Dhanbad: रंगदारी और मर्डर केस में 17 साल बाद आया कोर्ट का फैसला, एक ही फैमिली के छह मेंबर्स को आजीवन कारावास
कोर्ट ने 17 साल बाद रंगदारी की मांग को लेकर मर्डर के एक मामले में ही फैमिली के छह मेंबर्स को आजीवन कारावास की सजा सुनायी है। जिला एवं सत्र न्यायधीश कुलदीप मान की कोर्ट ने अजय सिंह ( पिता स्वर्गीय चंद्रदेव सिंह), अजय सिंह (पिता रामदुलार सिंह), उज्जवल कुमार सिंह, भुनेश्वर सिंह, रेवत सिंह एवं विजय प्रताप सिंह को आजीवन कारावास की सजा सुनायी है। जबकि एक आरोपी राजेंद्र सिंह को साक्ष्य के अभाव में रिहा कर दिया गया है।
धनबाद। कोयला राजधानी धनबाद के जयप्रकाश नगर निवासी संजय सिंह की मर्डर केस में शनिवार को जिला एवं सत्र न्यायाधीश सप्तम कुलदीप की कोर्ट ने एक ही फैमिली के छह लोगों को उम्रकैद की सजा सुनायी। कोर्ट ने जय प्रकाश नगर के ही रहने वाले अजय सिंह ( पिता स्वर्गीय चंद्रदेव सिंह), अजय सिंह (पिता रामदुलार सिंह), उज्जवल कुमार सिंह, भुनेश्वर सिंह, रेवत सिंह एवं विजय प्रताप सिंह को आजीवन कारावास तथा 12-12 हजार रुपये जुर्माना की सजा सुनायी है। जबकि एक आरोपी राजेंद्र सिंह को साक्ष्य के अभाव में रिहा कर दिया गया है।
यह भी पढ़ें:Jharkhand: झारखंड में कई IPS अफसरों का होगा ट्रांसफर !
कोर्ट ने 17 साल बाद रंगदारी की मांग को लेकर मर्डर केस में फैसला सुनाया है। कोर्ट ने 18 दिसंबर 2024 को अदालत ने आरोपियों को दोषी करार दिया था। इस संबंध में जय प्रकाश नगर निवासी राजकुमार सिंह की कंपलेन पर धनबाद पुलिस स्टेशन में आठ लोगों के खिलाफ तीन अप्रैल 2007 को FIR दर्ज की गयी थी।
10 लाख रंगदारी नहीं देने पर की गयी थी मर्डर
FIR के अनुसार राजकुमार सिंह ने जयप्रकाश नगर मेंजमीन खरीदी थी। जमीन पर गेट लगाने के लिए राजकुमार सिंह अपने भाई संजय सिंह के साथ वहां गये थे। इस दौरान अजय सिंह ने धमकी दी थी कि राजेंद्र भैया के इजाजत के बगैर कोई काम यहां नहीं होगा। तीन फरवरी 2007 को राजकुमार सिंह, संजय सिंह, नीरज सिंह, रिशु सिंह जमीन पर गये। इसी दौरान अजय सिंह, विजय सिंह 20-25 अन्य लोगों के साथ हथियार से लैस होकर वहां पहुंचे और 10 लाख रुपया रंगदारी की मांग की।
FIR में आरोप है कि अजय सिंह ने अपने भाई, पुत्र तथा भतीजे को कहा कि राजेंद्र भैया और विनोद भैया कहे हैं कि जान से मार दो। आरोप था कि अजय सिंह के ललकारने पर विजय प्रताप सिंह ने तलवार से संजय सिंह के सर पर वार कर दिया। इससे वह जमीन पर गिर गया। अजय सिंह संजय की पेट पर खड़ा हो गया और रॉड से सर पर प्रहार कर दिया। संजय को बचाने उसका ड्राइवर गोपाल गया, तो उसे भी रॉड से मारकर जख्मी कर दिया। दोनों को इलाज के लिए सेंट्रल हॉस्पिटल ले जाया गया। इलाज के दौरान संजय की मौत हो गयी।
पुलिस इन्विस्टीगेशन के बाद 30 जून 2007 को उपरोक्त आरोपियों के अलावा विनोद सिंह के विरुद्ध चार्जशीट दाखिल किया था। एक सितंबर 2009 को आरोप तय होने के बाद सुनवाई शुरू हुई। अभियोजन ने मामले में 12 गवाहों का परीक्षण कराया। सुनवाई दौरान एक आरोपी विनोद सिंह की मौत हो गयी थी। वहीं कोर्ट ने एक आरोपी राजेंद्र सिंह को रिहा कर दिया था। अभियोजन ने वादी राजकुमार सिंह, नीरज कुमार सिंह, रिशु सिंह, मंटू सिंह व शोभा रंजन सिंह की गवाही कराकर अभियुक्तों को सजा दिलाने में सफल रहा।