धनबाद: बीजेपी लीडर सतीश सिंह मर्डर केस में तीनों षडयंत्रकारियों को उम्रकैद
बीजेपी लीडर सतीश सिंह मर्डर केस में जिला एवं सत्र न्यायाधीश चतुर्थ राजीव आनंद की कोर्ट ने तीनों आरोपी ललन कुमार दास उर्फ ललन दास, बाबू राजा उर्फ चंद्रप्रकाश एवं उत्तम महतो उर्फ नीलकंठ महतो को उम्र कैद की सजा सुनाई है। कोर्ट ने आरोपियों को 50 हजार रुपये आर्थिक दंड की भी सजा दी है।
19 माह बाद आया कोर्ट का फैसला
धनबाद। बीजेपी लीडर सतीश सिंह मर्डर केस में जिला एवं सत्र न्यायाधीश चतुर्थ राजीव आनंद की कोर्ट ने तीनों आरोपी ललन कुमार दास उर्फ ललन दास, बाबू राजा उर्फ चंद्रप्रकाश एवं उत्तम महतो उर्फ नीलकंठ महतो को उम्र कैद की सजा सुनाई है। कोर्ट ने आरोपियों को 50 हजार रुपये आर्थिक दंड की भी सजा दी है।
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सजा की बिंदु पर सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष के अभियोजक वीरेंद्र कुमार ने इस मामले को रेयरेस्ट ऑफ रेयर का मामला बताया। कहा कि क्रिमिनलों द्वारा दिनदहाड़े शहर के हृदय स्थली बैंक मोड में हत्या की घटना को अंजाम दिया है। इससे क्षेत्र में दहशत का माहौल पैदा हो गया। इस कृत्य के लिए आरोपियों के प्रति कोई नरमी नहीं बरतनी चाहिए। जबकि बचाव पक्ष के अधिवक्ता द्वारा नरमी बरतने की प्रार्थना कोर्ट से की गई । दोनों पक्षों को सुनने के बाद कोर्ट ने कहा कि यह मामला रेयरेस्ट ऑफ रेयर की श्रेणी में नहीं आता है। इसलिए कोर्ट आरोपियों को उम्र कैद की सजा सुनाती है। इस मामले के दो आरोपी ललन कुमार दास उर्फ ललन दास एवं बाबू राजा उर्फ चंद्रप्रकाश पहले से ही जेल में बंद थे। जबकि एक आरोपी उत्तम महतो उर्फ नीलकंठ महतो का बंधपत्र पिछले तिथि को ही कोर्ट द्वारा खारिज कर गिरफ्तारी का वारंट जारी किया गया है। कोर्ट ने तीनों आरोपियों को षड्यंत्र रच कर 19 अगस्त 2020 को सतीश सिंह की मर्डर करने के आरोप में 10 मार्च को ही दोषी करार दिया था। कोर्ट में आज सजा के बिंदु पर सुनवाई की गई।
तीन दिसंबर को 2020 को दाखिल की गयी थी चार्जशीट
पुलिस इस मामले में टाउन के 30 से अधिक सीसीटीवी कैमरों से मिले सुराग के आधार पर 15 सितंबर 2020 को तीनों आरोपियों को अरेस्ट किया था। पूछताछ की पूछताछ में तीनों आरोपियों ने अपने अपराध स्वीकारोक्ति बयान में स्वीकार किया था। पुलिस तीनों आरोपियों के खिलाफ तीन दिसंबर 2020 को कोर्ट में चार्जशीट दाखिल किया था। कोर्ट में आरोपियों के खिलाफ तीन जून 2021 को आरोप का गठन किया गया था। अभियोजन पक्ष से अभियोजक कुलदीप शर्मा द्वारा आरोप पत्र के 24 गवाहों में से 22 गवाहों की गवाही करायी गयी।
तीनो आरोपियों पर षड्यंत्र रच सतीश की मर्डर का आरोप
कोर्टने तीनों आरोपियों को षड्यंत्र रच कर 19 अगस्त 2020 को सतीश सिंह की मर्डर कर देने का आरोपी माना है। सतीश सिंह के बड़े भाई संतोष कुमार सिंह द्वारा 19 अगस्त 2020 को बैंक मोड़ पुलिस स्टेशन में अननोन के खिलाफ FIR दर्ज कराई थी। FIR में कहा गया था कि उसे सूचना मिली की उसके छोटे भाई सतीश कुमार सिंह को बैंक मोड़ कि विकास नगर स्थित रोड पर अननोन लोगों द्वारा गोली मार दी गई है। सूचना पाकर वह मौके पर पहुंचे जहां से उसके भाई को इलाज हेतु पीएमसीएच ले जाया गया था जहां उसकी मौत हो गई थी।
बैंक मोड़ एरिया में में दिनदहाड़े हुई थी सतीश की मर्डर
बीजेपी लीडर सतीश सिंह की वर्ष 2020 की 19 अगस्त को बैंक मोड़ पुलिस स्टेशन एरिया के विकास नगर के पास दिनदहाड़े गोली मारकर मर्डर कर दी गई थी। घटना सीसीटीवी फुटेज में कैद हो गई थी। पुलिस ने दावा किया है कि घटना के दिन बाबू राजा जिस बाइक पर बैठा था उसे उत्तम चला रहा था। बाबु ने ही सतीश को गोली मारी थी। दूसरी बाइक पर सतीश साव पीछे बैठा था जिसे बलियापुर निवासी कृष्णा दास चला रहा था। योजना के अनुसार अगर बाबू राजा की गोली से सतीश बच जाते तो सतीश साव उन्हें गोली मारता।
सतीश सिंह धनबाद के बीजेपी एमएलए राज सिन्हा के काफी करीबी थे। सतीश कोलियरी एरिया और आउटसोर्सिंग कंपनियों में एक्टिव थे। इस कारण कई लोगों से उनकी दुश्मनी हो गई थी। सतीश मर्डर केस में पुलिस पहले शूटर के मददगार पुटकी निवासी ललन पासवान को पिस्टल के साथ अरेस्ट कर जेल भेजी। इसके बाद शूटर बाबू राजा चंद्रप्रकाश,उत्तम महतो,गौउर रवानी और हरिकेश प्रसाद पासवान एक देसी पिस्तौल, चार जिंदा गोली ,एक मैगजीन, मोबाइल और दो बाइक भी बरामद किया था। पुलिस ने मामले में उत्तम महतो उर्फ कमल महतो उर्फ टाईगर(कालीपुर), बाबूराजा चंद प्रकाश उर्फ सिद्धांत सिंह (सिंदरी आर एमके 4 रंगामाटी चेक पोस्ट) व ललन कुमार दास (स्वामी विवेकानंद नगर छोटा पुटकी) के खिलाफ आइपीएस की सेक्शन 302/120(बी)/34 एवं 27 आर्म्स एक्ट में चार्जशीट दाखिल किया था। मामले में शंकर साव (नियामतपुर), विकास सिंह (अंबिकापुरम) भी आरोपी है।