धनबाद: सतीश सिंह मर्डर केस में पुलिस को सफलता, शूटर का मददगार पिस्टल समेत अरेस्ट, जेल गया
धनबाद पुलिस को बीजेपीलीडर सतीश सिंह मर्डर केस में एक सफलता हाथ लगी है। पुलिस ने शूटर के मददगार पुटकी निवासी ललन पासवान को पिस्टल के साथ अरेस्ट किया है। कोर्ट में पेशी के बाद उसे जेल भेज दिया है। सिटी एसपी सह प्रभारी एसएसपी आर रामकुमार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि मौत का कारण साजिशकर्ता अनुसंधान के दायरे में है।
- साजिशकर्ता व मर्डर की कारणों तक जल्द पहुंचेगी पुलिस: सिटी एसपी
- कार व बाइक भी जब्त
धनबाद। धनबाद पुलिस को बीजेपीलीडर सतीश सिंह मर्डर केस में एक सफलता हाथ लगी है। पुलिस ने शूटर के मददगार पुटकी निवासी ललन पासवान को पिस्टल के साथ अरेस्ट किया है। कोर्ट में पेशी के बाद उसे जेल भेज दिया है। सिटी एसपी सह प्रभारी एसएसपी आर रामकुमार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि मौत का कारण साजिशकर्ता अनुसंधान के दायरे में है।
उन्होंने कहा कि मर्डर की वजह आउटसोर्सिंग में वर्चस्व अन्य कारणों के एंगल पर पुलिस की अनुसंधान जारी है। जांच के दौरान ही बरामद हुई पिस्तौल घटना में प्रयुक्त हुई थी या नहीं यह भी अनुसंधान में है।बरामद बाइक और कार घटना स्थल पर मूवमेंट करते देखा गया था। घटना स्थल के आसपास के सीसीटीवी फुटेज में भी आ चुका है। कार में चालक ललन दास के साथ एक और अन्य व्यक्ति बैठा हुआ पाया गया था।
बरामद बाइक पर किशन कुमार रविदास के साथ उसके साथी सतीश साव था। सीसीटीवी फुटेज से यह पता चलता है कि हत्या में दो बाइक पर चार क्रिमिनल शामिल थे। उपरोक्त बाइक के अलावे एक पल्सर बाइक भी थी। होंडा साइन बाइक पर सतीश के साथ किशन पॉलिटेक्निक चौक,सुभाष चौक होते हुए मटकुरिया पहुंचे थे। यहां पहुचकर वे बाकी साथी का इंतजार करने लगे। इसके पश्चात मटकुरिया पुल के पीछे सभी योजना बनाते हुए बारी-बारी से निकलने लगे। सबसे पहले कार केंदुआडीह की तरफ चला गया। इसके बाद अपराधकर्मी ने सतीश सिंह को गोली मारी और फरार हो गये।
गिरफ्तार ललन दास का आपराधिक इतिहास रहा है। जिसके विरुद्ध बैंक मोड़ थाना , पुटकी थाना और बलियापुर थाना में आपराधिक मामले दर्ज है।बताया जाता है कि सतीश सिंह को गोली मारने वाला शूटर सतीश साव है। ये वही सतीश साव है जिसकी जमीन कारोबारी समीर मंडल की हत्या में दूसरे शूटर के तौर पर पहचान हुई है। सतीश साव पुलिस की पकड़ से दूर है। पुलिस अनुसंधान में यह बात आयी कि शूटर सतीश साव का ठिकाना वासेपुर में है। पहले वह कुस्तौर में रहता था। बलियापुर से जो बाइक मिली है, वह भी सतीश साव की है। बाइक को बलियापुर के गैराज में छिपाने वाला कृष्णा दास अभी पुलिस की पकड़ से दूर है।