सलमान रुश्दी पर न्यूयॉर्क में जानलेवा हमला, गर्दन पर गहरे घाव, काले लिबास में आये हमलावर से पूछताछ
इंडियन मूल के लेखक सलमान रुश्दी (75) पर शुक्रवार को न्यूयार्क में चाकू से जानलेवा हमला हुआ है। उन्हें गंभीर हालात में एयरलिफ्ट कर हॉस्पिटल में एडमिट करवाया गया है।
न्यूयार्क। इंडियन मूल के लेखक सलमान रुश्दी (75) पर शुक्रवार को न्यूयार्क में चाकू से जानलेवा हमला हुआ है। उन्हें गंभीर हालात में एयरलिफ्ट कर हॉस्पिटल में एडमिट करवाया गया है।
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प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार एक कार्यक्रम में व्याख्यान देने गये रुश्दी को हमलावर ने कई मुक्के मारे। इसके बाद चाकू से कई वार किए। चाकू प्रहार से उनकी गर्दन में गहरा घाव हो गया। रक्तस्त्राव से शरीर का ऊपरी हिस्सा भीग गया। हमले से घायल होकर रुश्दी मंच पर ही गिर गये। सुरक्षाकर्मियों ने हमलावर से बचाकर उन्हें हेलीकाप्टर से हॉस्पिटल भेजा। 25 साल के हमलावर को पुलिस ने अरेस्ट कर लिया है। उसकी उम्र आसपास बताई जा रही है। हमले की वजह अभी सामने नहीं आई है। न्यूयॉर्क की गवर्नर कैथी होचुल ने कहा कि सलमान का इलाज चल रहा है।
ईरान के धार्मिक नेता ने जारी किया था फतवा
न्यूज एजेंसी एपी की रिपोर्ट के अनुसार हमलावर को अरेस्ट कर उससे पूछताछ की जा रही है। रुश्दी 1988 में लिखी अपने उपन्यास द सैटेनिक वर्सेस में की गई इस्लाम विरोधी टिप्पणियों के लिए विवाद में आये थे। एक साल बाद 1989 में ईरान के तत्कालीन सर्वोच्च नेता अयातुल्ला खोमैनी ने उनकी मर्डर के लिए फतवा जारी किया था। सलमान रुश्दी मुस्लिम परम्पराओं पर लिखे उपन्यास ‘द सैटेनिक वर्सेस’ को लेकर विवादों में रहे। इसे लेकर ईरान के धार्मिक नेता अयातुल्ला रुहोल्ला खोमैनी ने 1989 में उनके खिलाफ फतवा जारी किया था। हमले को उसी से जोड़कर देखा जा रहा है। हालांकि, ईरान के एक डिप्लोमैट ने कहा- हमारा इस हमले से कोई लेना-देना नहीं है।
काला फेस मास्क लगाये था हमलावर
न्यूयार्क के गवर्नर कैथी होचल ने कहा है कि रुश्दी के उचित इलाज के लिए आवश्यक इंतजाम किये गये हैं। न्यूज एजेंसी एपी की रिपोर्ट के अनुसार उनकी सर्जरी की जा रही है। पुलिस ने काले लिबास और काला फेस मास्क लगाये हमलावर की पहचान और उसके उद्देश्य के बारे में अभी कुछ नहीं बताया है।
मुंबई में पैदा हुए और बुकर पुरस्कार से सम्मानित रुश्दी (75) पश्चिमी न्यूयॉर्क के चौटाउक्वा इंस्टीटयूशन में शुक्रवार को एक कार्यक्रम के दौरान अपना व्याख्यान शुरू करने वाले ही थे। इसी बीच एक व्यक्ति मंच पर चढ़ा और रुश्दी को घूंसे मारे और चाकू से उन पर हमला कर दिया। रुश्दी की गर्दन पर चोट आई है। उस समय कार्यक्रम में उनका परिचय दिया जा रहा था।हमले के बाद रुश्दी मंच पर गिर गए और उनके हाथों में खून लगा हुआ देखा गया। वहां मौजूद लोगों ने हमलावर को पकड़ लिया। सुरक्षाकर्मियों ने हमलावर को कस्टडी में ले लिया। रुश्दी को मंच पर ही प्राथमिक उपचार दिया गया। कैथी होचुल ने कहा कि सलमान रुश्दी कई दशकों तक सत्ताधारियों के सामने सच बोलते रहे।
रुश्दी के प्रोग्राम में लगभग चार हजार लोग मौजूद थे
रुश्दी जिस हॉल में लेक्चर के लिए पहुंचे थे, वहां लगभग चार हजार ऑडियंस मौजूद थे। रुश्दी 10 साल से पुलिस प्रोटेक्शन में थे। 1998 में तब के ईरानी राष्ट्रपति मोहम्मद खातमी ने कहा- अब हम रूश्दी को कत्ल किए जाने का समर्थन नहीं करते। हालांकि, फतवा फिर भी वापस नहीं लिया गया। रुश्दी ने इस बारे में एक संस्मरण ‘जोसेफ एंटन’भी लिखा। इसके बाद से रुश्दी न्यूयॉर्क में सुकून की जिंदगी गुजार रहे थे। 2019 में उन्होंने अपने नए उपन्यास क्विहोते लिखा।
उपन्यास 'सैटेनिक वर्सेस’में पैगंबर के अपमान का आरोप
रुश्दी का जन्म 19 जून 1947 को मुंबई में हुआ था। 75 साल के सलमान रुश्दी ने अपनी किताबों से दुनिया भर में पहचान बनाई। अपने दूसरे ही उपन्यास ‘मिडनाइट्स चिल्ड्रेन’ के लिए 1981 में ‘बुकर प्राइज’ और 1983 में ‘बेस्ट ऑफ द बुकर्स’ पुरस्कार से सम्मानित किये गये। रुश्दी ने लेखक के तौर पर शुरुआत 1975 में अपने पहले उपन्यास ‘ग्राइमस’ (Grimus) के साथ की थी।
इंडिया समेत कई देशों में ‘द सैटेनिक वर्सेस’ बैन
‘द सैटेनिक वर्सेस’ सलमान रुश्दी का चौथा उपन्यास है। इंडिया ओर वर्ल्ड के कई देशों में यह उपन्यास बैन है। यह उपन्यास 1988 में प्रकाशित हुआ था। इस पर पर काफी विवाद हुआ था। इसके लिए रुश्दी पर पैगंबर मोहम्मद के अपमान का आरोप लगाया गया। इस किताब का शीर्षक एक विवादित मुस्लिम परंपरा के बारे में है। इस परंपरा के बारे में रुश्दी ने अपनी किताब में खुल कर लिखा।
चार शादियां रचा चुके हैं रुश्दी
रुश्दी रोमांस को लेकर भी चर्चा में रहे हैं। वे अब तक चार शादियां कर चुके हैं और उतनी ही महिलाओं से इश्क भी फरमा चुके हैं। वे जन्म के कुछ समय बाद ही ब्रिटेन चले गए थे। इंग्लैंड के रगबी स्कूल में उन्होंने प्राइमरी की पढ़ाई की। बाद में कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी में इतिहास की पढ़ाई की। साहित्यकार बनने से पहले रुश्दी ऐड एजेंसियों में कॉपी राइटर का भी काम कर चुके हैं।एक्स वाइफ पद्मा लक्ष्मी के साथ रुश्दी। लक्ष्मी ने अपने संस्मरण 'लव, लॉस, एंड व्हाट वी एट' में रुश्दी के बारे में खुल कर लिखा है।मुंबई में मुस्लिम परिवार में जन्मे रुश्दी कई दशक तक ब्रिटेन में रहे हैं। 2007 में रुश्दी को साहित्य की सेवा के लिए ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ ने नाइट की उपाधि से सम्मानित किया, जिसके बाद उन्हें सर का खिताब हासिल हुआ। रुश्दी सन 2000 के बाद अमेरिका चले गए। 2016 में उन्हें अमेरिकी नागरिकता मिल गई थी और इस समय वह न्यूयार्क सिटी में रह रहे थे।
चार शादियां: पहली 46 साल पहले, चौथा डाइवोर्स 15 साल पहले
क्लेरिसा लॉर्ड: शादी 1976, तलाक 1987, मैरियाने विगिन्स: शादी 1988, तलाक 1993, एलिजाबेथ वेस्ट: शादी 1997, तलाक 2004, पद्मा लक्ष्मी: शादी 2004, तलाक 2007। इसके अलावा बॉलीवुड अभिनेत्री रिया सेन के साथ भी उनकी अफेयर की खबरें रहीं।
कई देशों में बैन है द सैटेनिक वर्सेस
द सैटेनिक वर्सेस प्रकाशित होने के बाद मिली धमकियों को देखते हुए ब्रिटिश पुलिस ने उन्हें सुरक्षा दी थी। उपन्यास में की गई टिप्पणियों को कई मुस्लिम देशों ने इस्लाम विरोधी माना था और उस पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की थी। कई देशों में यह उपन्यास प्रतिबंधित है। ईरान की तत्कालीन कट्टरपंथी सरकार ने रुश्दी की हत्या के लिए 30 लाख डालर के पुरस्कार की घोषणा भी की थी।