बोकारो: झरना बाबा उर्फ बाबा रामदास नहीं रहे ,110 वर्ष की उम्र में किया देहत्याग
चंदनकियारी नीलांचल आश्रम के प्रमुख बाबा रामदास उर्फ झरना बाबा अब नहीं रहे। पुरूलिया जिले के अनाड़ा में बुधवार को 110 वर्ष की उम्र में उन्होंने इस लोक को त्याग दिया।
- पुरुलिया के अनाड़ा में अंतिम सांस ली
- चंदनकियारी के नीलांचल आश्रम में शुक्रवार को समाधि कार्यक्रम
बोकारो। चंदनकियारी नीलांचल आश्रम के प्रमुख बाबा रामदास उर्फ झरना बाबा अब नहीं रहे। पुरूलिया जिले के अनाड़ा में बुधवार को 110 वर्ष की उम्र में उन्होंने इस लोक को त्याग दिया।
अनाड़ा में भी बाबा काआश्रम है। पिछले तीन माह से शिष्य के आग्रह पर बाबा अनाड़ा में ही विराज कर रहे थे। बाबा के पार्थिव देह को चंदनकियारी लाया जा रहा है। प्रवीर ओझा ने सूचना दी है कि शुक्रवार को उनके देह को चंदनकियारी के मानपुर स्थित नीलांचल आश्रम में समाधिस्थ किया जायेगा।
उल्लेखनीय है अंतिम समय तक बाबा रामदास सक्रिय रहे। मानपुर के अलावा अनाड़ा में भी उनके आश्रम हैं। चंदनकियारी में शिक्षा का ज्योत जगाने के लिए उन्होंने दो स्कूलों की भी स्थापना की। एक विद्यालय खेदाडीह में संचालित होता है।मूलतः बाबा ओडिशा के रहनेवाले थे। झारखं, बंगाल, ओडिशा में उनके शिष्यों की लम्बी श्रृंखला है। घर-परिवार से उनका कभी नाता नहीं रहा। आजीवन वे त्याग और तपस्या में ही लीन रहे।
चंदनकियारी के महान संत झरना बाबा का देह त्याग देने से लोग अत्यंत ही दुखी है। बाबा ने झरना जैसे निर्जन स्थान को एक स्वरूप और अलग धार्मिक पहचान दिलाई। लोगों ने कहा कि उन्हें कभी भुलाया नहीं जा सकता। चंदनकियारी के साथ-साथ बोकारो व पश्चिम बंगाल ,उड़ीसा व बिहार सहित अन्य राज्यों की जनता सदैव उनके देव स्वरूप को हृदय में धारण कर रखेगी।