बिहार: RJD के बाहुबली MLA अनंत सिंह एके-47 और ग्रेनेड मामले में दोषी करार,21 जून को होगी सजा पर बहस
पटना की स्पेशल एमपी-एमएलए कोर्ट ने आरजेडी का मोकामा के बाहुबली एमएलए अनंत सिंह पैतृक घर से प्रतिबंधित हथियार एके-47 और ग्रेनेड की बरामदगी के मामले में दोषी करार दिया है। इस मामले में कोर्ट ने एमएलए के एक करीबी सुनील राम को भी दोषी माना है। सजा पर फैसला 21 जून को होगा। 21 जून को सजा के बिन्दु पर सुनवाई होगी।
- खतरे में छोटे सरकार की विधायकी
पटना। पटना की स्पेशल एमपी-एमएलए कोर्ट ने आरजेडी का मोकामा के बाहुबली एमएलए अनंत सिंह पैतृक घर से प्रतिबंधित हथियार एके-47 और ग्रेनेड की बरामदगी के मामले में दोषी करार दिया है। इस मामले में कोर्ट ने एमएलए के एक करीबी सुनील राम को भी दोषी माना है। सजा पर फैसला 21 जून को होगा। 21 जून को सजा के बिन्दु पर सुनवाई होगी।
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पुलिस अभियोजन पक्ष और बचाव पक्ष की बहस पूरा होने के बाद एमपी एमएलए कोर्ट के स्पेशल जज त्रिलोकी दूबे ने यह फैसला सुनाया। कोर्ट ने एमएलए की ओर से दिये गये सभी तर्कों को खारिज कर दिया है। अनंत सिंह फिलहाल जेल में हैं।एमपी एमएलए कोर्ट ने इस मामले एमएलए अनंत सिंह और केयर टेकर सुनील राम पर 15 अक्टूबर 2020 में आरोप गठित किया था। इसके बाद इस कांड में नियुक्त विशेष लोक अभियोजक ने 13 पुलिस अभियोजन गवाहों को कोर्ट में पेश किया था। इसके बाद एमएलए अनंत सिंह की ओर से बचाव पक्ष ने कुल 33 गवाह पेश किये गये। इस क्रिमिनल केस को बिहार गवर्नमेंट ने विशेष कांड की कटेगरी में रखा है। स मामले आरोपी के खिलाफ ट्रायल के लिए विशेष लोक अभियोजक को नियुक्त किया है। इस कांड का स्पीडी ट्रायल चलाया गया है। इस कांड का अनुसंधान बाढ़ अनुमंडल की तत्कालीन एएसपी लिपी सिंह ने किया था। एमएलए अनंत कुमार सिंह और केयर टेकर सुनील राम के खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट दायर किया था।
सबसे कम सजा सात साल की सजा,विधायकी खतरे में
MP-MLA कोर्टद्वारा AK-47 मामले में एमएलए अनंत सिंह को दोषी ठहराये जाने के बाद अब उनकी विधायकी खतरे में पड़ गई है। मोकामा विधानसभा की सीट से उन्हें अपना हाथ धोना पड़ सकता है। उनके पुश्तैनी घर से मिले AK-47 के मामले में उन पर IPC के साथ ही आर्म्स एक्ट और विस्फोटक पदार्थ अधिनियम की धाराएं लगाई गई हैं। ऐसे में उन्हें कम से कम सात साल या इससे अधिक उम्र कैद की सजा सुनाई जा सकती है। दो साल से अधिक की सजा मिलने पर विधायकी समाप्त होने का प्रावधान है।पुलिस ने अपने ही बयान पर बाढ़ थाना में FIR नंबर 389/19 दर्ज किया था।उस वक्त इस केस में IPC की 414, 120B, 25(1)(B)(A) आर्म्स एक्ट, 25(1)(a) आर्म्स एक्ट, 25 (1)(AA)r/w 35 आर्म्स एक्ट और 3/4 विस्फोटक पदार्थ अधिनियम के साथ ही 13 UAPA एक्ट की धारा को भी जोड़ा गया था। हालांकि, अनंत सिंह के वकील के मुताबिक बाद में पुलिस ने 13 UAPA एक्ट को वापस ले लिया था। इस धारा के तहत पुलिस ने चार्जशीट भी नहीं किया था।
आइपीसी सेक्शन के आधार पर इस तरह से सजा का प्रावधान
IPC 414 - छुपाकर आर्म्स रखने के मामले में धिकतम तीन साल की सजा का प्रावधान।
IPC 120B - संलिप्तता के आधार पर मूल सजा के अनुसार
25(1)(B)(A) आर्म्स एक्ट - 10 साल की सजा या फिर जुर्माना के साथ आजीवन कारावास तक की सजा।
25(1)(a) आर्म्स एक्ट - कम से कम 7 साल और इससे अधिक 10 साल की सजा का प्रावधान ।
25 (1)(AA)r/w 35 आर्म्स एक्ट - 7 साल या आजीवन कारावास की सजा का प्रावधान है।
3/4 विस्फोटक अधिनियम - आम लोगों को नुकसान पहुंचाने के लिए विस्फोटक रखने वाले को 10 साल या आजीवन कारावास की सजा दिये जाने का प्रावधान।
यह है मामला
पटना पुलिस ने गुप्त सूचना के आधार मोकामा एमएलए अनंत कुमार सिंह के पैतृक घर बाढ़ थाना के लदवां गांव में 16 अगस्त 2019 को रेड थी। बाढ़, मोकामा, पंडारक, एनटीपीसी तथा हाथीदह थाना की पुलिस ने संयुक्त रेड के दौरान एमएलए के पुश्तौनी घर से प्रतिबंधित आर्म्स एके-47,33 जिंदा कारतूस और दो ग्रेनेड बरामद हुई थी। मामले में तत्कालीन बाढ़ थानाध्यक्ष ने सूचक बन कर कांड संख्या 389/2019 में एफआइआर दर्ज किया था। पुलिस ने अनंत सिंह और एक अन्य आरोपित सुनील राम के खिलाफ चार नवंबर, 2019 को आरोप पत्र दाखिल किया था। आरोप पत्र आइपीसी की धारा 414, 120बी, आर्मस एक्ट की धारा 25 (1-ए), 25 (1-ए ए), 25 (1-बी), सी, 26 व 35 एवं विस्फोटक पदार्थ अधिनियम की धारा 314 के तहत दाखिल किया। विशेष कोर्ट द्वारा 15 अक्टूबर, 2020 को आरोपितों के खिलाफ आरोप गठन किया गया था।इससे पहले 2015 में अनंत सिंह के पटना स्थित सरकारी आवास से इंसास राइफल की मैगजीन और विदेशी बुलेटप्रूफ जैकेट बरामद किये जाने का मामला भी दर्ज है। इस मामले की भी सुनवाई अंतिम दौर में है।
लुकआउट नोटिस हुआ था जारी
इस कांड में पटना पुलिस मोकामा एमएलए अनंत सिंह को अरेस्ट करने के लिए लुकआउट नोटिस भी जारी किया था। फरार चल रहे मोकामा विधायक दिल्ली के साकेत कोर्ट में अगस्त में सरेंडर किया था। इसके बाद पटना पुलिस ने एमएलए अनंत सिंह को दिल्ली से ट्रांजिट रिमांड लेकर पटना के कोर्ट में पेश किया था। हालांकि एमएलए इस मामले में खुद के निर्दोष रहने और फंसाए जाने की बात कहते रहे हैं।
कभी नीतीश कुमार तो अब तेजस्वी यादव के हैं करीबी
बिहार में एक समयथा जब अनंत सिंह, बिहार के सीएम नीतीश कुमार के मुरीद थे। बाद में उनके खिलाफ आपराधिक मामले सामने आते गये। वे जदयू और नीतीश कुमार के विरोधी बनते चले गये। जेडीयू ने अनंत सिंह को पार्टी से निकाल दिया। इसके बाद वह मोकामा से निर्दलीय एमएलए बने। इसी दौरान आरजेडी और तेजस्वी यादव से उनकी नजदीकियां बढ़ीं। अनंत सिंह 2020 में वे आरजेडी के टिकट पर विधानसभा का चुनाव लड़कर जीते। वे पांच बार विधानसभा चुनाव जीत चुके हैं। अब तेजस्वी यादव के खास लोगों में उनकी गिनती है। स्थानीय निकाय कोटे की विधान परिषद सीट के लिए चुनाव में तेजस्वी यादव ने अनंत सिंह के करीबी को कार्तिकेय कुमार उर्फ मास्टर साहब को टिकट दिया था। मास्टर एमएलसी चुनाव जीते गये।
आरसीपी सिंह और लिपि सिंह का कनेक्शन
बाहुबली एमएलए अनंत सिंह पर एके-47 वाले मामले में आइपीएस अफसर लिपि सिंह ने एक्शन लिया। लिपि सिंह सेंट्रल मिनिस्टर व आरजेडी लीडर आरसीपी सिंह की बेटी हैं। अनंत सिंह और उनके करीबियों ने इस केस के सामने आने के बाद लिपि सिंह पर उनके पिता आरसीपी सिंह और सीएम नीतीश कुमार के इशारे पर काम करते हुए फंसाने का आरोप तक लगाया था। पिछले दिनों जब जदयू ने आरसीपी सिंह को राज्यसभा के लिए टिकट नहीं दिया तो अनंत सिंह ने अपना मामला याद दिलाते हुए चुटकी ली थी।