Bihar : पटना लाठीचार्ज मामले में SIT या CBI जांच की मांग वाली याचिका खारिज, SC ने कहा हाईकोर्ट में करें अपील
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को पटना लाठीचार्ज के खिलाफ दायर पीआईएल को खारिज कर दिया है। याचिकाकर्ता ने 13 जुलाई को विरोध के दौरान बीजेपी लीडर विजय सिंह की मौत के लिए रिटायर्ड जज की अध्यक्षता में एसआईटी या सीबीआई जांच की मांग की थी। सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस दीपांकर दत्ता की पीठ ने याचिकाकर्ता को पटना हाईकोर्ट जाने को कहा।
- बीजेपी को लगा बड़ा झटका
- सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई से किया इनकार
पटना। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को पटना लाठीचार्ज के खिलाफ दायर पीआईएल को खारिज कर दिया है। याचिकाकर्ता ने 13 जुलाई को विरोध के दौरान बीजेपी लीडर विजय सिंह की मौत के लिए रिटायर्ड जज की अध्यक्षता में एसआईटी या सीबीआई जांच की मांग की थी। सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस दीपांकर दत्ता की पीठ ने याचिकाकर्ता को पटना हाईकोर्ट जाने को कहा।
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बेंच ने कहा कि हाइकोर्ट संवैधानिक अदालतें हैं। संविधान के अनुच्छेद 226 के तहत उनकी शक्ति बहुत अधिक है। अगर उन्हें लगता है कि लोकल पुलिस ठीक से काम नहीं कर रही है तो लोकल हाइकोर्ट होने के नाते वे निगरानी कर सकते हैं और सक्षम अधिकारियों के साथ एसआईटी का गठन कर सकते हैं। इस पर बेंच के विचारों को भांपते हुए याचिकाकर्ता ने मामला वापस ले लिया और मामले को वापस लिया गया मानकर खारिज कर दिया गया।
सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट को केस पर सुनवाई करने को कहा
सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट से मामले को तत्काल आधार पर उठाने और शीघ्र निर्णय लेने को कहा है। साथ ही स्पष्ट किया कि मामले के गुण-दोष पर कुछ भी व्यक्त नहीं किया गया है। जहानाबाद जिले के बीजेपी लीडर विजय सिंह की विधानसभा मार्च में हिस्सा लेने के दौरान मौत हो गई थी, जबकि पार्टी नेताओं ने दावा किया कि पुलिस द्वारा क्रूर लाठीचार्ज में उनकी मृत्यु हो गई, पटना जिला प्रशासन ने एक संक्षिप्त बयान में कहा कि उनके शरीर पर कोई चोट के निशान नहीं पाये गये।
बिहार निवासी भूपेश नारायण द्वारा सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में बिहार के सीएम नीतीश कुमार, डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव और राज्य के पुलिस प्रमुख सहित अन्य अधिकारियों द्वारा कथित तौर पर सुरक्षा के लिए निभाई गई भूमिका की जांच करने का भी अनुरोध किया गया था।
पटना के डाकबंगला चौराहे पर 13 जुलाई को बता दें कि 13 जुलाई को नेताओं-कार्यकर्ताओं पर हुआ था लाठीचार्ज, जिसमें कई नेता और एक एमपी भी घायल हो गए थे, जबकि एक बीजेपी लीडर विजय सिंह की मौत भी हो गई थी। बीजेपी ने आरोप लगाया था कि लाठीचार्ज से उनकी मौत हुई है। हालांकि, पुलिस ने इस बात से इनकार कर दिया। वहीं, पोस्टमार्टम रिपोर्ट में भी लाठीचार्ज से मौत का जिक्र नहीं था। बीजेपी ने पोस्टमार्टम रिपोर्ट भी सवाल उठाए थे।