बिहार: दरभंगा रेलवे स्टेशन ब्लास्ट में NIA मिली बड़ी सफलका, कपड़ा कारोबारी दो सगे भाई मो. इमरान और नासिर अरेस्ट

NIA को 17 जून को दरभंगा रेलवे स्टेशन केप्लेटफॉर्म नंबर एक पर एक पार्सल में विस्फोट पर हुए पार्सल ब्लास्ट मामले में बड़ी सफलता मिली है। जांच एजेंसी ने हैदराबाद से दो सगे भाई मो. इमरान खान उर्फ इमरान मलिक और नासिर खान उर्फ नासिर मलिक को अरेस्ट किया है।

बिहार: दरभंगा रेलवे स्टेशन ब्लास्ट में NIA मिली बड़ी सफलका, कपड़ा कारोबारी दो सगे भाई मो. इमरान और नासिर अरेस्ट
  • पाकिस्तान में ली थी ट्रेनिंग
  • चलती ट्रेन में ब्लास्ट का था इरादा

पटना। NIA को 17 जून को दरभंगा रेलवे स्टेशन केप्लेटफॉर्म नंबर एक पर एक पार्सल में विस्फोट पर हुए पार्सल ब्लास्ट मामले में बड़ी सफलता मिली है। जांच एजेंसी ने हैदराबाद से दो सगे भाई मो. इमरान खान उर्फ इमरान मलिक और नासिर खान उर्फ नासिर मलिक को अरेस्ट किया है। तेलंगाना पुलिस की इंटेलिजेंस टीम की तरफ से मिले इनपुट के आधार पर एनआइे ने यह कार्रवाई की है।
NIA के अनुसार दोनों भाई आतंकी संगठन लश्करे-तैयबा से जुड़े थे। पाकिस्तान में बैठे आकाओं के इशारे पर ब्लास्ट की प्लानिंग की थी। इनका मकसद पैसेंजर्स से भरी रनिंग सिकंदराबाद-दरभंगा स्पेशल ट्रेन में ब्लास्ट करना था। इससे भारी जानमाल का नुकसान होता। कपड़े के बंडल में जो 100ML की शीशी मिली थी, उसके अंदर लिक्विड फॉर्म में IED थी। पकड़ा गया नासिर मलिक इसका एक्सपर्ट है।
प्रारंभिक जांच और आरोपितों से पूछताछ में पता चला है कि दोनों प्रतिबंधित संगठन लश्कर-ए-तैयबा के शीर्ष गुर्गों द्वारा पूरे भारत में आतंकी घटनाओं को अंजाम देने की साजिश रचते थे।लश्कर-ए-तैयबा के पाकिस्तान में रहनेवाले शीर्ष नेताओं के निर्देशों पर कार्रवाई करते हुए मोहम्मद नासिर खान और उसके भाई इमरान मलिक ने आईईडी बनाकर उसे कपड़े के पार्सल में पैक किया।इसके बाद सिकंदराबाद से दरभंगा तक लंबी दूरी की ट्रेन में बुक किया। आरोपितों का उद्देश्य चलती यात्री ट्रेन में विस्फोट करना था, जिससे भारी जान-माल का नुकसान हो सके।

नासिर ने पाकिस्तान में ली है केमिकल से IED बनाने की ट्रेनिंग

तेलंगाना पुलिस की इंटेलिजेंस सेल के पास इनपुट थी कि इमरान मलिक और नासिर मलिक आतंकी संगठन लश्करे-तैयबा से जुड़े हैं। ह्यूमन इंटेलिजेंस और टेक्निकल सर्विलांस के जरिए इनके मूवमेंट के बारे में पता किया जा रहा था। कई दिनों से कड़ी नजर रखी जा रही थी। फुलप्रुफ प्लान के तहत दोनों को हैदराबाद से ही पकड़ा गया।NIA का दावा है कि ये दोनों लश्कर की सीमा पार से बनाई गई एक बड़ी साजिश का हिस्सा हैं। नासिर मलिक साल 2012 में पाकिस्तान गया था। वहीं इसने केमिकल से IED बनाने की ट्रेनिंग ली थी।
मूल रूप से यूपी  शामली के रहने वाले हैं दोनों भाई

बिहार से लौटने के बाद से ही NIA की एक टीम हैदराबाद में कैंप कर रही है। पकड़े गये दोनों भाई से पूछताछ चल रही है। इन दोनों को ट्रांजिट रिमांड पर बिहार लाकर पटना के NIA कोर्ट में पेश किया जायेगा। कपड़ा कारोबारी दोनों भाई मूल रूप से उत्तर प्रदेश के शामली के रहने वाले हैं। पिछले कई सालों से हैदराबाद में रहकर अपना कारोबार चला रहे थे।

लेडीज सूट मिली कई जानकारियां
सोर्सेज का कहना है कि कि उत्तर प्रदेश के कैराना से जिस सलीम को पकड़ा गया था, उसके कांटैक्ट पाकिस्तान के इकबाल काना से थे। वह लगातार उसके संपर्क में था। दरभंगा में हुए ब्लास्ट की जिम्मेवारी ISI से सलीम को मिली थी। इसने आगे के काम के लिए हैदराबाद के रहने वाले दोनों भाई मो. इमरान मलिक और नासिर मलिक को सौंपा। जांच और पूछताछ के दौरान यह बात सामने आई है कि पूर्व में दोनों भाई आतंकी संगठन सिमी के लिए भी काम कर चुके हैं। इसके लिए एक बड़ी रकम की फंडिंग की गई है।दरभंगा ब्लास्ट के बाद जब रेल पुलिस और RPF की टीम ने उस बंडल को खंगाला था, जिसके अंदर ब्लास्ट हुआ था, तो उसमें लेडिज सूट मिले थे। इस मामले में अब उत्तर प्रदेश के ही शामली के कुछ नामी लेडीज सूट कारोबारियों के नाम सामने आये हैं। इनके बारे में अब NIA की टीम जांच कर रही है। इस मामले में दो लोगों से पूछताछ भी चल रही है।