राजनीतिक विरोध का शत्रुता में बदलना स्वस्थ लोकतंत्र का संकेत नहीं: जस्टिस एनवी रमना
इंडिया के चीफ जस्टिस एनवी रमना ने कहा कि राजनीतिक विरोध का शत्रुता में बदलना स्वस्थ लोकतंत्र का संकेत नहीं है। उन्होंने कहा कि कभी सरकार और विपक्ष के बीच जो आपसी सम्मान हुआ करता था वह अब कम हो रहा है। सरकार और विपक्ष के बीच आपसी आदर-भाव हुआ करता था। दुर्भाग्य से विपक्ष के लिए जगह कम होती जा रही है। कानूनों को व्यापक विचार-विमर्श और जांच के बिना पारित किया जा रहा है।
- दुर्भाग्य से विपक्ष के लिए जगह कम होती जा रही
नई दिल्ली। इंडिया के चीफ जस्टिस एनवी रमना ने कहा कि राजनीतिक विरोध का शत्रुता में बदलना स्वस्थ लोकतंत्र का संकेत नहीं है। उन्होंने कहा कि कभी सरकार और विपक्ष के बीच जो आपसी सम्मान हुआ करता था वह अब कम हो रहा है। सरकार और विपक्ष के बीच आपसी आदर-भाव हुआ करता था। दुर्भाग्य से विपक्ष के लिए जगह कम होती जा रही है। कानूनों को व्यापक विचार-विमर्श और जांच के बिना पारित किया जा रहा है।
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We've 6.1 lakh prisoners in 1378 prisons. 80% of them are undertrials.They're indeed one of the most vulnerable sections of our society.Prisons are black boxes. A grave issue affecting our criminal justice system is the high population of undertrials in our prisons: CJI NV Ramana pic.twitter.com/BfNvFHwzxm
— ANI MP/CG/Rajasthan (@ANI_MP_CG_RJ) July 16, 2022
जस्टिस रमना शनिवार को राष्ट्रमंडल संसदीय संघ की राजस्थान शाखा के तत्वावधान में 'संसदीय लोकतंत्र के 75 वर्ष' विषयक संगोष्ठी को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने ने कहा, 'राजनीतिक विरोध, बैर में नहीं बदलना चाहिए, जैसा हम इन दिनों दुखद रूप से देख रहे हैं। ये स्वस्थ लोकतंत्र के संकेत नहीं हैं। सरकार और विपक्ष के बीच आपसी आदर-भाव हुआ करता था। दुर्भाग्य से विपक्ष के लिए जगह कम होती जा रही है।' उन्होंने विधायी प्रदर्शन (परफारमेंस) की गुणवत्ता में गिरावट पर भी चिंता जताई। उन्होंने कहा कि 'दुख की बात है कि देश विधायी प्रदर्शन की गुणवत्ता में गिरावट देख रहा है।