Bihar: मोतिहारी में जल संसाधन विभाग के गेट के ऊपर चढ़ा शख्स, हाई वोल्टेज ड्रामा
बिहार के पूर्वी चंपारण जिले के मोतिहारी में सोमवार दोपहर में मुख्य अभियंता जल संसाधन विभाग के ऑफिस के मेन गेट पर चढ़कर एक व्यक्ति सुसाइड की धमकी देने लगा। पिछले एक घंटे से मेन गोट पर चढ़े शख्स का घंटो हाई वोल्टेज ड्रामा चला।
- गाड़ी लौटाओ, नहीं तो कूद जाऊंगा
मोतिहारी। बिहार के पूर्वी चंपारण जिले के मोतिहारी में सोमवार दोपहर में मुख्य अभियंता जल संसाधन विभाग के ऑफिस के मेन गेट पर चढ़कर एक व्यक्ति सुसाइड की धमकी देने लगा। पिछले एक घंटे से मेन गोट पर चढ़े शख्स का घंटो हाई वोल्टेज ड्रामा चला।
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16 जनवरी 2022 को मधुबन में जब्त किया गया था ट्रक
पुलिस वाले उसे नीचे उतरने की मिन्नते करते रहें। पुलिसकर्मियों ने मेन के नीचे जाल लगाकर उसे नीचे उतारा। मधुबन, पकड़ीदयाल व ढाका के तत्कालीन वन परिसर पदाधिकारी ने 16 जनवरी 2022 को अवैध लकड़ी के परिवहन के मामले में 18 चक्केवाला ट्रक (यूपी 17टी-6027) को जब्त किया था। लकड़ी मोतिहारी से बाहर ले जाने की तैयारी थी। इस आशय की जानकारी CJM को देते हुए प्राधिकृत पदाधिकारी सह वन प्रमंडल पदाधिकारी के न्यायालय में इस मामले की सुनवाई चल रही है।इस मामले में मनोज कुमार के अलावा तुरकौलिया के कवलपुर कानी टोला वार्ड संख्या-10 निवासी हरि सहनी के पुत्र रामपुकार सहनी आरोपित है। बताया गया है कि मनोज ने इस मामले में सुनवाई के दौरान बताया था कि उक्त लकड़ी न्यू कोलकाता देलही रोडवेज (एनसीआरडीआर) सर्विजेज प्राइवेट लिमिटेड मोतिहारी रोड बाइपास-72 व चांदनी चौक, मुजफ्फरपुर के कहने पर लोड किया था। वन प्रमंडल पदाधिकारी के न्यायालय से उक्त ट्रांसपोर्टर को 24 जनवरी 2023 को नोटिस की गई है। नोटिस के बाद भी उक्त ट्रांसपोर्टर उपस्थित नहीं हो सका है। नतीजतन वाहन चालक सह मालिक काफी परेशान है।
लकड़ी मालिक का नाम नहीं बता रहा वाहन मालिक
डीएफओ ने कहा है कि गाड़ी अवैध लकड़ी के परिवहन में पकड़ी गई है। इनको नोटिस किया गया है। दो नोटिस में वाहन मालिक स्वयं नहीं आया। बाद में ये उपस्थित हुआ। लकड़ी के मालिक का नाम-पता भी नहीं बता रहा है। एक ट्रांसपोर्टर का नाम बताया है। ट्रांसपोर्टर को दो नोटिस निर्गत की गई है। उसके खिलाफ तीसरी नोटिस के बाद गिरफ्तारी वारंट निर्गत किया गया है। डीएफओ ने कहा कि वाहन मालिक को पता नहीं है कि उन्होंने कानून का उल्लंघन किया है। इस मामले में वन विभाग के कानून के तहत प्रक्रिया चल रही है।