चाईबासा: लांजी नक्सली हमले में शामिल 10 आरोपी नक्सली अरेस्ट, तीन पुलिसकर्मी हुए थे शहीद
श्चिम सिंहभूम पुलिस टोकलो पुलिस स्टेशन एरिया के लांजी पहाड़ के पास चार मार्च को हुए नक्सली विस्फोट में शामिल प्रतिबंधित नक्सली संगठन भाकपा माओवादी बी टीम के 10 लोगों को अरेस्ट किया है।
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चाईबासा। पश्चिम सिंहभूम पुलिस टोकलो पुलिस स्टेशन एरिया के लांजी पहाड़ के पास चार मार्च को हुए नक्सली विस्फोट में शामिल प्रतिबंधित नक्सली संगठन भाकपा माओवादी बी टीम के 10 लोगों को अरेस्ट किया है। इनमें रामराई हांसदा, नेल्सन कंडीर, बिल्कन सामड, सीता राम सामड, रौशन बोदरा, सोरटो माहली, सोमनाथ भुमिज, अशोक कुमार महतो, मंगल मुंडा, महादेव मुंडा शामिल है। हार्डकोर माओवादी अनल दा उर्फ पतिराम मांझी उर्फ महाराज प्रमाणिक दस्ते द्वारा आईईडी विस्फोट में झारखंड जगुआर के तीन जवान शहीद हो गये थे।
डीआईजी राजीव रंजन सिंह और एसपी अजय लिंडा ने प्रेस कांफ्रेस में उक्त जानकारी दी। डीआईजी व एसपी ने कहा कि हार्डकोर भाकपा माओवादी और केंद्रीय समिति सदस्य पति राम मांझी उर्फ आनंदा एवं हार्डकोर महाराजा प्रमाणिक के दस्ते ने घटना को अंजांम दिया था। सीआरपीएफ-60 बटालियन और सीआरपीएफ-197 बटालियन के साथ जिला बल के जवान घटना में शमिल उग्रवादियों की खोजबीन में लगे थे। पुलिस ने सबसे पहले रामराई हांसदा को टोकलो से दबोचा।
रामराई हांदसा से कड़ाई से पूछताछ करने उसने राज खोल दिये। रामराज ने पुलिस को बताया कि अनल दा के कहने पर वह अपने सहयोगियों के साथ पाइप वाला आईईडी बम को लांजी जाने वाले रास्ते में जाकर लगाया था। दूसरे दिन सुबह से ही पुलिस बल के आने का इंतजार करने लगा। एक सहयोगी पेड़ पर चढ़कर पुलिस की गतिविधि को बता रहा था। वहीं कुछ सदस्य बैट्री लेकर इशारे का इंतजार कर रहे थे। पेड़ पर चढ़े सहयोगी ने जैसे ही सुरक्षाबलों के आने का इशारा किया नीचे मौजूद सहयोगियों ने आईईडी विस्फोट करा दिया। सभी जंगल में भाग गये। विस्फोट में झारखंड जगुआर के तीन जवान शहीद हो गये थे। दो गंभीर रूप से घायल हो गये थे।
पुलिस गिरफ्त में आये लोगों ने आईडी विस्फोट तथा उस दौरान पुलिस बल पर नजर रखने, उसकी सूचना देने, मोबाइल मुहैया कराने और अन्य जरूरत के सामानों को सही समय पर पहुंचाकर भाकपा माओवादियों को सहयोग करने की बात स्वीकार किया है। बकौल डीआईजी यह भाकपा माओवादी की बी टीम है, जो नक्सलियों का आर्म्स ढोने,आईईडी बम लगाने, बम विस्फोट करने, पुलिस और सुरक्षा बलों की रेकी करने, उनकी गतिविधियों की सूचना पहुंचाने आदि में इनका सहयोग करते हैं। ये लोग उग्रवादियों की तरह वर्दी नहीं पहनते। ग्रामीण की तरह रहते हैं, इस कारण इन्हें गांव और जंगलों में घूमने में कोई कठिनाई नहीं होती। पुलिस और सुरक्षाबलों के निशाने पर नहीं आ पाते।
डीआईजी ने बताया कि पुलिस और सुरक्षाबलों द्वारा लगातार उग्रवादियों के खिलाफ की जा रही कार्रवाई से नक्सली कमजोर हुए हैं। घात लगाकर इस तरह की घटना को अंजाम देने में लगे हैं। नक्सली अपना पैटर्न भी चेंज कर रहे हैं।अमूमन उग्रवादी अपनी वर्दी में रहते हैं। लेकिन बी टीम बिना वर्दी में रहकर उग्रवादियों की तरह संगठन का कार्य करते हैं और पुलिस और सुरक्षा बलों को निशाना बनाते हैं। पुलिस के लिए यह काफी चुनौती बन गई है।
रेडिंग टीम
एसडीपीओ चक्रधरपुर- सुधीर कुमार, इंस्पेक्टर चक्रधरपुर चंद्रशेखर प्रसाद, चक्रधरपुरओसी प्रवीण कुमार, सोनुवा थाना प्रभारी सोहनलाल, टोकलो थाना प्रभारी विल्सन गुडियां, सीआरपीएफ 197 बटालियन एवं सीआरपीएफ-60 बटालियन, जिला पुलिस एवं आर्म गार्ड शामिल थे।