बिहार: हसबैंड हार गये थे जिला परषिद सदस्य का चुनाव,गया की चेरयमैन चुनी गयी वाइफ
मूल रूप से नालंदा जिले के बिहारशरीफ के शेरपुर मोहल्ला की रहने वाली नैना कुमारी (30) गया जिला परिषद अध्यक्ष चुनी गयी हैं। नैना के हसबैंड धर्मवीर सिंह उर्फ सरदार वर्ष 2016 में मोहड़ा से जिला परिषद का चुनाव हार गये थे।
गया। मूल रूप से नालंदा जिले के बिहारशरीफ के शेरपुर मोहल्ला की रहने वाली नैना कुमारी (30) गया जिला परिषद अध्यक्ष चुनी गयी हैं। नैना के हसबैंड धर्मवीर सिंह उर्फ सरदार वर्ष 2016 में मोहड़ा से जिला परिषद का चुनाव हार गये थे।
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सरदार का पूरा फैमिली गया जिले के मोहड़ा प्रखंड में बीते कई वर्षों से रह रहा है। नैना ने मोहड़ा से पार्षद बनकर हसबैंड को सम्मान दिलाया है। उन्होंयने कुछ दिन पूर्व एक बच्चा को जन्म दिया है। खुद ऑपरेशन कराने के बाद टांका लगने के बाद शपथ ग्रहण में समाहरणालय आई थीं। वे स्नातक पास हैं। धर्मवीर सिंह बताते हैं कि नैना मूल रूप से गृहिणी हैं। इसके पहले राजनीति से कोई मतलब नहीं था। किसी राजनीतिक दल से संबद्ध नहीं थीं। सभी दलों के नेताओं का परोक्ष रूप से समर्थन मिला है। घर का काम संभालते हुए नैना कुमारी चुनावी प्रचार में भी सहयोग देती रहीं।
मोहनपुर के शीतल प्रसाद याद ने उपाध्यक्ष पद पर जमाया कब्जा
मूल रूप से गया जिले के मोहनपुर प्रखंड के गणेशचक गांव के रहने वाले 46 वर्षीय उपाध्यक्ष शीतल प्रसाद यादव उपाध्यक्ष चुने गये हैं। वे भूगोल शास्त्र में पीएचडी किए हुए हैं। वह पहली बार वर्ष 2011 में जिला पार्षद बने थे। उसके बाद वे उपाध्यक्ष पद बने थे। लगातार 2016 तक इस पद पर थे। उस समय भी क्षेत्र और जिले के विकास के लिए लगातार संघर्ष करते रहे। दूसरी बार बाराचट्टी से जिला पार्षद बनकर उपाध्यक्ष की कुर्सी पर काबिज हुए हैं।