धनबाद:आशीष रंजन व अमर रवानी ने मारी थी नीरज तिवारी को गोली, रौनक ने खुद पर की फायरिंग, तीन अरेस्ट
झारखंड की राजधानी रांची के होटवार जेल में बंद शूटर अमन सिंह गैंग के रौनक गुप्ता ने ही कतरास निवासी नीरज तिवारी की मर्डर करवाई थी। रौनक गुप्ता के इशारे पर अमन सिंह गैंग के शार्प शूटर आशीष रंजन उर्फ छोटू और गोधर निवासी अमर रवानी ने नीरज तिवारी को गोली मारी थी। वासेपुर निवासी दानिश के अलावा दूसरे लोगों का भी सहयोग लिया गया। हालांकि ये तीनों अभी पुलिस गिरफ्त से दूर हैं।
- दो पिस्टल व बाइक बरामद
धनबाद। झारखंड की राजधानी रांची के होटवार जेल में बंद शूटर अमन सिंह गैंग के रौनक गुप्ता ने ही कतरास निवासी नीरज तिवारी की मर्डर करवाई थी। रौनक गुप्ता के इशारे पर अमन सिंह गैंग के शार्प शूटर आशीष रंजन उर्फ छोटू और गोधर निवासी अमर रवानी ने नीरज तिवारी को गोली मारी थी। वासेपुर निवासी दानिश के अलावा दूसरे लोगों का भी सहयोग लिया गया। हालांकि ये तीनों अभी पुलिस गिरफ्त से दूर हैं।
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पुलिस ने नीरज की मर्डर का खुलासा करते हुए इसमें सहयोग करनेवाले दिलीप यादव,सुभम समेत तीन लोगों को अरेस्ट किया है। दो पिस्टल बाइक भी बरामद की गयी है। धनबाद पुलिस की टीम बिहार के छपरा, सीवान व जमुई में रेड की है। पुलिस नीरज की मर्डर व साजिश तथा घटना में सहयोग करने में शामिल 10 लोगों को चिन्हित की है। रौनक गुप्ता के मोबाइल कॉल डिटेल से हीपुलिस को मामले में अहम जानकारी मिली है। हालांकि पुलिस इन्विस्टीगेशन प्रभावित होने के भय से अभी मामले को सार्वजनिक नहीं कर रही है।
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नीरज के टारगेट में था रौनक,इसलिए की गयी तिवारी की मर्डर
पुलिस जांच में खुलासा है कि अगर रौनक गुप्ता नीरज तिवारी को नहीं मारता तो नीरज तिवारी ही रौनक की मर्डर करवा देता। दोनों में पिछले तीन वर्षों से अदावत चल रही थी। रौनक धीरे-धीरे नीरज तिवारी से मजबूत होता जा रहा था। इसलिए नीरज तिवारी उसकी मर्डर करवाना चाहता था। इस बात की भनक रौनक को लग गयी थी और उसने नीरज की मर्डर करवा दी।
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लोयलका हमलाकांड में राजेश वधावन गया जेल तो दुश्मनी बढ़ी
कतरास में संजय लोयलका के घर बमबाजी और बोकारो की दामोदा कोलियरी में फायरिग में राजेश वधावन के जेल जाने के बाद नीरज तिवारी और रौनक गुप्ता में दुश्मनी और बढ़ गयी। रौनक ने ही राजेश वधावन को मैनेज कर लोयलका के घर बमबाजी और दामोदा कोलियरी में फायरिग कराई थी। नीरज तिवारी की मुखबिरी पर पुलिस ने राजेश को अरेस्ट किया था।
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सूरज सिंह के गैंग से नीरज ने रखा था क्राइम वर्ल्ड में कदम
नीरज तिवारी ने कतरास व तेतुलमारी से दर्जन भर युवकों के साथ सूरज सिंह गैंग से जुड़कर क्राइम वर्ल्ड में कदम रखा था। कोयला राजधानी में वर्ष 2011 में सूरज सिंह डॉन बन गया था। वह रंगदारी के लिए आउटसोर्सिंग कंपनियों के अफसर को फोन कॉल करता था। आनाकानी करने पर फोन कर गोली मारने की धमकी देता था। इसके बाद गोली मरवा देता था।
नीरज तिवारी पहले सूरज सिंह का खास गुर्गा था। आउटसोर्सिंग के मैनेजर को धमकी देना, आउटसोर्सिंग में गोली चलाना उसका मुख्य पेशा था। सूरज सिंह के साथ रहने के कारण उसकी पहचान डॉन सुशील श्रीवास्तव (मृत) के गैंग के लोगों से भी हो गयी। सूरज की भी पहले ही मौत हो चुकी है। इसके बाद यह गैंग बिखर गया। जेल में बंद सुजीत सिन्हा से भी नीरज तिवारी के संपर्क थे। पुलिस के अनुसार सुजीत सिन्हा जब धनबाद में पांव पसारने की तैयारी कर रहा था तो नीरज तिवारी और सुनील पासी से सबसे पहले संपर्क किया था।
रौनक गुप्ता से जेल में हुई थी नीरज की पहचान
नीरज तिवारी की रौकन गुप्ता से पहचान धनबाद जेल में हुई थी। रौनक गुप्ता पहले अमन सिंह के लिए काम करता था।उसके बाद उसने नीरज के साथ मिलकर कोल कारोबार में अपना हाथ अजमाया। इन दिनों नीरज तिवारी और रौनक गुप्ता में पैसे को लेकर थोड़ी अनबन हो गयी थी। पुलिस की मदद से रौनक का कोयला कारोबार खुबचल रहा था। अभी नीरज तिवारी पुलिस के लिए मुखबिरी करता था। सीआइडी ने निरसा गांजा तस्करी प्लांट कर इसीएल स्टाफ चिरंजीत घोष को फंसाने के आरोप में नीरज समेत तीन लोगों को जेल भी भेजा था। बाद में बेल मिलने के बाद वह बाहर आया था। इसके बाद पुलिस के द्वारा स्थापित अपने कोल कारोबार में जुट गया। जिले के तीन-तीन एसएसपी का चेहता रहा एक पुलिसकर्मी का का नीरज खासमखास था। तीनों एसएसपी से उसी पुलिस वाले नीरज को मुखबिरी के सटाया था। फ्लैश बैक
कतरास के राजस्थानी धर्मशाला के यादव चाय दुकान के पास दो सितंबर की रात पौने नौ बजे नीरज तिवारी, रौनक गुप्ता और रोहित गुप्ता पहुंचे थे। रोहित ने पान मसाला व सिगरेट मांगा। दुकानदार मनीष ने सिगरेट और पान मसाला दिया। इसके बाद वह दुकान बंद कर घर चला गया। थोड़ी देर के बाद आशीष रंजन और अमर रवानी आया और नीरज तिवारी को गोली मार दी। इसके बाद रौनक ने अपने से खुद को गोली मारी। आशीष ने रोहित को भी हाथ और पैर में गोली मारी।