Dhanbad: कोयलांचल का राजनीतिक घराना "सिंह मेन्शन" दो फाड़, संजीव सिंह व सिद्धार्थ गौतम की राह हुई अलग
कोयलाचंल का सबसे मजबूत राजनीतिक घराने "सिंह मेंशन" अब पूरी तरह दो फाड़ हो गया है। दिवंगत एमएलए सूर्यदेव सिंह के बेटे एक्स एमएलए संजीव सिंह सिद्धार्थ गौतम उर्फ मनीष सिंह अब अलग-अलग हो गये हैं। मजदूर संगठन जनता मजदूर संघ में बड़ी टूट हो गयी है। मनीष सिंह को छोड़ संजीव सिंह व उनके समर्थक अब जनता श्रमिक संघ बनाकर अपना राह अलग कर लिया है।
- जनता मजदूर संघ में टूट,
- सिंह मेशन का नया मजदूर संगठन होगा जनता श्रमिक संघ
- संजीव सिंह महामंत्री व व रागिनी सिंह बनी संरक्षक
धनबाद। कोयलाचंल का सबसे मजबूत राजनीतिक घराने "सिंह मेंशन" अब पूरी तरह दो फाड़ हो गया है। दिवंगत एमएलए सूर्यदेव सिंह के बेटे एक्स एमएलए संजीव सिंह सिद्धार्थ गौतम उर्फ मनीष सिंह अब अलग-अलग हो गये हैं। मजदूर संगठन जनता मजदूर संघ में बड़ी टूट हो गयी है। मनीष सिंह को छोड़ संजीव सिंह व उनके समर्थकों ने जनता श्रमिक संघ बनाकर अपना राह अलग कर लिया है।
यह भी पढ़ें:Dhanbad: कंट्रेक्टर से भाकपा माओवादियों ने मांगी लेवी, पुलिस में कंपलेन
जनता श्रमिक संघ में संजीव सिंह महामंत्री व व रागिनी सिंह बनी संरक्षक
झरिया के एक्स एमएलए संजीव सिंह के समर्थकों ने रविवार को जनता श्रमिक संघ के विघटन का औपचारिक एलान किया। मौके पर प्रदीप सिन्हा, अभिषेक व संतोष सिंह व लकी सिंह उपस्थित थे। मेंशन का कोई सदस्य मौजूद नहीं थे। सिंह मेंशन के संबधी संतोष सिंह उर्फ भगीना मौके पर उपस्थित थे। जनता श्रमिक संघ का महामंत्री संजीव सिंह व संरक्षक रागिनी सिंह को बनाया गया है। संतोष सिंह अध्यक्ष, प्रदीप सिन्हा उपाध्यक्ष, अभिषेक सिंह व लक्की सिंह को संयुक्त महामंत्री बनाया गया है। संजीव रागिनी जनता मजदूर संघ कुंती गुट की भी पदाधिकारी हैं। दोनों ने इस्तीफा नहीं दिया है। जानकार सोर्सेज का कहना है कि आगे चलकर जनता श्रमिक संघ की अगुवाई संजीव सिंह व रागिनी सिंह खुलकर करेंगी। जनता श्रमिक संघ का एचएमएसए से एफीलेशन हो गया है।
जनता मजदूर संघ को लेकर सिंह मेंशन में वर्षों से चल रहा है विवाद
जनता मजदूर संघ को लेकर सिंह मेंशन फैमिली विवाद चल रहा है। इस विवाद के कारण ही नये श्रमिक संगठन की रूपरेखा तैयार की गई है। कहा जा रहा है कि इस संगठन से सिंह मेंशन को कोई लेना देना नहीं है, लेकिन सच्चाई यही है कि इस काफी ही करीबी है। इसका मतलब साफ है कि सिंह मेंशन से अब दो मजदूर संगठन काम करेंगे। जनता मजदूर संघ की अगुवाई सूर्यदेव सिंह के बेटे सिद्धार्थ गौतम करते रहेंगे। वहीं दूसरे संगठन की अगुवाई अब सूर्यदेव सिंह की बहू रागिनी सिंह करेंगी। जनता मजदूर संघ (कुंती गुट) के भीतर आपसी खींचतान चल रही है। संजीव सिंह के जेल जाने के बाद इसके कर्ताधर्ता सिद्धार्थ गौतम बन गये हैं। एक्स एमएलए कुंती देव अध्यक्ष व सिद्धार्थ गौतम महामंत्री हैं। सिद्धार्थ गौतम की ओर से रागिनी सिंह व उनके समर्थकों को तरजीह नहीं जा रही है।
सिद्धार्थ की राजनीतिक महत्वकांक्षा भी बढ़ी
सिद्धार्थ की राजनीतिक महत्वकांक्षा भी बढ़ गयी है। परिवार से इतर जाकर वह 2019 का लोकसभा चुनाव निर्दलीय लड़ चुके हैं। चुनाव में काफी दुर्गति हुई और 10 हजार वोट भी वहीं ला सके। जनता मजदूर संघ (कुंती गुट) को लेकर चल रहे विवाद के कारण कई माह पहले ही जनता श्रमिक संघ का गठन कर लिया गया था। कागजी कार्रवाई भी पूरी कर ली गई थी। एचएमएस से इसकी संबद्धता भी प्राप्त कर ली गई है। जनता श्रमिक संघ किसी जमाने में एक्स मिनिस्टर आबो देवी चलाती थी लेकिन कतिपय कारणों से इस संगठन का अस्तित्व खत्म हो गया। इसी संगठन को सिंह मेंशन के समर्थकों ने कागजी कार्रवाई करने के बाद अपने पाले में कर लिया। विधिवत रविवार को इसकी घोषणा कर दी गयी।
झरिया के एमएलए रहे सूर्यदेव सिंह ने किया था जनता मजदूर संघ का गठन
झरिया के तत्कालीन एमएलए सूर्यदेव सिंह ने कोयलांचल के मजदूरों को उनका हक दिलाने के लिए 1977 में जनता मजदूर संघ का गठन किया था। कुछ ही वर्षों में यह यूनियन मजदूरों के बीच काफी लोकप्रिय हुआ। वामपंथी यूनियनों के अलावा इंटक के हजारों लोग जनता मजदूर संघ में शामिल हुए। अभी जनता मजदूर संघ के बीसीसीएल, सीसीएल और इसीएल में हजारों सदस्य हैं।
चंद्रशेखर व बाबूलाल मरांडी भी रहे हैं जेएमएस के अध्यक्ष
जमसं के पहले अध्यक्ष एक्स पीएम चंद्रशेखर और सूर्यदेव सिंह थे। 1991 में सूर्यदेव सिंह के निधन के बाद बच्चा सिंह महामंत्री बने। अध्यक्ष चंद्रशेखर ही रहें। सूर्यदेव सिंह की मृत्यु (1991) के 15 साल बाद परिवार के सदस्यों के बीच वर्चस्व की लड़ाई शुरू हुई थी। बच्चा सिंह जो 1991 में राजनीति में आये और झरिया विधानसभा से 1991 और 1995 में लगातार दो चुनाव में पराजित हो गये। बच्चा सिंह 2000 में झरिया से चुनाव जीते। अलग राज्य बनने पर बच्चा सिंह झारखंड के पहले नगर विकास मंत्री बने। पारिवारिक सूर्यदेव सिंह की पत्नी बच्चा सिंह और कुंती सिंह के बीच रिश्ते में खटास आ गई जब कुंती ने 2005 में झरिया से बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़कर जीत हासिल की। 2004 में पारिवारिक विवाद के कारण बच्चा सिंह की जगह कुंती सिंह महामंत्री बनी। तब भी अध्यक्ष चन्द्रशेखर थे। 2006 में चन्द्रशेखर की जगह बच्चा सिंह को अध्यक्ष बनाया गया और महामंत्री कुंती देवी बनी। एक्स सीएम बाबूलाल मरांडी, प्रवीण सिंह, रामधीर सिंह के बाद अब कुंती देवी अध्यक्ष बनी हैं। वर्तमान में जनता मजदूर संघ के दो अलग-अलग गुट धनबाद की हर कोलियरी में काम कर रहा है। एक कुंती सिंह के नेतृत्व में जनता मजदूर संघ (कुंती गुट) और दूसरे को एक्स मिनिस्टर बच्चा सिंह नेतृत्व में जनता मजदूर संघ (बच्चा सिंह गुट) कहा जाता है।
2022 जनवरी में कुंती देवी बनी जनता मजदूर संघ की अध्यक्ष, सिद्धार्थ गौतम बनें महामंत्री
जनता मजदूर संघ की जनवरी 2022 में हुई वार्षिक आमसभा में झरिया की एक्स एमएलए कुंती देवी को अध्यक्ष व सिद्धार्थ गौतम को महामंत्री बनाया गया। अभी सिद्धार्त गौतम जेबीसीसआइ मेंबर भी हैं। मई 2017 में झारखंड के 980 ट्रेड यूनियनों का रजिस्ट्रेशन रद्द कर दिया गया। इसमें जनता मजदूर संघ भी शामिल था। झारखंड के रजिस्ट्रार ट्रेड यूनियन को री- रजिस्ट्रेशन के आवेदन देने के लिए आम सूचना प्रकाशित की। संघ के दोनों गुटों ने आवेदन दिया। जुलाई 2021 में रजिस्ट्रार ने बच्चा सिंह के आवेदन को अमान्य करते हुए कुंती गुट का रजिस्ट्रेशन कर दिया। ट्रेड यूनियन रजिस्ट्रार के इस फैसले के खिलाफ बच्चा सिंह ने झारखंड हाईकोर्ट में याचिका दायर राहत की मांग की। सुनवाई के बाद कोर्ट ने तत्काल कोई भी राहत नहीं दी। जनता मजदूर संघ में सजायाफ्ता रामाधीर सिंह के अध्यक्ष बने रहने पर झरिया एमएलए पूर्णिमा नीरज सिंह ने श्रम विभाग के अवर सचिव को पत्र लिखकर सवाल उठाया था।
रामधीर सिंह एंड फैमिली भी जनता मजदूर संघ के अलग
एकबार फिर सिंह मेंशन का विवाद चरम पर है। बच्चा सिंह पहले सिंह मेंशन से अलग होकर सूर्योदय में रह रहे हैं। राजन सिंह के परिजन रघुकुल में हैं। बच्चा सिंह का पूरा साथ राजन सिंह के परिजन एमएलए पूर्णिमा नीरज सिंह (दिवंगत नीरज सिंह की वाइफ) के साथ हैं। संजीव सिंह छह साल से अपने चचेरे भाई नीरज सिंह की मर्डर केस में जेल में बंद है। विगत विधानसभा चुनाव में बीजेपी की टिकट पर झरिया से सिंह की वाइफ रागिनी सिंह चुनाव मैदान में थी। कांग्रेस कैंडिडेट पूर्णिमा नीरज सिंह ने उन्हें पराजित कर दिया। रामधीर सिंह एंड फैमिली सिंह मेंशन से अलग होकर इंडोरी हाउस में रह रहे हैं। रामधीर की पतोहू आसनी सिंह भी जनता मजदूर संघ कुंती गुट पहले ही छोड़ चुकी है।