Dhanbad: जिले में अब इंस्पेक्टर और सब इंस्पेक्टरों को थानेदारी के लिए पास करना होगा एग्जाम, अफसरों में असंतोष

कोयला राजधानी धनबाद में अब पुलिस  इंस्पेक्टर और पुलिस सब इंस्पेक्टर की अगली पोस्टिंग एग्जाम पास करने के बाद ही मिलेगी। एग्जाम पास करने वाले अफसरों को ही थानेदारी मिलेगी। इस संबंध में धनबाद एसएसपी की ओर से आदेश जारी कर दिया गया है।

Dhanbad: जिले में अब इंस्पेक्टर और सब इंस्पेक्टरों को थानेदारी के लिए पास करना होगा एग्जाम, अफसरों में असंतोष
दक्षता परीक्षा में पास होना जरूरी।
  • एसएसपी ने जारी किया आदेश

रांची। कोयला राजधानी धनबाद में अब पुलिस  इंस्पेक्टर और पुलिस सब इंस्पेक्टर की अगली पोस्टिंग एग्जाम पास करने के बाद ही मिलेगी। एग्जाम पास करने वाले अफसरों को ही थानेदारी मिलेगी। इस संबंध में धनबाद एसएसपी की ओर से आदेश जारी कर दिया गया है।
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एसएसपी की ओेर से जारी आदेश में कहा गया है कि धनबाद जिले में पदस्थापित सभी थाना और ओपी प्रभारियों की एग्जाम फरवरी को पुलिस लाइन धनबाद में होगी। आदेश में कहा गया है कि परीक्षा में प्राप्त अंकों के आधार पर ही थाना प्रभारी और ओपी प्रभारियों का वार्षिक चरित्र प्रतिवेदन (एसीआर) लिखा जायेगा। साथ ही उनकी अगली पोस्टिंग भी इसी एग्जाम में प्राप्त अंकों के आधार पर की जायेगी। सभी थाना और ओपी प्रभारियों को पूरी तैयारी के साथ इस एग्जाम में शामिल होने का निर्देश दिया गया है।
सब्जेक्टिव और ऑब्जेक्टिव होंगे प्रश्न
दक्षता परीक्षा भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, भारतीय साक्ष्य अधिनियम और पुलिस कार्य प्रणाली पर आधारित होगी. इन सभी विषयों से संबंधित अलग-अलग सब्जेक्टिव और ऑब्जेक्टिव प्रश्न होंगे।
दक्षता परीक्षा को ले जिला के अधिकारियों के भारी असंतोष
किसी पदाधिकारी के योग्यता और व्यक्तित्व की परख आप कुछ objective Type Questions से कैसे कर सकते है। थानेदारी के लिए कानून की जानकारी के साथ-साथ उस अधिकारी की तत्परता, उसकी IQ, मुद्दों की समझ, और पदाधिकारी के समग्र व्यक्तित्व पर निर्भर करता है। जिला के अधिकारियो /पदाधिकारियों में तथाकथित दक्षता परीक्षा की निस्पक्षता और विश्वसनीयता पर भारी संदेह है। अभी कुछ दिन पहले ही धनबाद एसएसपी जीटी रोड के एक बहुचर्चित थानेदार को हटा कर वहां दूसरे की पोस्टिंग करने के लिए DIG को अनुसंसा पत्र प्रेसित किए। इसकी भनक उन्ही के एक विश्वसनीय पात्र द्वारा उक्त थानेदार को दे दी गयी। थानेदार अपनी लंबी पहुंच के बदौलत SSP के अनुसंसा को रुकवाकर आज भी एकछत्र काबिज है। जब SSP की गोपनीय सिफारिश की जानकारी समय पूर्व थानेदारो को हो जा रही है तो क्या गारंटी है कि थानेदार हेतु होनेवाली तथाकथित दक्षता परीक्षा का प्रश्न पत्र परीक्षा से पूर्व ही उनतक नही पहुंच पायेगी।
धनबाद जिला के सभी थानेदार यह जानते है कि अगर अगर एक सीनीयर अफसर थाना आकर उनके विरुद्ध प्रतिकूल टिप्पणी कर दिए तो उनकी कुर्सी खतरे में आ जायेगी। दबी जुबान सभी थानेदार यह कहते है कि अगर किसी को समय पूर्व हटाना है तो उसी अधिकारी को निरीक्षण/जांच के लिए भेजा जाता है। पूर्व में भी ऐसे कई उदाहरण है जब कई थानेदारो को अकारण ही हटाकर वहां अलग-अलग समीकरणों के तहत थानों में ट्रांसफर-पोस्टिंग की गयी है। इसकी क्या गारंटी है कि कुछ थानेदारो को तथाकथित दक्षता परीक्षा का प्रश्न पत्र परीक्षा से पहले ही प्राप्त नही हो जायेगा।
अगर परीक्षा ही थानेदारी मिलने का आधार है तो झारखंड के सभी जिलों में यह लागू होनी चाहिए न कि सिर्फ धनबाद
लोकतंत्र में सभी को समान अवसर मिलना चाहिए। अगर परीक्षा ही थानेदारी मिलने का आधार है तो झारखंड के सभी जिलों में यह लागू होनी चाहिए न कि सिर्फ धनबाद जिला में जहां पहले से ही थानेदारी में अलग-अलग गुट और समीकरण हावी है। और सबसे यक्ष प्रश्न की क्या संवेधानिक प्रावधानों के अनुरूप तथाकथित इस दक्षता परीक्षा में आरक्षण के नियमो का अनुपालन होगा।  नाम नही सार्वजनिक किए जाने  की शर्त पर जिला के कुछ थानेदारो ने बताया कि वो एग्जाम देकर अपने कानून की जानकारी की योग्यता को पुनः साबित करने को तैयार है लेकिन इसके साथ-साथ थानों मे पोस्टिंग के लिए झोला सिस्टम और बने रहने के लिए रिचार्ज सिस्टम भी बंद होना चाहिए।