बिहार: भोजपुर में मां ने शराबी बेटे के खिलाफ दी गवाही, कोर्ट से मिली पांच साल की जेल की सजा, एक लाख रुपये जुर्माना भी
बिहार में शराबबंदी पर एक एतिहासिक केस में शराबी बेटे को मां ने कोर्ट से सजा दिला दी है। शराब पीकर माता-पिता के साथ मारपीट करने व रुपये छीनने के एक मामले में आरा सिविल कोर्ट के चतुर्थ अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह उत्पाद के विशेष न्यायाधीश त्रिभुवन यादव ने सोमवार को आरोपित शराबी को पांच वर्ष की सश्रम कैद की सजा सुनाई। एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है।
आरा। बिहार में शराबबंदी पर एक एतिहासिक केस में शराबी बेटे को मां ने कोर्ट से सजा दिला दी है। शराब पीकर माता-पिता के साथ मारपीट करने व रुपये छीनने के एक मामले में आरा सिविल कोर्ट के चतुर्थ अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह उत्पाद के विशेष न्यायाधीश त्रिभुवन यादव ने सोमवार को आरोपित शराबी को पांच वर्ष की सश्रम कैद की सजा सुनाई। एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है।
शराब के नशे में माता-पिता के साथ मारपीट
एक्साइज के विशेष लोक अभियोजक राजेश कुमार ने बताया कि आरा टाउन पुलिस स्टेशन एरिया के प्रकाशपुरी शीतल टोला मोहल्ला निवासी बिपिन बिहारी यादव की पत्नी रामावती देवी ने एफआइआर दर्ज कराई थी। महिला ने आरोप लगाया था कि 10 जून, 2021 की सुबह से ही उसका पुत्र आदित्य राज उर्फ बिट्टू शराब के नशे में उन्हें और उनके पति के साथ मारपीट व गाली-गलौज किया। दोनों को कमरे में बंद कर दिया। उनसे पांच हजार रुपये भी जबरन छीन लिये। उनका लड़का हमेशा शराब के नशे में मारपीट करता है। मौके पर पहुंची पुलिस ने बिट्टू को नशे की हालत में अरेस्ट कर उसकी मेडिकल जांच कराई थी। शराब पीने की पुष्टि के बाद उसे जेल भेज दिया गया था।
अभियोजन की तरफ से तीन गवाह प्रस्तुत किये गये
विशेष लोक अभियोजक राजेश कुमार ने बताया कि इस ट्रायल में अभियोजन की तरफ से तीन गवाह प्रस्तुत किये गये। कांड की सूचक तथा अभियुक्त की मां रामावती देवी ने गवाही दी। पुलिस की तरफ से मजहर हुसैन तथा केस के आिओ नीता कुमारी ने अपना बयान कोर्ट में दर्ज कराया। आरोपित के पक्ष से कोई वकील पैरवी करने को भी तैयार नहीं हुए। रामावती देवी ने अपने बेटे को कड़ी से कड़ी सजा दिलवाने की गुहार लगाई थी। सजा के बिंदु पर सुनवाई के बाद अपर जिला सत्र न्यायाधीश सह विशेष न्यायाधीश ने दोषी पाते हुए आरोपित आदित्य राज उर्फ बिट्टू को उत्पाद अधिनियम 37 सी के तहत पांच वर्ष की सश्रम कैद, एक लाख रुपये अर्थदंड, भादवि की धारा 379 के तहत दो वर्ष की कैद, 323 के तहत पांच माह की कैद और 341 के तहत एक माह की कैद की सजा सुनाई। सभी सजाएं साथ-साथ चलेंगी।
मां ने पहले कोशिश की कि बेटे की शराब की आदत छूट जाए
रामावती देवी की पहले कोशिश यह थी कि उसके बेटे की शराब की लत किसी तरह छूट जाये। यह आदत छुड़ाने के लिए उसे डॉक्टर के पास इलाज भी करवाया था। बावजूद उसके बेटे की शराब की लत नहीं छूट सकी। नशे में अक्सर मारपीट व गाली-गलौज से आजिज आकर मां को यह कड़ा फैसला लेना पड़ा।