धनबाद: जज उत्तम आनंद मर्डर केस में CBI ने कोर्ट में दाखिल की चार्जशीट, लखन वर्मा और राहुल वर्मा आरोपी
सीबीआइ ने जज उत्तम मर्डर केस बुधवार को कोर्ट में पहली चार्जशीट दाखिल की है। जज को आटो से धक्का मारने वाला लखन वर्मा और उसका साथी राहुल वर्मा के खिलाफ चार्जशीट दाखिल किया गया है। दोनों अभी ज्यूडिशिलयल कस्टडी में धनबाद जेल में है। सीबीआई ने आईपीसी की सेक्शन 302, 201 और 34 के तहत चार्जशीट दाखिल की है।
- अब तक साजिश का पता नहीं चल सका
धनबाद। सीबीआइ ने जज उत्तम मर्डर केस बुधवार को कोर्ट में पहली चार्जशीट दाखिल की है। जज को आटो से धक्का मारने वाला लखन वर्मा और उसका साथी राहुल वर्मा के खिलाफ चार्जशीट दाखिल किया गया है। दोनों अभी ज्यूडिशिलयल कस्टडी में धनबाद जेल में है। सीबीआई ने आईपीसी की सेक्शन 302, 201 और 34 के तहत चार्जशीट दाखिल की है।
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इस मामले में अभी जांच जारी है। सीबीआइ ने आरोपी लखन वर्मा और राहुल वर्मा पर IPC की धारा 302 यानी मर्डर झूठी जानकारी और सबूत मिटाने की धारा 201 और 34 कॉमन इंटेंशन के तहत एफआइआर दर्ज किया था। सीबीआई ने अपनी जांच के दौरान हाइकोर्ट को सौंपी रिपोर्ट में जज की मौत को एक बड़ी साज़िश करार दिया है।
28 जुलाई, 2021 को मार्निंग वाक के दौरान जज उत्तम आनंद को ऑटो ने मारा था धक्का
धनबाद रणधीर वर्मा चौक के समीप 28 जुलाई, 2021 को मार्निंग वाक के दौरान जज उत्तम आनंद को ऑटो ने धक्का मार दिया था। इससे जज की मौत हो गयी। सीसीटीवी फुटेज के पता चला कि जान बूझकर धक्का मारा गया है। जज की वाइफ कृति सिन्हा की कंपलेन पर धनबाद पुलिस स्टेशन में दर्ज एफआइआर (300/21) दर्ज की गयी। मामले में हाई कोर्ट व सुप्रीम कोर्ट ने स्वत: संज्ञान लिया। मामले की जांच के लिए झारखंड गवर्नमेंट ने एडीजी (ऑपरेशन) संजय आनंद लाठकर के नेतृत्व में एसआइटी गठित की। घटना के 24 घंटे के अंदर पुलिस ऑटो जब्त कर ड्राइवर लखन वर्मा व उसके साथी राहुल वर्मा अरेस्ट कर ली। झारखंड गवर्नमेंट ने मामले की गंभीरता को देखते हुए एक अगस्त को इस मामले को लेकर CBI जांच की सिफारिश की थी। हाई कोर्ट ने भी सीबीआइ जांच की मंजूरी दे दी। इसी अनुशंसा के आधार पर सीबीआई बीते चार अगस्त ने केस टेक ओवर कर एफआइआर दर्ज कर ली थी।
हाइकोर्ट सीबीआइ जांच की प्रगति की कर रहा है समीक्षा
सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर हाइकोर्ट सीबीआइ जांच की प्रगति की समीक्षा कर रहा है। सीबीआइ प्रत्येक सप्ताह प्रगति रिपोर्ट हाई कोर्ट में जमा करती है। सीबीआई ने रांची हाइकोर्ट को बताया कि जज की मर्डर जानबूझ कर की गई है। इसके पीछे एक बड़ी साज़िश है।जांच सही दिशा में आगे बढ़ रही है। सीबीआइ अब तक मामले में साजिश का पता नहीं लगा पायी है। CBI दोनों आरोपियों को तीन बार रिमांड पर लेकर पूछताछ कर चुकी है। दोनों आरोपियों को गांधीनगर लैब में नार्को और ब्रेन मैपिंग टेस्ट कराया जा चुका है। सीबीआइ उस केस के आरोपियों से पूछताछ कर चुकी है जिसकी सुनवाई जज उत्तम आनंद कर रहे थे। रंजय मर्डर केस के आरोपी हर्ष सिंह व नंद कुमार सिंह उर्फ मामा समेत अन्य कईयों से पूछताछ हो चुकी है।
अब तक साजिश का पता नहीं
जज मौत मामले में सीबीआइ को अभी तक साजिश के बारे में पता नहीं चल सका है। मामले में दो आरोपी ऑटो ड्राइवर लखन वर्मा व उसका सहयोगी राहुल लगभग 83 दिन से जेल में है। सीबीआइ अगर 90 दिन के अंदर अगर चार्जशीट दाखिल नहीं करती तो दोनों को बले मिल सकती थी। समझा जाता है कि सीबीआइ ने इसी के मद्देनजर स्पेशल कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर दिया है। सीबीआइ के एसपी वीके शुक्ला के नेतृत्व में 20 सदस्यीय टीम जांच कर रही है। शुक्ला को हाल ही में सेंट्रल होम मिनिस्टरी ने best investigators award से सम्मानित किया है। जज मौत की जांच के लिए सीबीआई ने दिल्ली स्पेशल क्राइम ब्रांच-1 के सीनियर एसपी जगरूप एस सिन्हा के नेतृत्व में 20 अफसरों की स्पेशल टीम बनायी है।