Dhanbad: IIT ISM के हैकथान हेकफेस्ट 2023 का समापन

IIT ISM धनबाद में चल रहे इस्टर्न इंडिया के सबसे बड़े हैकथान हेकफेस्ट 2023 का समापन हो गया। देश-दुनिया से बेखबर विभिन्न टेक्नीकल इंस्टीच्युट्स के 300 से अधिक स्टूडेंट्स ने 36 घंटे तक समस्याओं का समाधान ढूंढा। अपने कौशल की बदौलत टीम कल करूंगा इस हेकफेस्ट की विजेता बनी। एब्सट्रैक्ट लैब्स ने दूसरा और लेडी गाडर्स ने तीसरा स्थान प्राप्त किया।

Dhanbad: IIT ISM के हैकथान हेकफेस्ट 2023 का समापन
  • देशभर के टेक्नीकल इंस्टीच्युट्स के 300 स्टूडेंट्स ने ढूंढा समस्याओं का समाधान

धनबाद। IIT ISM धनबाद में चल रहे इस्टर्न इंडिया के सबसे बड़े हैकथान हेकफेस्ट 2023 का समापन हो गया। देश-दुनिया से बेखबर विभिन्न टेक्नीकल इंस्टीच्युट्स के 300 से अधिक स्टूडेंट्स ने 36 घंटे तक समस्याओं का समाधान ढूंढा। अपने कौशल की बदौलत टीम कल करूंगा इस हेकफेस्ट की विजेता बनी। एब्सट्रैक्ट लैब्स ने दूसरा और लेडी गाडर्स ने तीसरा स्थान प्राप्त किया।

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 जूरी ने श्रेष्ठ समाधान की बदौलत शीर्ष दस टीमों का चयन किया है। इन्हें पुरस्कार के तौर पर कैश राशि के साथ ही इनके आइडिया पर आगे भी काम करने का भरोसा दिया गया। हेकफेस्ट में IIT ISM समेत देश के विभिन्न इंजीनियरिंग संस्थान की 80 टीम ने समस्याओं का समाधान निकाला। स्टूडेंट्स ने IIT ISM के सेंट्रल लाइब्रेरी में टेकनीक के जरिए वेबसाइट, वेब एप्लीकेशन और साफ्टवेयर बनाने का काम किया।

हेकफेस्ट की टाप-10 विजेता टीम
टीम                   टीम लीडर

कलकरूंगा         मयंक नारंग

एब्सट्रैक्ट लैब्स     श्रेयांस जैन

लेडी गाडर्स         अनुराग मिश्रा

सीरेन स्क्वाड        देबजीत बोस

टेक्नो ट्यूनर्स       अशीत राय

क्रूड                   इंद्रनील सेन

बिट लाडर्स         शुभम कुमार

फर्नीचढ़             उद्यान चटर्जी

सीकर                संस्कार सिंह

टिनी कोडर्स        अभिनाश महापात्रा

पुलिस और स्टूडेंट्स की मदद करेगा वेब एप्लीकेशन
ट्रिपल आइटी नया रायपुर छत्तीसगढ़ के तीन बीटेक स्टूडेंट्स संस्कार सिंह, शिवम कुशवाहा और दीपेश अग्रवाल ने एक ऐसा वेब एप्लीकेशन बनाया है जो मुश्किलें आसान कर देगी। खासकर स्टूडेंट्स और पुलिस प्रशासन के लिए यह काफी मददगार साबित होने वाला है। यह एप्लीकेशन हेल्थ केयर क्षेत्र में दूरगामी परिणाम देने के साथ ही आसानी से क्रिमिनल ढूंढने में मदद भी करेगा। सीसीटीवी फुटेज, वीडियो और घंटों के शैक्षणिक लेक्चर में एक निश्चित बात जानने के लिए वीडियो क्लिक पूरा देखने की जरूरत नहीं पड़ेगी।जिस चीज के बारे में जानना उसके बारे में लिखिए या बोलिए, आपके स्क्रीन पर वो क्लिक आकर रुक जायेगी। यह सब टीम सीकर के वेब एप्लीकेशन से संभव हो सकेगा। ट्रिपल आइटी नया रायपुर की टीम सीकर ने वेब एप्लीकेशन बनाया है। यह एप्लीकेशन कितने भी लंबे वीडियो उस चीज तक पहुंचने में मदद करेगी, जो आप देखना या सुनना चाहते हैं। 

किसी सीसीटीवी फुटेज में अगर पुलिस जानना चाहती है कि गाड़ी क्रैश कब हुई या चोरी कब और कितने लोगों ने की। तो बस पुलिस को इस एप्लीकेशन में जाकर उस वीडियो को डालना होगा और टेक्स्ट टाइप करना होगा कि गाड़ी कब क्रैश हुई या चोर में कितने लोग शामिल थे। अब इस एप्लीकेशन का आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस उसी क्लिक को स्क्रीन पर दिखायेगा जिसे आपने टाइप किया है।अगर स्टूडेंट को किसी एक स्पेशल सबजेक्ट के निर्धारित टापिक के बारे में जानना है तो बस उस टापिक के बारे टेक्स्ट करना होगा और स्क्रीन पर क्लिप आकर रुक जायेगा। टीम सीकर के संस्कार सिंह ने बताया कि अभी टेक्स्ट से ही किसी निर्धारित बिंदु का पता लगाया जा रहा है। आगे इसमें वाइस कमांड की सुविधा देकर भी प्रयोग में लाया जा सकेगा। इस एप्लीकेशन को अपग्रेड कर यह भी पता लगाया जा सकेगा कि बॉडी में कोई सेल्स कहां से बढ़ रहा है, इसके बाद इसका सही इलाज संभव हो पायेगा। 
पेसेंट घर बैठे जान सकेंगे अपनी स्थिति
महर्षि मारकंडेय डीम्ड यूनिवर्सिटी अंबाला हरियाणा की टीम अल्फाटेक ने कमाल का वेब एप्लीकेशन बनाया है। इसमें कई खूबियां हैं। पेसेंट और डॉक्टर के बीच समन्वय बनाने के साथ ही एप यह भी बताएगा कि ह्दय और अन्य रोग आपके लिए कितना खतरनाक है, खून की जरूरत पड़े तो कहां संपर्क करें, आपकी बीमारी किस हद जा चुकी है। टीम अल्फाटेक के सदस्यों दानिश, राहुल, निखिल और अमरनाथ ने यह एप्लीकेशन बनाया है। इसमें दो स्टेज है, एक ह्दय रोग और दूसरा सामान्य बीमारी। कोविड के बाद हर्ट पेसेंट की संख्या अप्रत्याशित रूप से बढ़ी है। आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस और मशीन लर्निंग प्रोग्राम के आधार पर एप्लीकेशन बनाया गया है।इसमें पेसेंट और डॉक्टर दोनों के लिए लागइन की सुविधा है। लॉग इन करने पर पेसेंट और डॉक्टर का पूरा डेटा इसमें सेव हो जाता है। पेसेंट को 12 से 14 तरह की जानकारी देनी होती है। इससे यह पता चल जाता है कि उसकी हर्ट संबंधी बीमारी किस स्टेज तक पहुंच चुकी है। अगर उसे खून या डॉक्टर की जरूरत पड़े तो उसके नजदीक कौन सा डॉक्टर, ब्लड बैंक, डोनर और ब्लड की उपलब्धता के बारे में आसानी से पता चल जायेगा। इसकी सबसे खास बात यह है कि डॉक्टर के डेटा में यह भी रहेगा कि संबंधित डॉक्टर की विशेषज्ञता किस क्षेत्र में है। डेटा का आंकड़ा रेडियो बटन तकनीक पर आधारित है। घर बैठे ही पेसेंट डॉक्टर से टेली परामर्श कर सकता है।

हेल्थ केयर चैटबोट बीमारी के प्रकार से करायेगा अवगत
बेनिट यूनिवर्सिटी ग्रेटर नोएडा की टीम केयर कैटलिस्ट ने अपने नाम के मुताबिक लोगों के हेल्थ से जुड़ा एप्लीकेशन बनाया है। इस टीम में श्रीजीत पुरवार, स्वास्तिक मिश्रा, तेजस मधुकर और श्रीयस सक्सेना हैं। टीम के सदस्यों ने बताया कि आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस और नेचुरल लैंब्वेज प्रोसेस के माध्यम से हेल्थ केयर चैटबोट एप्लीकेशन विकसित किया है। इसमें 40 विभिन्न बीमारियों का डेटा डाला गया है। आप जैसे ही इस चैटबोट में बीमारी टाइप करते हैं, आटोमेटिक आपकी बीमारी के बारे में बातचीत शुरू हो जाती है। जेसे आपने यदि हेडेक टाइप किया तो नेचुरल लैंग्वेज प्रोसेस के माध्यम से आपसे पूछा जायेगा कि कब से हेडेक है, क्या शरीर का कोई अन्य हिस्सा भी दर्द कर रहा है, फीवर है या नहीं आदि। आपने कुछ और जानना चाहा तो फिर उस विषय से संबंधित चैटिंग शुरू हो जायेगी। कुल मिलाकर इस हेल्थ केयर चैटबोट से आपको बीमारी, इसके कारण, प्रकार और घरेलू इलाज की जानकारी दी जायेगी। यह एप न्यूट्रल नेटवर्क पर काम करता है। आप जो चीजें पूछते रहेंगे एप भी उसे सीखता जायेगा। इसकी आगे की कड़ी में मानसिक बीमारियों को भी रखा जायेगा।