उत्तर प्रदेश: धर्मांतरण कराने वाले रैकेट का भंडाफोड़, ATS ने दो मौलानाओं को किया अरेस्ट,1000 हिंदुओं का करा चुके हैं धर्म परिवर्तन
पी एसटीएफ ने रुपये, मूक बधिर छात्रों व कमजोर आय वर्ग के लोगों को धन, नौकरी व शादी करवाने का लालच देकर धर्मांतरण कराने वाले सिंडिकेट का खुलासा किया है। एटीएस टीम ने गैंग से दो मौलाना काजी जहांगीर आलम और मोहम्मद उमर गौतम को अरेस्ट किया है। इस गैंग पर अब एक हजार हिंदुओं को धर्मांतरण करके मुस्लिम बनाने का आरोप है। इन्हें पाकिस्तानी ISI और विदेशों फंडिंग होती थी।
- पाकिस्तान से ISI कर रहा था फंडिंग
लखनऊ। यूपी एसटीएफ ने रुपये, मूक बधिर छात्रों व कमजोर आय वर्ग के लोगों को धन, नौकरी व शादी करवाने का लालच देकर धर्मांतरण कराने वाले सिंडिकेट का खुलासा किया है। एटीएस टीम ने गैंग से दो मौलाना काजी जहांगीर आलम और मोहम्मद उमर गौतम को अरेस्ट किया है। इस गैंग पर अब एक हजार हिंदुओं को धर्मांतरण करके मुस्लिम बनाने का आरोप है। इन्हें पाकिस्तानी ISI और विदेशों फंडिंग होती थी।
एडीजी लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार ने सोमवार को लखनऊ में प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह जानकारी दी। एडीजी बताया कि पुलिस गिरफ्त में आये मुफ्ती काजी जहांगीर आलम कासमी पुत्र ताहिर अख्तर निवासी ग्राम जोगाबाई, जामिया नगर, नई दिल्ली व मोहम्मद उमर गौतम पुत्र धनराज सिंह गौतम निवासी बाटला हाउस, जामिया नगर, नई दिल्ली के निवासी हैं। उमर ने पूछताछ में बताया कि उसने अभी तक एक हजार गैर मुस्लिम लोगों को मुस्लिम धर्म में परिवर्तित कराया है। बड़ी संख्या में उनकी मुस्लिमों से शादी कराई है।एटीएस ने यूपी के गोमती नगर पुलिस स्टेशन में इन दोनों के अलावा जामिया नगर स्थित इस्लामिक दावा सेंटर के चेयरमैन के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है।
कानपुर, बनारस और नोएडा में कराया धर्म परिवर्तन
दोनों मौलाना दावा इस्लामिक सेंटर के नाम से संस्था चलाते हैं। मौलाना उमर और जहांगीर के बारे जानकारी मिली कि नोएडा डेफ सोसायटी में संचालित मूक-बधिर स्कूल के छात्र-छात्राओं को बरगलाकर और प्रलोभन देकर धर्म परिवर्तन करवा चुके हैं। धर्म परिवर्तित एक हजार महिलाओं, बच्चों की सूची मिली है। कानपुर, बनारस और नोएडा के भी तमाम बच्चों, महिलाओं का धर्म परिवर्तन करवा चुके हैं। कानपुर के एक बच्चे को साउथ के किसी शहर में ले जाया गया है। उसके बारे में STF पता लगा रही है।ये लोग गरीब हिंदुओं को निशाना बनाते थे।अब तक एक हजार से ज्यादा हिंदुओं का धर्मांतरण कर चुके हैं। ये दोनों मौलाना ज्यादा मूक बधिर और महिलाओं का धर्म परिवर्तन करवाते थे। उमर और उसके साथियों द्वारा धर्म परिवर्तन के लिए IDC (Islamic Dawah Center) कार्यालय पता- C 2, जोगाबाई एक्सटेंशन, जामिया नगर, नई दिल्ली, नाम की संस्था चलाई जा रही थी। इस काम के लिए संस्था को भारी विदेशी फंडिंग भी होती थी। ये लोग धर्मांतरण से सम्बंधित प्रमाण पत्र और विवाह के प्रमाण पत्र भी गैर कानूनी रूप से तैयार करवाते थे। ये लोग बड़ी संख्या में लड़कियों की धर्मांतरण के बाद शादी भी करवा चुके हैं।
डीजीपी के निर्देशन में एडीजी (लॉ एंड ऑर्डर) द्वारा चलाये जा रहे अभियान के दौरान यूपीएटीएस को सूचना प्राप्त हो रही थी कि कुछ देश विरोधी व असामाजिक तत्व, धार्मिक संगठन या सिंडिकेट आईएसआई व विदेशी संस्थाओं के निर्देश व उनसे प्राप्त फंडिंग के आधार पर लोगों का धर्म परिवर्तन कर रहे हैं।ये लोग उनके मूल धर्म के प्रति नफरत फैलाकर उन्हें संगठित अपराध के लिए उकसा रहे थे।
उमर गौतम स्वयं हिन्दू से मुस्लिम में परिवर्तित होकर धर्मांतरण का अभियान चला रहा था। इन लोगों ने नोएडा के 117 बच्चों का धर्मांतरण कराया था।धर्मांतरण के लिए विदेशों से फंडिंग करवाई जा रही थी। धर्मांतरण के एवज में लोगों को पैसे, नौकरी और शादी करवाने का लालच दिया जा रहा था। एडीजी ने कहा कि मामले में फॉरन फंडिंग के सुबूत मिले हैं।एक साल में 250 से 300 लोगों का धर्मांतरण कराया जाता था।
पहले नाम बताया काशी गुप्ता, एटीएस पूछताछ में निकला काशिफ
बताया जाता है कि गाजियाबाद में डासना के स्वामी यति नरसिंहानंद के आश्रम से दो जून की शाम आठ बजे दो संदिग्धों को पकड़ा गया था। दोनों संदिग्ध आश्रम में घुस गये थे। जब पूछताछ हुई तो एक ने अपना नाम विपुल विजयवर्गीय और दूसरे ने अपना नाम काशी गुप्ता बताया। जब पुलिस ने काशी गुप्ता से सख्ती से पूछताछ की तो पता चला उसका असली नाम काशिफ है।आश्रम से पकड़े गये विपुल विजयवर्गीय और काशी गुप्ता उर्फ काशिफ से ATS ने लंबी पूछताछ की, जिसमें पता चला कि विपुल विजयवर्गीय भी धर्मांतरण कर चुका है। काशी गुप्ता उर्फ काशी और विपुल विजयवर्गीय महराष्ट्र में काफी दिन रहे हैं।
उक्त दोनों से पूछताछ के बाद मौलाना गौतम का सुराग मिला और धर्म परिवर्तन के इस बड़े रैकेट का खुलासा हुआ।उमर गौतम ने खुद साढ़े तीन दशक पहले 20 साल की उम्र में धर्मांतरण कर हिंदू धर्म छोड़ इस्लाम धर्म अपनाया था। इस्लाम अपनाने के बाद से वो दिल्ली के जामिया नगर इलाके में इस्लामिक दावा सेंटर चला रहे थे। इस सेंटर के जरिए वो दूसरे तमाम धर्म के लोगों को जो इस्लाम धर्म अपनाने के लिए प्रेरित करने का काम करते थे।