बिहार: आरसीपी सिंह बने JDU के नेशनल प्रसिडेंट, राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में नीतीश कुमार के प्रोपोजल को मंजूरी

हार के सीएम नीतीश कुमार ने अपने खासमखास आरसीपी सिंह को जेडीयू का नेशनल प्रसिडेंट बना दिया है। पटना में चल रही पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में नीतीश कुमार ने आरसीपी सिंह को प्रसिडेंट बनाने का प्रोपोजल रखा, जिसे सर्वसम्मति से मंजूरी मिल गयी।

बिहार: आरसीपी सिंह बने JDU के नेशनल प्रसिडेंट, राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में नीतीश कुमार के प्रोपोजल को मंजूरी
  • नीतीश कुमार ने अपने खामसखास को सौंपी पार्टी की जिम्मेवारी
  • नीतीश के गृह जिला नालंदा के स्वाजातीय हैं एक्स आइएस अफसर आरसीपी

पटना। बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने अपने खासमखास आरसीपी सिंह को जेडीयू का नेशनल प्रसिडेंट बना दिया है। पटना में चल रही पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में नीतीश कुमार ने आरसीपी सिंह को प्रसिडेंट बनाने का प्रोपोजल रखा, जिसे सर्वसम्मति से मंजूरी मिल गयी।

वर्तमान में नीतीश कुमार जेडीयू नेशनल प्रसिडेंट व आरसीपी सिंह महासचिव थे। नीतीश ने कहा कि सीएम रहते हुए राष्ट्रीय अध्यक्ष रहना संभव नहीं है। नीतीश कुमार ने बैठक में कहा कि आरसीपी सिंह संगठन का काम काफी पहले से देख रहे हैं। वह संगठन महासचिव का पद भी संभाल रहे हैं। इसी से उन्हें अध्यक्ष बनाने का प्रस्ताव है। नीतीश कुमार के इस प्रस्ताव के बाद से आरसीपी सिंह के नाम पर मुहर लग गई। 

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार बैठक में सीएम नीतीश कुमार ने बिहार विधानसभा के चुनाव में पार्टी की उम्मीद से खराब प्रदर्शन की जिम्मेदारी ली। सीएम की जिम्मेदारी होने के कारण वह पार्टी को समय नहीं दे पा रहे हैं। पार्टी को आगे बढ़ाने के लिए जदयू को फुल टाइम अध्यक्ष की जरूरत है। फुल टाइम अध्यक्ष से जदयू को बिहार में तीसरे नंबर की से पहले नंबर की पार्टी बना सकता है।  इस बीच राजनीतिक जानकारों का मानना है कि बिहार विधानसभा चुनाव में जदयू के निराशाजनक प्रदर्शन के बाद से ही कयास लगने शुरू हो गये थे कि पार्टी के अंदर बड़ा उलटफेर होगा। नीतीश की ओर आरसीपी को कमान दी जा सकती है। विधानसभा चुनाव में जदयू को 43 तो भाजपा को 74 सीटें मिली हैं। 

आरसीपी सिंह से कैसे नीतीश कुमार से बढ़ी नजदीकियां? 
सीएम नीतीश कुमार व राज्यसभा सांसद आरसीपी सिंह दोनों ही बिहार के नालंदा जिले के रहने वाले हैं। दोनों ही कुर्मी जाति से आते हैं। बताया जाता है कि नीतीश कुमार आरसीपी सिंह के नौकरशाह के तौर पर उनकी भूमिका से काफी प्रभावित थे। बाद में नीतीश कुमार ने आरसीपी सिंह को अपने साथ ले आये। जब नीतीश कुमार रेलमंत्री बने थे तो सिंह को विशेष सचिव बनाया।

यूपी कैंडर के आइएएस रहें हैं आरसीपी

नवंबर 2005 में नीतीश कुमार बिहार के मुख्यमंत्री बने तो आरसीपी सिंह को साथ लेकर बिहार भी आये। आरसीपी को सीएम के प्रमुख सचिव की जिम्मेदारी दी गई। इसके बाद आरसीपी की जदयू में में पकड़ मजबूत होने लगी। आरसीपी सिंह ने 2010 में वीआरएस लिया। इसके बाद उन्हें जेडीयू ने राज्यसभा के नामित किया। नीतीश कुमार ने 2016 में आरसीपी को फिर से राज्यसभा भेजा।नालंदा जिले के मुस्तफापुर में वर्ष 1958 की छह जुलाई को जन्में आरसीपी सिंह के पिता का नाम स्वर्गीय सुखदेव नारायण सिंह व माता का नाम स्वर्गीय दुख लालो देवी था। आरसीपी सिंह की प्रारंभिक शिक्षा हुसैनपुर, नालंदा और पटना साइंस कॉलेज से हुई। बाद में जेएनयू में पढ़ने के लिए गये। इसके बाद उनका चयन प्रशासनिक सेवा में हो गया। यूपी कैडर मिला और वह  रामपुर, बाराबंकी, हमीरपुर और फतेहपुर के डीएम रहे।

बेनी प्रसाद वर्मा नेनतीश कुमार से मिलाया था आरसीपी को
यूपी में आरपीसी की सपा के कद्दावर नेता रहे बेनी प्रसाद वर्मा से नजदीकियां बढ़ी।बेनी प्रसाद वर्मा केंद्रीय संचार मंत्री थे तो आरसीपी सिंह उनके निजी सचिव थे। इसके बाद नीतीश कुमार रेल मंत्री बने तो बेनी प्रसाद वर्मा ने उनसे आरसीपी सिंह का परिचय कराया। उन्हें अपने साथ रखने की सलाह दी थी। नीतीश कुमार ने इसी के बाद उन्हें अपना निजी सचिव रखा था। नीतीश मुख्यमंत्री बने तो वह पांच सालों तक उनके प्रधान सचिव रहे। उसके बाद नीतीश जब बिहार के सीएम बने तो आरसीपी को अपना प्रधान सचिव बनाया। फिर उन्हें राजनीति में लाकर  राज्यसभा का सांसद बना दिया। दोनों नेताओं के बीच अच्छी केमिस्ट्री है।