बाहुबली मुख्तार अंसारी को पंजाब कोर्ट पहुंचाने वाली बुलेट प्रुफ एंबुलेंस की उत्तर प्रदेश एआरटीओ ऑफिस से फाइल गुम

पंजाब की रोपड़ जेल में बंद यूपी के माफिया डॉन बाहुबली एमएलए मुख्तार अंसारी को मोहाली कोर्ट में पहुंचाने वाली बुलेट प्रुफ एंबुलेंस की फाइल गुम हो गयी है। जेल से मुख्तार को यूपी के बाराबंकी जिले से रजिस्टर्ड नंबर वाली एंबुलेंस से लाया गया था। एआरटीओ ऑफिस से एंबुलेंस की फाइल गुम हो गयी है।

बाहुबली मुख्तार अंसारी को पंजाब कोर्ट पहुंचाने वाली बुलेट प्रुफ एंबुलेंस की उत्तर प्रदेश  एआरटीओ ऑफिस से फाइल गुम
  • एंबुलेंस का रजिसट्रेशन श्याम संजीवनी हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर के नाम पर 
  • फिटनेस वैधता और इंश्योरेंस हो चुकी है समाप्त

लखनऊ। पंजाब की रोपड़ जेल में बंद यूपी के माफिया डॉन बाहुबली एमएलए मुख्तार अंसारी को मोहाली कोर्ट में पहुंचाने वाली बुलेट प्रुफ एंबुलेंस की फाइल गुम हो गयी है। जेल से मुख्तार को यूपी के बाराबंकी जिले से रजिस्टर्ड नंबर वाली एंबुलेंस से लाया गया था। एआरटीओ ऑफिस से एंबुलेंस की फाइल गुम हो गयी है।
एंबुलेंस जिस हॉस्पीटल का नाम पर रजिस्टर्ड थी उस हॉस्पीटल का सीएमओ ऑफिस से भी रजिस्ट्रेशन नहीं है। इसके बावजूद एंबुलेंस का रजिस्ट्रेशन हो गया। इस एंबुलेंस बिना इंश्योरेंस और फिटनेस वैधता वर्ष 2017 में ही समाप्त हो चुकी है। अब इसकी रजिस्ट्रेशन फाइल एआरटीओ में गुम हो गई है। पूरे मामले में बहुचर्चित मर्डर का शूटर जो मुख्तार का नजदीकी है की संलिप्तात होने की बात कही जा रही है।
एंबुलेंस बन गया बुलेट प्रूफ
एंबुलेंस हॉस्पिटल की संचालिका मऊ जिले की डॉ.अलका राय की है। एंबुलेंस की आरसी में दर्ज मोबाइल नंबर भी मऊ के व्यक्ति का बताया जा रहा है। फिटनेस वैधता और इंश्योरेंस समाप्त होने के बावजूद एंबुलेंस पांच साल तक कहां रही इसकी जानकारी ट्रांसपोर्ट व हेल्थ डिपार्टमेंट के पास नहीं थी। एंबुलेंस उत्तर प्रदेश से पंजाब पहुंच गई। एंबुलेंस को बुलेट प्रूफ बना दिया गया, है। इस कारण से इसे  फिटनेस के लिए नहीं लाया गया। इसकी फाइल के गुम हो जाने को भी मुख्तार के प्रभाव से जोड़कर देखा जा रहा है।
बाराबंकी एआरटीओ में रजिस्टर्ड है एंबुलेंस
पंजाब की रोपड़ जेल से मोहाली कोर्ट में मुख्तार अंसारी को जिस एंबुलेंस से लाया गया वह बाराबंकी एआरटीओ में रजिस्टर्ड है। एंबुलेंस( यूपी 41 एटी 7171 )का 21 दिसंबर 2013 को श्याम संजीवनी हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर के नाम पर रजिस्ट्रेशन कराया गया था। इसकी फिटनेस वैधता 31 जनवरी, 2017 को और इंश्योरेंस दस जनवरी 2017 को समाप्त हो चुका है। लास्ट बार इस एंबुलेंस को जनवरी 2016 में एआरटीओ आफिस फिटनेस के लिए लाया गया था। इसके बाद ये एंबुलेंस दुबारा नहीं लाई गई।श्याम संजीवनी हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर के नाम से रजिस्टर्ड एंबुलेंस का मामला प्रकाश में आने के बाद उसकी खोज की जा रही है। यह हॉस्पीटवलकेवल एंबुलेंस की आरसी पर दर्ज मात्र पाया गया, भौतिक रूप से इसका पता नहीं चल सका है।