Dhanbad: ऑटो चोरी में भी Judge Uttam Anand murder case के आरोपी लखन व राहुल को तीन वर्ष की कैद
धनबाद के अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश उत्तम आनंद की मौत मामले में उम्रकैद की सजा काट रहे ऑटो ड्राइवर लखन कुमार वर्मा व उसके सहयोगी राहुल कुमार वर्मा को ऑटो चोरी केस में तीन- तीन वर्ष कैद की सजा सुनायी गयी है। पांच- पांच हजार रुपये जुर्माना भी लगाया गया है।
- 10 हजार रुपये का जुर्माना
धनबाद। धनबाद के अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश उत्तम आनंद की मौत मामले में उम्रकैद की सजा काट रहे ऑटो ड्राइवर लखन कुमार वर्मा व उसके सहयोगी राहुल कुमार वर्मा को ऑटो चोरी केस में तीन- तीन वर्ष कैद की सजा सुनायी गयी है। पांच- पांच हजार रुपये जुर्माना भी लगाया गया है।
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सीबीआइ के विशेष न्यायिक दंडाधिकारी अभिषेक श्रीवास्तव की की कोर्ट में मंगलवार को ऑटो चोरी के मामले में वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए अपना फैसला सुनाया। हजारीबाग सेंट्रल जेल में बंद दोनों सजायाप्ताओं को वीडियो कांफ्रेंसिंग से कोर्ट में पेशी कराई गई। कोर्ट ने दोनों को भादवि की धारा 379 में तीन तीन वर्ष कैद व पांच- पांच हजार रुपये जुर्माना वहीं भादवि की धारा 201 में दोषी पाकर नौ-नौ माह की कैद व पांच- पांच हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई। दोनों सजा एक साथ चलेगी।
यह है मामला
पाथरडीह निवासी रामदेव लोहार की पत्नी सुगनी देवी ने 29 जुलाई 2021 को अपनी ऑटो चोरी की एफआइआर पाथरडीह पुलिस स्टेशन में दर्ज कराई थी। ऑटो के धक्के से जज की हुई मोत के बाद ऑटो चोरी से संबंधित केस की जांच का जिम्मा भी सीबीआइ को सौंप दी गई थी। सीबीआइ ने 27अक्टूबर 2021 को लखन कुमार वर्मा व राहुल कुमार वर्मा के खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट समर्पित किया था। कोर्ट ने 16 दिसंबर 2021 को दोनों के विरुद्ध भादवि की धारा 379 व 201 के तहत संज्ञान लिया। कोर्ट ने 24 नवंबर 2021 को दोनों आरोपियों के खिलाफ आरोप गठित कर केस का विचारण शुरू किया। केस विचारण के दौरान अभियोजन की ओर से सीबीआइ के विशेष लोक अभियोजक ने 17 लोगों की गवाही कराई थी। कोर्ट ने पांच दिसंबर 2022 को लखन एवं राहुल का सफाई बयान दर्ज किया।
फ्लैश बैक
जज उत्तम आनंद वर्ष 2021 की 28 जुलाई से सुबह लगभग पांच बजे मॉर्निंग वॉक के लिए निकले थे। रणधीर वर्मा चौक के समीप ऑटो ने जज को धक्का मार दिया। वह बेहोश होकर गिर गये। घायल जज को SNMMCH ले जाया गया जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। जज के घर वापस नहीं आने पर पत्नी कीर्ति सिन्हा ने रजिस्ट्रार को फोन कर इसकी सूचना दी। रजिस्ट्रार ने मामले की सूचना एसएसपी धनबाद को दी, इसके बाद पुलिस महकमा जज को ढूंढने में लग गया था। इसके बाद उनके एक्सीडेंट होने का पता। पहले इसे सामान्य सड़क हादसा माना गया लेकिन सीसीटीवी फुटेज में एक ऑटो को जानबूझकर धक्का मारते दिखने पर सनसनी फैल गई। मामले में जज की पत्नी कृति सिन्हा की कंपलेन पर धनबाद पुलिस स्टेशन में केस नंबर 300/21 दर्ज की गयी थी। मामले में जज की वाइफ के कंपेलन पर धनबाद पुलिस स्टेशन ऑटो ड्राइवर के खिलाफ मर्डर की एफआईआर दर्ज की गई थी। पुलिस ने गिरिडीह से ऑटो ड्राइवर लखन वर्मा और उसके साथ बैठे राहुल वर्मा को अरेस्ट कर लिया। पाथरडीह से चोरी गयी ऑोटो से जज को धक्का मारी गयी थी।
सुप्रीम कोर्ट व हाई कोर्ट ने भी संज्ञान लिया
मामले में सुप्रीम कोर्ट व हाई कोर्ट ने भी संज्ञान लिया। मामले में झारखंड गवर्नमेंट ने एडीजी (ऑपरेशन) संजय आनंद लाठकर के नेतृत्व में एसआईटी गठित की। एसआईटी को अब तक की जांच में सुनियोजित मर्डर से जुड़ा कोई एवीडेंस नहीं मिला था। पुलिस मामले में ऑटो ड्राइवर लखन वर्मा व उसके सहयोगी राहुल वर्मा को अरेस्ट कर जेल भेजा गया। जज को धक्का मारने वाला ऑ़टो भी बरामद कर लिया गया है। झारखंड सरकार ने 30 जुलाई को मामले की जांच सीबीआई से कराने की अनुशंसा की थी। इसी आधार पर सीबीआई बीते चार अगस्त ने मामले में एफआइआर दर्ज कर जिला पुलिस की केस को टेकओवर कर लिया था। अब सीबीआई दिल्ली स्पेशल क्राइम ब्रांच-1 इस मामले की जांच कर रही है। सीबीआइ ने मर्डर के अलावा ऑटो चोरी एवं मोबाइल चोरी की दो अलग एफआइआर भी दर्ज की है।मामले में सीबीआई ने 20 अक्टूबर को चार्जशीट दाखिल की थी। सीबीआई ने आईपीसी की धारा 302, 201 और 34 के तहत चार्जशीट दाखिल की थी। कोर्ट ने 16 नवंबर 2021 को उपरोक्त धाराओं में संज्ञान लिया। सीबीआइ ने चार्जशीट में 169 लोगों को गवाह बनाया है।
आरोपियों की हो चुकी है नार्कों टेस्ट व ब्रेन मैपिंग
सीबीआई ने ऑटो ड्राइवर लखन वर्मा और उसके साथी राहुल वर्मा को रिमांड पर लेकर पूछताछ की । छह अगस्त के कोर्ट के आदेश के बाद सात अगस्त को सीबीआई दोनो आरोपितों को रिमांड पर ले गई थी। दोनों की साइ डिटेक्टर समेत अन्य जांच करायी जा चुकी है। 11 अगस्त को दोनों को वापस जेल भेज दिया गया था। सीबीआई की स्पेशल सेल ने नौ अगस्त को कोर्ट से दोनों आरोपीयों से सच्चाई पता करने के लिए नार्को टेस्ट,ब्रेन मैपिंग टेस्ट सहित चार अन्य टेस्ट कराने की अनुमति ली थी। नौ एवं 10 अगस्त को सिंफर के गेस्ट हाऊस सत्कार में राहुल और लखन का लाई डिटेक्टर टेस्ट ,ब्रेन इलेक्ट्रिकल आक्सीलेशन व अन्य टेस्ट किया गया था। टेस्ट में मिली जानकारी के बाद सीबीआई की टीम फॉरेंसिक एक्सपर्ट के साथ घटनास्थल पर आई थी।सीबीआई धनबाद रेलवे स्टेशन से घटनास्थल तक पहुंचने के तमाम रास्तों में लगे सीसीटीवी फुटेज को भी खंगाला था। परंतु अब तक सीबीआई मामले की गुत्थी नहीं सुलझा सकी है। सीबीआइ घटनास्थाल पर तीन बार क्राइम सीन रिक्रियेट की है। सीबीआई दोनों आरोपियों की अहमदाबाद में नार्कों टेस्ट व ब्रेन मैपिंग करायी। दोनों की फिस से ब्रैन मैपिंग व अन्य जांच करायी गयी।
छह अगस्त 2022 को दोनो को सुनायी गयी आजीवन कारावास की सजा
उत्तम आनंद मर्डर केस में CBI की स्पेशल कोर्ट ने शनिवार छह अगस्त 2022 को अपना फैसला सुनाया। स्पेशल जज रजनीकांत पाठक की कोर्ट ने मामले के दोनों नेम्ड आरोपी ऑटो ड्राइवर लखन वर्मा (22) व उसके सहयोगी राहुल वर्मा (21) को आजीवन कारावास की सजा सुनायी है। दोनों को आजीवन जेल में रहना होगा। कोर्ट ने दोनों दोषियों पर 20-20 हजार व 10-10 का जुर्माना भी लगाया है।