धनबाद : SNMMCH में 100 सीटों पर MBBS एडमिशन की NMC ने नही दी अनुमति, 50 सीटों पर होगा एडमिशन
एसएनएमएमसीएच को एक बार फिर एमबीबीएस की 100 सीट पर एडमिशन की अनुमति नहीं मिली है। नेशनल मेडिकल कमीशन (एनएमसी) ने पत्र जारी कर स्पष्ट किया है कि जिन मेडिकल कॉलेजों में इस साल निरीक्षण नहीं हो पाया है, वहां पूर्व की स्थिति बनी रहेगी।
धनबाद। एसएनएमएमसीएच को एक बार फिर एमबीबीएस की 100 सीट पर एडमिशन की अनुमति नहीं मिली है। नेशनल मेडिकल कमीशन (एनएमसी) ने पत्र जारी कर स्पष्ट किया है कि जिन मेडिकल कॉलेजों में इस साल निरीक्षण नहीं हो पाया है, वहां पूर्व की स्थिति बनी रहेगी।
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एसएनएमएमसीएच में भी निरीक्षण नहीं हुआ है। न ही निरीक्षण होने की उम्मीद हैं। दो-तीन सप्ताह में सत्र 2022-23 के एडमिशन की प्रक्रिया शुरू होने वाली है। ऐसे में इस साल भी 50 सीट पर ही एडमिशन होगा।
उल्लेखनीय है कि इस बार SNMMCH की सीटें बढ़ने की उम्मीद थी। आधारभूत संरचना के लोवल पर इस मेडिकल कॉलेज ने एनएमसी की सभी डिफिशिएंसी लगभग पूरी कर ली है। पिछले दौरे में एनएमसी ने हॉस्पिटल में गैलरीनुमा लेक्चर थिएटर और ऑक्सीजन प्लांट नहीं होने पर आपत्ति जताई थी। यहां ऑक्सीजन सप्लाई के लिए पीएसए प्लांट लग चुका है। इससे ऑक्सीजन की सप्लाई भी हो रही है। गैलरीनुमा लेक्चर थिएटर का निर्माण इमरजेंसी के ऊपर कराया जा रहा है। पिछले निरीक्षण में फैकल्टी की कमी 30 परसेंट थी, जो घट कर 20 परसेंट हो चुकी है। गवर्नमेंट के लेवल पर नियुक्ति की प्रक्रिया भी चल रही थी। अफसरों को उम्मीद थी कि इस बार यहां 100 सीट पर एडमिशन की अनुमति मिल जायेगी। लेकिन एनएमसी के पत्र ने इस उम्मीद पर पानी फेर दिया है।
MBBS की सीट 50 से बढ़ा कर 100 करने के लिए छह वर्षों से हो रहा है प्रयास
एसएनएमएमसीएच में एमबीबीएस की सीट 50 से बढ़ा कर 100 करने के लिए पिछले छह सालों से प्रयास चल रहा है। वर्ष 2013 में यहां एमबीबीएस की सीट बढ़ा कर 50 से 100 कर दी गई थी। वर्ष 2016 तक इस मेडिकल कॉलेज में 100 सीट पर एडमिशन हुआ था। वर्ष 2017 में एमसीआई (अब एनएमसी) ने निरीक्षण के दौरान 35 परसेंट फैकल्टी की कमी होने के कारण 100 सीट पर इसका रिकॉग्नाइजेशन कैंसिल कर दिया था। इसके कारण वर्ष 2017 से यहां 50 सीट पर ही एडमिशन हो रहा है।
एसएनएमएसमीएच की ओर से फैकल्टी की कमी और आधारभूत संरचना की कमी का मामला कई बार गवर्नमेंट लेवल रखा गया था। सरकार लेवल से कोई कार्रवाई नहीं हुई। यही नहीं वर्ष 2021 में फैकल्टी की कमी घट कर 20 परसेंट हो गई थी। इस साल एसएनएमएसमीएच के लिए झारखंड सरकार ने कंप्लायंस ही नहीं भेजा था। शेष नये खुले तीनों मेडिकल कॉलेजों के लिए कंप्लायंस भेजे गये थे। कंप्लायंस नहीं भेजे जाने के कारण यहां का मामला फंस गया और सीटें नहीं बढ़ सकीं।