बिहार: मेडिकल, इंजीनियरिंग और स्पॉट्स यूनिवर्सिटी को मंजूरी, जेलों में बंद कैदी समय से पहले होंगे रिहा

नीतीश कैबिनेट ने शुक्रवार को बिहार में मेडिकल यूनिवर्सिटी, इंजीनियरिंग यूनिवर्सिटी और स्पॉट्स यूनिवर्सिटी विधेयक पर कैबिनेट ने शुक्रवार को मंजूरी दे दी है। 26 जुलाई से शुरू हो रहे विधानमंडल के मानसून सत्र में इस विधेयक को पारित किया जायेगा। विधानसभा से पारित होने के बाद गवर्नर की सहमति लेकर यूनिवर्सिटी अधिनियम राज्य में लागू हो जायेगा। सीएम नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई राज्य कैबिनेट की बैठक में डेढ़ दर्जन प्रस्तावों पर स्वीकृति दी गई।  

बिहार: मेडिकल, इंजीनियरिंग और स्पॉट्स यूनिवर्सिटी को मंजूरी, जेलों में बंद कैदी समय से पहले होंगे रिहा
  • कैबिनेट की बैठक में 21 एजेंडों पर लगी मुहर

पटना। नीतीश कैबिनेट ने शुक्रवार को बिहार में मेडिकल यूनिवर्सिटी, इंजीनियरिंग यूनिवर्सिटी और स्पॉट्स यूनिवर्सिटी विधेयक पर कैबिनेट ने शुक्रवार को मंजूरी दे दी है। 26 जुलाई से शुरू हो रहे विधानमंडल के मानसून सत्र में इस विधेयक को पारित किया जायेगा।
विधानसभा से पारित होने के बाद गवर्नर की सहमति लेकर यूनिवर्सिटी अधिनियम राज्य में लागू हो जायेगा। सीएम नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई राज्य कैबिनेट की बैठक में डेढ़ दर्जन प्रस्तावों पर स्वीकृति दी गई।  

इंजीनियरिंग यूनिवर्सिटी के अधीन राज्य के सभी सरकारी और निजी इंजीनियरिंग कॉलेज होंगे। वहीं, सभी मेडिकल कॉलेज मेडिकल यूनिवर्सिटी के अधीन आयेंगे। अभी इंजीनिर्यंरग और मेडिकल कॉलेज आर्यभट्ट ज्ञान यूनिवर्सिटी के अंतर्गत आते हैं। इंजीनिर्यंरग और मेडिकल कॉलेजों के लिए अलग-अलग यूनिवर्सिटी य होने से इन संस्थानों में और अधिक गुणवत्तापूर्ण शिक्षा बहाल हो सकेगी। वहीं, खेल के विकास को लेकर इसका अलग यूनिवर्सिटी बनाया जा रहा है। राजगीर में स्पॉट्स यूनिवर्सिटी की स्थापनी की जायेगी। अन्य दो यूनिवर्सिटी को राजधानी पटना में मीठापुर के समीप स्थापित करने की योजना है। इंडीनियरिंग यूनिवर्सिटी की एकेडमिक काउंसिल, जेनरल काउंसिल और प्र्लांनग बोर्ड में आईआईटी पटना, एनआईटी पटना और चंद्रगुप्त प्रबंधन संस्थान के निदेशक को भी शामिल किया गया है। कॉलेजों के पाठ्यक्रम और विकास संबंध निर्णयों में इन सबों की भी भूमिका होगी। 
सीएम होंगे chancellor 
मेडिकल यूनिवर्सिटी, इंजीनियरिंग यूनिवर्सिटी और स्पॉट्स यूनिवर्सिटी वीसी सीएम होंगे। स्टेट के अन्य यूनिवर्सिटी के chancellor गवर्नर हैं। पहली बार राज्य में इस तरह की व्यवस्था की गई है, जिसमें सीएम को chancellor बनाया गया है। chancellor की सहमति से ही विश्वविद्यालयों में वीसी समेत अन्य बड़े पदों पर नियुक्ति के लिए सर्च कमेटी का गठन किया जायेगा। सीएम नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में 21 एजेंडों पर मुहर लगाई गई है। बैठक में कैबिनेट ने BDO और DDC के अधिकार में भी कटौती के प्रस्ताव पर मुहर लगा दी।
सजायाफ्ता कैदी को समय से पहले किया जायेगा रिहा 
बिहार की जेलों में क्षमता से अधिक कैदियों और कोरोना संक्रमण को देखते हुए सजायाफ्ता कैदी को समय से पहले रिहा किया जायेगा। सजा अवधि के अनुसार उन्हें दो से छह माह पूर्व रिहा करने का निर्णय पिछले दिनों उच्च अधिकार प्राप्त समिति की अनुशंसा के बाद लिया गया है। बिहार में फिलहाल सजायाफ्ता कैदियों की संख्या करीब सात हजार है। वहीं विचाराधीन कैदियों को मिलाकर जेल में 56 हजार कैदी हैं।

हर विधानसभा क्षेत्र में एक PHC और 5 उप स्वास्थ्य केंद्र 
कैबिनेट  ने राज्य में स्वास्थ्य सुविधाओं के विस्तार और सुदृढ़ीकरण के लिए 1794.99 करोड़ की राशि से 1015 उप स्वास्थ्य केंद्र और 228 अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बनायें जायेंगे। इसके अलावा वैसे 86 प्रखंड जहां सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र नहीं बने थे, वहां 50 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के निर्माण मॉडल के आधार पर योजना के प्रशासनिक स्वीकृति की मंजूरी दी गई है। कैबिनेट ने बिहार पशु चिकित्सा सेवा संशोधन नियमावली 2021 के गठन को भी स्वीकृति दे दी है।बिहार राज्य विश्वविद्यालय सेवा आयोग कार्य संचालन नियमावली 2021 के प्रारूप पर भी कैबिनेट की स्वीकृति और कनीय सांख्यिकी संवर्ग नियमावली 2021 को भी मिल चुकी है।