अर्पिता मुखर्जी के पास पांच करोड़ का गोल्ड, ED को मिले 50 करोड़ कैश, 31 इंश्योरेंस पॉलिसी, 60 बैंक अकाउंट
पश्चिम बंगाल के एक्स मिनिस्टर पार्थ चटर्जी की खास रही अर्पिता मुखर्जी के ठिकानों से ईडी को रेड के दौरान लगभग पांच करोड़ का गोल्ड व 50 करोड़ कैश मिले थे। अर्पिता के पास से 31 इंश्योरेंस पॉलिसी, 60 बैंक अकाउंट जब्त किये गये थे। ईडी ने कोर्ट में यह जानकारी दी है।
- गोल्ड व पैसा आरबीआइ के खजाने में जमा
- पार्थ चटर्जी की बेल पिटीशान खारिज
कोलकाता। पश्चिम बंगाल के एक्स मिनिस्टर पार्थ चटर्जी की खास रही अर्पिता मुखर्जी के ठिकानों से ईडी को रेड के दौरान लगभग पांच करोड़ का गोल्ड व 50 करोड़ कैश मिले थे। अर्पिता के पास से 31 इंश्योरेंस पॉलिसी, 60 बैंक अकाउंट जब्त किये गये थे। ईडी ने कोर्ट में यह जानकारी दी है।
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ED ने कोर्ट में बताया कि केस दर्ज होने के बाद पार्थ चटर्जी और अर्पिता मुखर्जी के घरों पर रेड मारे गये। पता चला कि अर्पिता के नाम से कई अचल संपत्तियां हैं। पहले दिन 23 जुलाई को उनके फ्लैट से 21 करोड़ 90 लाख रुपये मिले। दोनों से पूछताछ के बाद 27 जुलाई को दोबारा रेड मारा गया। इस बार अर्पिता मुखर्जी के बेलघरिया वाले फ्लैट से 27 करोड़ 90 लाख रुपए मिले। इसी फ्लैट से लगभग पांच करोड़ का गोल्ड बरामद हुआ। ये बिस्किट और ज्वेलरी में था। यहां मिले हर कंगन का वजन 500 ग्राम तक है। सोने के पेन भी मिले ।
60 से ज्यादा बैंक अकाउंट, 31 इंश्योरेंस पॉलिसी
अर्पिता के नाम से 31 इंश्योरेंस पॉलिसी मिली हैं। इनके नॉमिनी में पार्थ चटर्जी का नाम है। 60 से ज्यादा बैंक अकाउंट भी हैं, जिनमें करोड़ों रुपये जमा किये गये। ये रुपये फर्जी कंपनियां बनाकर ट्रांसफर किये गये थे। सभी कंपनियां कागजों में तो हैं, जमीन पर नहीं। इनकी भी जांच चल रही है। पार्थ और अर्पिता के नाम से एक पार्टनरशिप डीड है, जो एक नवंबर 2012 की है। ED जांच कर रही है कि क्या ट्रस्ट के जरिए भी कोई घपला किया गया है।
पार्थ चटर्जी की बेल पिटीशान खारिज
पार्थ चटर्जी 31 अगस्त तक जेल में रहेंगे। गुरुवार को हाईकोर्ट ने उनकी कस्टडी 14 दिन बढ़ा दी है। इस दौरान पार्थ चटर्जी के वकील ने कहा कि पार्थ को गंभीर बीमारियां हैं। उनका हीमोग्लोबिन कम हो गया है। वे कोलकाता में ही रहते हैं, इसलिए उनके फरार होने की आशंका नहीं है। कोर्ट ने तमाम दलीलें खारिज कर पार्थ को बेल नहीं दी। ED का कहना है कि पार्थ चटर्जी प्रभावशाली व्यक्ति हैं, एमएलए हैं। वे गवाहों और सबूतों को प्रभावित कर सकते हैं। इसलिए उन्हें जमानत नहीं दी जानी चाहिए।
पार्थ चटर्जी (70)को 23 जुलाई को अरेस्ट किया गया था। वे बीते 27 दिन से कस्टडी में हैं। जांच एजेंसी ने कहा कि पार्थ के कस्टडी में रहते हुए ही करोड़ों रुपए, सोना, ज्वेलरी, प्रॉपर्टी, बैंक अकाउंट रिकवर और सीज किये गये। अभी उन्हें बेल देने की कोई वजह नहीं बनती। ED के वकील फिरोज इडुल्जी और अनामिका पांडे ने बताया कि दलीलें सुनने के बाद कोर्ट ने 31 अगस्त तक पार्थ और अर्पिता की कस्टडी दे दी।
रिश्वत लेकर टीचर्स की बहाली किये
ईडी की रेड में रिश्वत लेकर टीचर्स का रिक्रूटमेंट करने के सबूत मिले हैं। असिस्टेंट टीचर्स के साथ प्राइमरी टीचर्स की भर्ती में भी पैसों के लेनदेन का पता चला है। इसमें पार्थ चटर्जी और अर्पिता मुखर्जी न सिर्फ शामिल रहे, बल्कि उन्होंने पूरी मदद भी की।कई ऐसे डॉक्युमेंट्स भी मिले, जो मनी लॉन्ड्रिंग की ओर इशारा करते हैं। अर्पिता के नाम से अनंता टैक्सफेब प्राइवेट लिमिटेड नाम की कंपनी का रजिस्ट्रेशन भी था।
कैश और सोना आरबीआइ के खजाने में जमा
पार्थ और अर्पिता के पास से मिले 50 करोड़ रुपये और ज्वेलरी को RBI के खजाने में जमा कर दिया गया है। यदि आरोप गलत साबित होते हैं तो यह सब उन्हें लौटा दिया जायेगा। आरोप सही हुए तो पूरा पैसा सरकार के खजाने में जायेगा। दोनों को सातसाल तक की जेल हो सकती है।