मनीष सिसोदिया के घर से 14 घंटे जांच के बाद निकली CBI, FIR दर्ज, अब ED भी मनी लांड्रिंग के तहत खोलेगी राज
दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया के घर से सीबीआई रेड के दौरान लगभग 14 घंटे लगातार जांच की है। सीबीआई ने यह रेड दिल्ली सरकार की नई एक्साइज पॉलिसी को लेकर की है।
नई दिल्ली। दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया के घर से सीबीआई रेड के दौरान लगभग 14 घंटे लगातार जांच की है। सीबीआई ने यह रेड दिल्ली सरकार की नई एक्साइज पॉलिसी को लेकर की है।
यह भी पढ़ें:राहुल ने इनकार किया तो कौन बनेगा कांग्रेस प्रसिडेंट ? कमलनाथ गहलोत व मीरा कुमार समेत कई नामों की चर्चा
उल्लेखनीय है कि नई एक्साइज पॉलिसी 2021-22 को लागू करने में कथित अनियमितताओं की सीबीआई जांच की सिफारिश की थी। एक्साइज पॉलिसी में एनसीटीडी अधिनियम 1991, व्यापार नियमों का लेनदेन (टीओबीआर)-1993, दिल्ली उत्पाद शुल्क अधिनियम-2009 और दिल्ली उत्पाद शुल्क नियम-2010 का प्रथम दृष्टया उल्लंघन का आरोप है। इसके बाद यह योजना जांच के दायरे में आई थी। उन्होंने इस मामले में 11 एक्साइज अफसरों को सस्पेंड भी कर दिया था। इसके बाद सीबीआइ ने डिप्ट सीएम मनीष सिसोदिया के घर सहित देशभर में कई ठिकानों पर रेड मारा था।
सिसोदिया के निकट सहयोगी की कंपनी को एक करोड़ का पेमेंट !
दिल्ली डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया के घर से सीबीआई की टीम निकल चुकी है। लगभग 14 घंटे से ज्यादा समय से चल रही इस सीबीआई रेड के बाद भी अभी तक मनीष सिसोदिया को सीबीआई की टीम अपने साथ नहीं ले गई है। सोर्सेज का कहना है कि जांच के दौरान सीक्रेट डॉक्यूमेंट भी बरामद किये गये हैं। सीबीआइ ने दिल्ली की एक्साइज पॉलिसी मामले में मनीष सिसोदिया के आवास और 30 अन्य स्थानों पर शुक्रवार को रेडमारे। जांच एजेंसी ने दावा किया है कि सिसोदिया के निकट सहयोगी की कंपनी को कथित रूप से एक करोड़ रुपये का पेमेंट किया गया है।
सिसोदिया व अन्य 14 के खिलाफ FIR
सीबीआई ने बुधवार को भारतीय दंड संहिता की धारा 120-बी (आपराधिक साजिश), 477-ए (अभिलेखों के मिथ्याकरण) और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा-सात सहित आइपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत सिसोदिया और 14 अन्य लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया था। अफसरों के अनुसार, सिसोदिया, कृष्ण, पूर्व आबकारी उपायुक्त आनंद कुमार तिवारी, सहायक आबकारी आयुक्त पंकज भटनागर, अमित अरोड़ा, दिनेश अरोड़ा और अर्जुन पांडेय को एफआइआर में नेम्ड किया गया है। आरोपियों की सूची में छह अन्य बिजनसमैन री एवं दो कंपनियां शामिल हैं।
31 स्थानों पर सीबीआइ रेड
अफसरों ने बताया कि सीबीआई ने पिछले साल नवंबर में लाई गई दिल्ली आबकारी नीति बनाने और उसके क्रियान्वयन में कथित अनियमितताओं के संबंध में एक एफआइआर दर्ज करने के बाद सिसोदिया और भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के अफसर आरव गोपी कृष्ण के कैंपस के अलावा 29 स्थानों पर शुक्रवार को रेड मारा गया। उन्होंने बताया कि सात राज्यों तथा केंद्र शासित प्रदेशों में 31 स्थानों पर रेड की गई। दो अन्य लोकसेवकों के कैंपस पर भी रेड की गई। देश के जिन स्थानों के विभिन्न ठिकानों पर रेड मारे गये उनमें दिल्ली, गुरुग्राम, चंडीगढ़, मुंबई, हैदराबाद, लखनऊ, बेंगलुरु शामिल हैं। अफसरों ने बताया कि छापे के दौरान अपराध से संबंधित कई दस्तावेज, सामग्रियां और डिजिटल रिकॉर्ड आदि बरामद किये गये हैं।
अब ईडी करेगी मनी लॉड्रिग मामले की जांच
सोर्सेज ने कहा कि मामले में ने कहा है अब मामले में ईडी मनी लॉंड्रिंग की जांच करेगी। ईडी अपनी जांच के दौरान इस बात का विश्लेषण करेगा कि क्या नीति निर्माण और संबंधित संस्थाओं में शामिल व्यक्तियों और कंपनियों ने "मनी लांड्रिंग(पीएमएलए की परिभाषा के तहत अपराध की आय)" और क्या अवैध या बेनामी संपत्ति का कोई संभावित निर्माण किया था। एजेंसी के पास ऐसी संपत्तियों को कुर्क करने और मनी लॉन्ड्रिंग के अपराध में लिप्त लोगों से पूछताछ करने, गिरफ्तार करने और मुकदमा चलाने का अधिकार है।
बताया जाता है कि नई एक्साइज पॉलिसी के माध्यम से "शराब लाइसेंसधारियों को अनुचित लाभ" प्रदान करने के लिए "जानबूझकर चूक" सहित प्रथम दृष्टया उल्लंघन दिखाया गया था। आरोप है कि टेंडर दिये जाने के बाद शराब लाइसेंसधारियों को अनुचित वित्तीय लाभ दिया गया, जिससे सरकारी खजाने को नुकसान हुआ।सूत्रों ने दावा किया कि आबकारी विभाग ने कोविड -19 के बहाने लाइसेंसधारियों को टेंडर लाइसेंस शुल्क पर 144.36 करोड़ रुपये की छूट दी। उन्होंने कहा कि इसने हवाईअड्डा क्षेत्र के लाइसेंस के लिए सबसे कम बोली लगाने वाले को 30 करोड़ रुपये की बयाना राशि वापस कर दी, जबकि वह एयरपोर्ट के अफसरों से एनओसी प्राप्त करने में विफल रही। यह दिल्ली आबकारी नियम, 2010 के नियम 48(11)(बी) का घोर उल्लंघन था, जो स्पष्ट रूप से यह निर्धारित करता है कि सफल बोलीदाता को लाइसेंस प्रदान करने के लिए सभी औपचारिकताओं को पूरा करना होगा। ऐसा न करने पर उसके द्वारा की गई सभी जमा राशियां मान्य होंगी। विशेषज्ञ समिति की रिपोर्ट के आधार पर तैयार की गई आबकारी नीति 2021-22 को पिछले साल 17 नवंबर से लागू किया गया था और इसके तहत निजी बोलीदाताओं को शहर भर में 32 क्षेत्रों में विभाजित 849 दुकानों के लिए खुदरा लाइसेंस जारी किए गये थे।