धनबाद: एक्स एमएलए संजीव सिंह की बेल पिटीशन खारिज, नीरज मर्डर केस में 50 माह से हैं जेल में बंद
एक्स डिप्टी मेयर सह कांग्रेस लीडर नीरज सिंह समेत चार लोगों की मर्डर के मामले में झरिया के एक्स एमएलए संजीव सिंह बेल पिटीशन एक बार फिर खारिज हो गयी है। प्रभारी जिला व सत्र न्यायाधीश चतुर्थ राजकुमार मिश्रा की कोर्ट ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये सुनवाई के दौरान दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद बेल पिटीशन खारिज कर दी।
धनबाद। एक्स डिप्टी मेयर सह कांग्रेस लीडर नीरज सिंह समेत चार लोगों की मर्डर के मामले में झरिया के एक्स एमएलए संजीव सिंह बेल पिटीशन एक बार फिर खारिज हो गयी है। प्रभारी जिला व सत्र न्यायाधीश चतुर्थ राजकुमार मिश्रा की कोर्ट ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये सुनवाई के दौरान दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद बेल पिटीशन खारिज कर दी।
बचाव पक्ष के अधिवक्ता मो जावेद ने कोर्ट को बताया कि मामले का ट्रायल कछुआ गति में चल रहा है। निकट भविष्य में खत्म होने की संभावना दूर-दूर तक नहीं दिख रही है। संजीव चार साल से ज्यादा समय से जेल में बंद हैं। वह कई बीमारियों से ग्रसित हैं। दुमका जेल उनका ब्लड प्रेशर हमेशा गिर रहा है। ऐसी स्थिति में उन्हें बेल दी जाये। अपर लोक अभियोजक कुलदीप शर्मा ने बेल पिटीशनका कड़ा विरोध करते हुए कहा कि यदि अभियोजन कछुआ चाल में चला होता तो अभी तक 37 गवाही नहीं हुई होती। आरोपी संजीव सिंह की बेल पिटीशन पहले दो बार जिला एवं सत्र न्यायाधीश धनबाद की कोर्ट से और एक बार झारखंड हाइकोर्ट से खारिज हो चुकी है। इसलिए इन्हें बेल नहीं दी जा सकती है।
डिमेंशिया की बीमारी का हवाला दे लगायी थी बेल देने की गुहार
पिछले चार साल दो माह से ज्यादा समय से जेल में बंद झरिया के एक्स बीजेपी एमएलए संजीव सिंह की बेल पिटीशन में कहा गया था कि जेल के अंदर रहने के कारण एक्स एमएलए संजीव सिंह को डिमेंशिया की बीमारी हो गई है। धनबाद जेल से दुमका सेंट्रल जेल भेजे जाने के बाद उनका ब्लड प्रेशर लगातार गिर रहा है। आरोप गठन के दो वर्ष से अधिक हो गये हैं। परंतु अब तक ट्रायल पूरा नहीं हुआ है। जबकि सुप्रीम कोर्ट ने मामले के त्वरित निस्तारण का आदेश दिया था। अभियोजन 31 जनवरी 20 के बाद से इस मामले में गवाह पेश नहीं कर रहा है। यह धारा 309 सीआरपीसी का उल्लंघन है।
वर्ष 2017 की 11 अप्रैल से जेल में हैं संजीव
बीजेपी के एक्स एमएलए संजीव सिंह वर्ष 2017 की 11 अप्रैल जेल में बंद है। वर्तमान वह दुमका जेल में बंद है। उनके खिलाफ पुलिस ने 28 जून 2017 को चार्जशीट दायर किया था। धनबाद के जिला एवं सत्र न्यायाधीश की कोर्ट 20 सितंबर 2017 एवं 11 अक्टूबर 18 को संजीव की बेल पिटीशन खारिज कर दी थी। झारखंड हाई कोर्ट ने भी वर्ष 2019 की सात फरवरी को संजीव को बेल देने से इन्कार करते हुए बेल पिटीशन खारिज कर दी थी। धनबाद कोर्ट ने वर्ष 2019 की तीन जनवरी 19 को संजीव समेत छह के विरूद्ध आरोप का गठन कर दिया था।
स्टील गेट में वर्ष 2021 की नीरज समेत चार लोगों की हुई थी मर्डर
धनबाद में सरायढेला स्टील गेट के समीप सरेशाम वर्ष 2017 की हुए 21 मार्च को कोयलांचल के सबसे बड़े शूटआउट को अंजाम दिया गया था। नीरज सिंह शाम सात बजे अपने फॉच्यूनर (जेएच10एआर-4500) से झरिया से सरायढ़ेला स्थित अपने आवास रघुकुल लौट रहे थे। वह ड्राईवर घोल्टू महतो के साथ आगे सीट पर बैठे थे। पीछे के सीट पर उनका सहायक सरायढ़ेला न्यू कॉलोनी निवासी अशोक यादव और प्राइवेट बॉडीगार्ड मुन्ना तिवारी बैठे थे। स्टील गेट के पास बने स्पीड ब्रेकर पर नीरज की गाड़ी की स्पीड कम होते ही दो बाईक पर सवार चार हमलावरों ने उनकी कार को चारों तरफ से घेर अंधाधुंध फायरिंग कर दी। चारों तरफ से नाइन एमएम की पिस्टल और कारबाईन से 50 से अधिक राउंड फायरिंग की गई। गाड़ी में सवार अशोक यादव, मुन्ना तिवारी और ड्राईवर घलटू महतो और नीरज सिंह की मौके पर ही मौत हो गई थी।मामले एमएलए संजीव सिंह, धनजी सिंह, संजय सिंह, पिंटू सिंह, डब्ल्यू गिरि, अमन सिंह, शिबू उर्फ सागर, सोनू उर्फ कुर्बान, सतीश उर्फ रोहित उर्फ चंदन , पंकज सिंह, विनोद सिंह,रिंकू सिंह जेल में हैं। अमन सिंह को रांची के होटवार जेल, शिबू उर्फ सागर को जमशेदपुर के घाघीडीह जेल, सोनू उर्फ कुर्बान को मेदिनीनगर जेल, सतीश उर्फ रोहित उर्फ चंदन को दुमका जेल एवं पंकज सिंह को हजारीबाग सेंट्रल जेल भेजा जा चुका है। संजीव सिंह को भी धनबााद जेल से दुमका जेल ट्रांसफर कर दिया गया है।