Dhanabd: माइनिंग एरिया में अनाधिकृत प्रवेश पर अलार्म सिस्टम लगे: डीसी
कोल माइनिंग एरिया में अनाधिकृत व्यक्तियों के प्रवेश एवं कोयला चोरी की घटनाओं पर अंकुश पाने हेतु बीसीसीएल, ईसीएल, सीआईएसफ एवं जिला पुलिस के साथ बैठक की गई। समाहरणालय सभाकक्ष में आयोजित बैठक की अध्यक्षता डीसी संदीप सिंह ने की।
धनबाद। कोल माइनिंग एरिया में अनाधिकृत व्यक्तियों के प्रवेश एवं कोयला चोरी की घटनाओं पर अंकुश पाने हेतु बीसीसीएल, ईसीएल, सीआईएसफ एवं जिला पुलिस के साथ बैठक की गई। समाहरणालय सभाकक्ष में आयोजित बैठक की अध्यक्षता डीसी संदीप सिंह ने की।
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बैठक में माइनिंग एरिया में अनाधिकृत व्यक्तियों के प्रवेश करने एवं उनके द्वारा कोयला चोरी किये जाने की शिकायत पर चर्चा की गई। इस दौरान माइनिंग एरिया में अनाधिकृत व्यक्तियों के प्रवेश के रोकथाम के लिए कोल कंपनी बीसीसीएल व उनकी आउटसोर्सिंग एजेंसी, सीआईएसएफ हेतु स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (एसओपी) की समीक्षा व कार्य योजना तैयार करने को लेकर चर्चा की गई, ताकि कोयला की चोरी की घटनाओं पर प्रभावी नियंत्रण पाया जा सके।
बैठक में डीसी द्वारा बीसीसीएल से अनुरोध किया गया कि आउटसोर्सिंग के कार्यों की अपने स्तर से भी नियमित मॉनिटरिंग करें और यदि आवश्यक हो तो टेंडर की शर्तों में सुरक्षा हेतु मैन पावर की शर्तों को रखें। इस दौरान बीसीसीएल और ईसीएल आउटसोर्सिंग एजेंसी के विरुद्ध प्राप्त हो रही शिकायतों पर भी चर्चा की गई। डीसी ने इलिगल कोल माइनिंग, ट्रांसपोर्टिंग, भंडारण में संलिप्त लोगों पर नेम्ड एफआइआर दर्ज करने के लिए कहा। यह भी कहा गया कि ऐसा प्रतीत होता है कि आउटसोर्सिंग एजेंसी को आवंटित कोल माइनिंग एरिया में सुरक्षा की जिम्मेवारी एवं किसी तरह से अनाधिकृत प्रवेश ना हो इसे सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी संबंधित एजेंसी की है।
डीसी ने बीसीसीएल की माइंस एवं पुरानी बंद माइंस आदि में कोयला चोरी रोकने व अनाधिकृत रूप से प्रवेश रोकने को लेकर निर्देश दिया। उन्होंने साइकिल-मोटरसाइकिल के जरिए अनाधिकृत रूप से कोयले की चोरी किये जाने पर एफआईआर दर्ज कराने को कहा।बैठक में आउटसोर्सिंग एजेंसी सीआईएसएफ तथा बीसीसीएल के बीच बेहतर तालमेल और कम्युनिकेशन के लिए हेतु वॉकी-टॉकी सिस्टम लगाने का सुझाव दिया। इस दौरान जिला प्रशासन, जिला पुलिस, सीआईएसएफ एवं बीसीसीएल/ईसीएल की प्रयुक्त टीम द्वारा आउटसोर्सिंग एजेंसी के माइनिंग एरिया का सिक्योरिटी ऑडिट कराने का निर्णय लिया गया। सभी माइनिंग एरिया में किसी भी प्रकार के अनाधिकृत प्रवेश पर सुरक्षा अलार्म (सिक्योरिटी अलार्म सिस्टम) लगाने का सुझाव उपायुक्त द्वारा दिया गया। जिस पर कोल इंडिया के सुरक्षा सलाहकार एवं बीसीसीएल के सीएमडी द्वारा कहा गया कि उसको शीघ्र लागू कराने हेतु कदम उठाये जायेंगे। डीसी ने आउटसोर्सिंग एजेंसी के द्वारा पर्याप्त संख्या में मैन पावर एवं सुरक्षा सुनिश्चित कराने का निर्देश दिया।
डीसी ने बीसीसीएल को आउटसोर्सिंग एजेंसी की कार्यशैली पर निगरानी रखने व कार्यशैली सुधारने को कहा। उन्होंने अवैध खनन एक्सेस पर रोक लगाने, समुचित लाइट की व्यवस्था, सीसीटीवी की व्यवस्था के साथ-साथ लगातार मॉनिटरिंग करने की भी बात कही। डीसी ने कोयला चोरी और कोयला खनन क्षेत्र में अनाधिकृत व्यक्तियों के प्रवेश रोकने में आ रही परेशानियों के समाधान हेतु सीआईएसफ, जिला पुलिस एवं प्रशासन को 2 महीने में एक बार बैठक कर समन्वय स्थापित करने को निर्देशित किया।बैठक में सीआईएसएफ के क्षेत्रीय पदाधिकारियों द्वारा भी आउटसोर्सिंग कंपनियों द्वारा सुरक्षा हेतु पर्याप्त मैन पावर ना रखे जाने की बात कही गई। साथ ही कोयला चोरी एवं अनाधिकृत प्रवेश आदि घटनाओं की ससमय एफआईआर दर्ज न कराने एवं आउटसोर्सिंग एजेंसीयों द्वारा लापरवाही बरतने की बात भी उठाई गई।
बैठक में डीसी संदीप सिंह, सीनीयर सिक्युरिटी एडवाइजर सीआईएल आलोक कुमार पटेरिया, बीसीसीएल से सीएमडी समीरण दत्ता, सीआईएसएफ डीआईजी विनय काजला, वरीय एसएसपी संजीव कुमार, एसपी रिष्मा रमेशन, एडीएम कमलाकांत गुप्ता, डीएमओ मिहिर सलकर, बीसीसीएल के डीटी, ईसीएल मुगमा के जीएम, बीसीसीएल कतरास व बस्ताकोला के जीएम, एसडीएम, एसडीपीओ बाघमारा, सिंदरी, सिंदरी, डीएसपी मुख्यालय-1 अमर कुमार पांडेय, डीएसपी लॉ एंड ऑर्डर ए. के. बिन्हा, सुरक्षा प्रभारी ईसीएल मुगमा क्षेत्र, कमांडेंट सीआईएसफ समेत कई अफसर मौजूद रहे।