धनबाद: डीसी ने समाहरणालय के ग्राउंड फ्लोर में आकर सुनी दिव्यांगजनों की फरियाद, जनता दरबार में समस्याओं का समाधान
डीसी उमा शंकर सिंह के निर्देश पर शुक्रवार को जनता दरबार में दिव्यांग जनों के लिए के समाहरणालय के ग्राउंड फ्लोर में बैठने का विशेष प्रबंध किया गया था। उन्होंने सभी लोगों से एक-एक कर मुलाकात की। उनकी शिकायतों को सुना।
धनबाद। डीसी उमा शंकर सिंह के निर्देश पर शुक्रवार को जनता दरबार में दिव्यांग जनों के लिए के समाहरणालय के ग्राउंड फ्लोर में बैठने का विशेष प्रबंध किया गया था। उन्होंने सभी लोगों से एक-एक कर मुलाकात की। उनकी शिकायतों को सुना। आवेदन प्राप्त किया तथा संबंधित पदाधिकारी को त्वरित समस्या का निष्पादन करने का निर्देश दिया।डीसी से मिलने वालों में संतोष सिंह (चासनाला), पिंकी देवी (चासनाला), राम कुमार महतो (गोविंदपुर), बबलू महतो (गोविंदपुर), राजेन्द्र कुमार (मनईटांड), प्रदीप कुमार (केन्दुआ) शामिल थे।
विष्णु दयाल चौहान के राशन कार्ड में जुड़े छह वर्षीय बच्ची समेत अन्य सदस्यों के नाम
जनता दरबार में पहुंचे वार्ड नंबर आठ के विष्णु दयाल चौहान ने अपनी छह वर्षीय पुत्री तथा परिवार के अन्य सदस्यों का नाम राशन कार्ड में जुड़वाने की विनती की। इस पर डीसी ने जिला आपूर्ति पदाधिकारी भोगेंद्र ठाकुर को निर्देशित किया। श्री ठाकुर ने शीघ्र कार्रवाई करते हुए परिवार के अन्य सदस्यों का नाम राशन कार्ड में जोड़ दिया। विष्णु की छह वर्षीय बच्ची आग से बुरी तरह से झुलसी हुई है। पैसे का अभाव में पिता उसका इलाज भी नहीं करा पा रहे थे। अब राशन कार्ड बन जाने के बाद बच्ची का आयुष्मान भारत कार्ड भी बन जायेगा। वह किसी भी अस्पताल में बच्ची का बेहतरीन इलाज करा सकेंगे।जनता दरबार में सिमलडीह के सतीनाथ चक्रवर्ती, मूनीडीह के अजय कुमार पासवान, सरला देवी, मोहम्मद शोएब अख्तर, गोधर के ठाकुर महतो एवं राजू महतो सहित अन्य लोगों ने अपनी शिकायतें डीसी को बताई।
डीसी ने आस्था बिल्डर्स को तीन दिनों में पैसा लौटाने का निर्देश दिया
डीसी ने एपकॉन होम्स प्राइवेट लिमिटेड (आस्था बिल्डर) के धीरज सिंह को वर्ष 2011 में पियूष कांती विश्वास से ली गई राशि को तीन दिन में लौटाने का निर्देश दिया है। पीड़ित ने जनता दरबार में डीसी से कंपलेन की। डीसी ने बिल्डरको उनकी राशि तीन दिन के भीतर वापस करने का आदेश दिया है।जनता दरबार में भूंइफोड़ के नीलिमा विश्वास एवं सौरव विश्वास ने आवेदन देकर डीसी को बताया कि 24 मई 2011 को उन्होंने धीरज सिंह को आस्था मनमोहन एस्टेट, सरायढेला में एक फ्लैट खरीदने के लिए 15,00000 रुपये पेमेंट किये थे। बिल्डर ने वर्ष 2013 में फ्लैट हैंड ओवर देने का वादा किया था। अभी तक फ्लैट नहीं मिला है। फ्लैट देने की बार-बार आग्रह करने के बाद बिल्डर में 26 अप्रैल 2016 को उनका एग्रीमेंट कैंसिल कर दिया। इंटरेस्ट सहित 20 लाख रुपये देने का वादा किया। बिल्डर ने उन्हें14 लाख रुपये का बैंक ऑफ महाराष्ट्र के तीन चेक दिया था। सभी चेक बिल्डर के अकाउंट में पर्याप्त राशि नहीं होने के कारण बाउंस हो गये।
उन्होंने कहा कि बिल्डर ने मात्र एक लाख 50 हजार रूपये लौटाया। साथ ही बिग बाजार के पास आस्था ट्विन टावर ‘बी’ में एक फ्लैट देने के लिए को राजी किया। जब श्री विश्वास ने उक्त स्थल का मुआयना किया तो पाया कि उन्हें फिर से ठगा गया है। क्योंकि टावर ‘बी’ का कंस्ट्रक्शन चालू ही नहीं हुआ था। उसका फ्लोर प्लान भी सैंक्शन नहीं हुआ था।श्री विश्वास ने डीसी से कहा कि उन्होंने अपने जीवन की सारी जमा पूंजी फ्लैट खरीदने में लगाई। परंतु राशि नहीं मिलने के कारण उनकी वित्तीय स्थिति बहुत ही खराब है। डीसी ने बिल्डर को फोन कर तीन दिन में राशि लौटाने का निर्देश दिया। राशि नहीं लौटाने पर उनके विरुद्ध एफआईआर दर्ज की जायेगी।