सस्पेंड करवा चुका हूं। इसलिए वह जेल में बंद अभिषेक अग्रवाल को विशेष सुविधाएं दें, नहीं तो आप भी सस्पेंड हो जायेंगे।
जेल सुपरिटेंडट जितेंद्र कुमार एडीजी की आवाज को पहचानते थे, इसलिए वे समझ गये कि यह काम अभिषेक अग्रवाल कर रहा है। इसके बाद उसके वार्ड नंबर दो रेड की गयी। रेड दौरान उसके पास से मोबाइल फोन बरामद कर लिया गया। फोन में एक सिम नंबर 9046804906 भी था। इसके बाद जेल प्रशासन ने उसके खिलाफ बेऊर पुलिस स्टेशन में एफआइआर दर्ज करा दिया। इस केस के आइओ सब इंस्पेक्टर अशोक ओझा बनाये गये हैं। मामले में पटना पुलिस के साथ ही जेल प्रशासन ने जांच शुरू कर दी है। मामले की जानकारी एसएसपी राजीव मिश्रा व कारा प्रशासन के अधिकारियों को दी गयी है।
जेल से चला रहा था वाट्सएप व फेसबुक
अभिषेक के सेल से जिस समय मोबाइल फोन बरामद हुआ, उस समय कैदी राजा भी वहीं था। पुलिस इन दोनों की भूमिका की जांच कर रही है। सोर्सेज के अनुसार, पुलिस ने उसके मोबाइल फोन की जांच की है. जिससे यह जानकारी मिली है कि वह फेसबुक व वाट्सएप भी चला रहा था। पुलिस उन लोगों के नाम व पता की जानकारी ले रही है, जिससे अभिषेक लगातार चैटिंग करता था। अब उन सभी से पूछताछ की जायेगी। पुलिस संबंधित मोबाइल फोन का सीडीआर निकाल रही है। जिससे यह स्पष्ट हो जायेगा कि वह किन-किन लोगों से लगातार बात करता रहा है। उसके मोबाइल फोन के मैसेंजर, गूगल हिस्ट्री को भी खंगाला जा रहा है।
दो कक्षपालों पर गिर सकती है गाज
जिन जेल कर्मियों का नाम मोबाइल फोन उपलब्ध कराने में सामने आया है, उनके भी नंबर का सीडीआर निकाला जायेगा। मामले की जांच में यह बातें सामने आयी है कि कक्षपाल उदय प्रताप व एक अन्य अभिषेक के संपर्क में थे। दोनों उससे बात करते थे। इन दोनों कक्षपालों ने ही अभिषेक को मोबाइल फोन व सिम का जुगाड़ करने में मदद की थी। इन दोनों के खिलाफ कार्रवाई तय है। जांच पूरी होने के बाद डिसमिस भी किये जा सकते हैं।
सोर्सज का कहना है कि अभिषेक अपने स्मार्टफोन से दूसरे कैदियों को भी वीडियो कॉल से बात कराता था। मोबाइल फोन को जांच के लिए एफएसएल भी भेजा जायेगा। अभिषेक व राजा को भागलपुर जेल भी शिफ्ट किया जा सकता है। अभिषेक आठ माह से बेऊर जेल में बंद है। उसके पास से बरामद मोबाइल में सिम कार्ड पश्चिम बंगाल के भरत दास के नाम पर है, जो बिना उसकी अनुमति पर लिये जानेकी आशंका है। कोलकाता से ही दूसरों के नाम पर उसके कागजात के आधार पर सिम कार्ड ले लिये जाते हैं। इसका इस्तेमाल पूरे बिहार के जेलों में होता है। इन सिम कार्ड का इस्तेमाल साइबर क्रिमिनल भी करते हैं।
अभिषेक की हरकतों के कारण जेल प्रशासन ने उसे हाइ सिक्योरिटी सेल में बंद कर दिया था। इससे वह परेशान था। अभिषेक ने सेंट्रल होम मिनिस्टरी का सचिव व एडीजी हेडक्वार्टर का डीपी लगाकर जेल सुपरिटेंडेंट जितेंद्र कुमार व उपाधीक्षक राजेश कुमार सिंह को वाट्सएप कॉल किया। अभिषेक खुद को सेल से निकाल कर जनरल वार्ड में रखने, मनचाहे खाने की भी व्यवस्था तथा जेल ऑफिस में ही बैठ कर अपने मुलाकातियों से भेंट करने की डिमांड की थी।सेल में बंद कैदियों के लिए नियम कड़े होते हैं। निगरानी भी की जाती है। बाहर निकलने का भी समय तय रहता है। सेल में बंद कैदियों के मुलाकातियों पर भी नजर रहती है। इस कारण उसे सेल में परेशानी हो रही थी।
चीफ जस्टिस बन तत्कालीन डीजीपी एस के सिंघल को दिया था निर्देश
अभिषेक का टाइल्स का बिजनस था। यह मूल रूप से बुद्धा कॉलोनी पुलिस स्टेशन एरिया के नागेश्वर कॉलोनी का रहनेवाला है।अभिषेक अग्रवाल ने तत्कालीन डीजीपी एस के सिंघल को फोन कर गया के तत्कालीन एसएसपी आदित्य कुमार पर से गया में दर्ज शराब केस में कार्रवाई नहीं करने का निर्देश दे दिया था। मामला का खुलासा होने के बाद इओयू ने उसके खिलाफ 15अक्तूबर 2022 को एफआइआर दर्ज किया था। अभिषेक को अरेस्ट कर बेऊर जेल भेजा गया था। इस मामले में आइपीएस आदित्य के खिलाफ भी मामला दर्ज है। आइपीएस के ठिकानों पर रेड की गयी थी। ईओयू ने रेड कर आय से अधिक संपत्ति का मामला पाया था। फरार चल रहे आदित्य कुमार की गिरफ्तारी पर फिलहाल कोर्ट की रोक है।