झारखंड में कोरोना विस्फोट,14 अप्रैल को मिले 3198 पॉजिटिव, 31 मौत
झारखंड में कोरोना वायरस संक्रमण का विस्फोट हुआ है। स्टेट में बुधवार 14 अप्रैल को 3198 संक्रमित मिले हैं। स्टेट में आज कोरोना से 31 लोगों की मौत हुई है।
- रांची में 1273 संक्रमितों की पहचान
रांची। झारखंड में कोरोना वायरस संक्रमण का विस्फोट हुआ है। स्टेट में बुधवार 14 अप्रैल को 3198 संक्रमित मिले हैं। स्टेट में आज कोरोना से 31 लोगों की मौत हो गई।
राजधानी रांची में 1273 संक्रमितों की पहचान हुई है।रांची में सात कोरोना पेसेंट की मौत हुई है। पश्चिमी सिंहभूम में 368, धनबाद में 160, कोडरमा में 125, साहिबगंज में 107, दुमका में 88, गढ़वा में 66, गुमला में 54, पश्चिमी सिंहभूम में 51, लोहरदगा में 41 सरायकेला खरसावां में 16, गिरिडीह में 15 नये संक्रमित मिले।झारखंड में कोरोना संक्रमितों की कुल संख्या 147792हो गयी है। इनमें से 127976 ठीक हो चुके हैं। कोरोना से 1292 मौतें हुई है। अभी स्टेट में 18524 एक्टिव केस हैं।
सिमडेगा के एक्स एमएलए नियेल तिर्की का बुधवार को रांची में निधन हो गया। रिम्स के ट्रामा सेंटर में बने कोविड वार्ड में उनका इलाज चल रहा था। कोडरमा के डोमचांच स्थित महिला डिग्री कॉलेज में बने डेडिकेटेड कोविड अस्पताल में इलाजरत झुमरी तिलैया की दो संक्रमित महिलाओं सहित तीन की मौत हो गई है।
ऑक्सीजन की कमी दूर करने के लिए प्लांटों में 24 घंटे होगा काम
स्टेट के हॉस्पीटल में कोरोना पेसेंट के इलाज में ऑक्सीजन की कमी न हो, इसके लिए मेडिकल ऑक्सीजन प्रोडक्शन व रिफिलिंग करनेवाले प्लांटों को 24 घंटे उत्पादन करने को कहा गया है। गवर्नमेंट द्वारा गठित ऑक्सीजन टास्क फोर्स ने ये निर्देश निर्माताओं को दिए हैं। वर्तमान में इन प्लांटों में दो शिफ्ट में काम होता है। अब तीन शिफ्ट में काम होगा। राज्य में कोरोना के संक्रमण में बेतहाशा वृद्धि होने के बाद ऑक्सीजन की मांग में 25 गुना वृद्धि हो गई है। सबसे अधिक खपत रांची में है। यहां के कई अस्पतालों में इसकी किल्लत हो गई है। इसे देखते हुए बोकारो, रामगढ़ व अन्य जिलों से ऑक्सीजन सिलेंडर मंगाये जा रहे हैं।
बताया जाता है कि राज्य में वर्तमान में लगभग 40 टन ऑक्सीजन की खपत प्रत्येक दिन है। इनमें 25 से 30 टन की खपत सिर्फ रांची में हो रही है। टास्क फोर्स ने भविष्य में मरीजों की संख्या बढ़ने की संभावना को देखते हुए प्रत्येक दिन के लिए 80 लाख टन ऑक्सीजन की व्यवस्था करने का निर्णय लिया है। टास्क फोर्स की बैठक में यह बात सामने आई कि राज्य में ऑक्सीजन के उत्पादन में कोई समस्या नहीं है। सबसे अधिक समस्या सिलेंडर के कम होने, उसकी रिफिलिंग तथा अस्पतालों तक पहुंचाने में है। निर्माताओं द्वारा यह भी कहा गया है कि कोरोना के डर से कुछ मजदूर काम करने नहीं आ रहे हैं। बता दें कि राज्य में वर्तमान में पांच प्लांटों में ऑक्सीजन का उत्पादन होता है तथा 13 प्लांटों में रिफिलिंग का काम होता है।