धनबाद: आग से झुलसे सुदामडीह के युवा दंपत्ति की एक साथ हुई मौत, परिवार में मातम
गैस सिलेंडर से आग लगने से गंभीर रूप से झुलसे सुदामडीह रिवर साइड निवासी बीसीसीएल स्टाफ कुंदन किशोर सिंह (35) व उनकी पत्नी सरिता देवी (28) की रविवार की शाम मौत हो गयी। पहले पति कुंदन की मौत हुई। पत्नी सरिता ने भी दस मिनट के बाद दुनिया को अलविदा कह दिया।
- गैस सिलेंडर से आग लगने से गंभीर रूप से झुलस गये थे रिवर साइड निवासी बीसीसीएल स्टाफ कुंदन व उनकी पत्नी
धनबाद। गैस सिलेंडर से आग लगने से गंभीर रूप से झुलसे सुदामडीह रिवर साइड निवासी बीसीसीएल स्टाफ कुंदन किशोर सिंह (35) व उनकी पत्नी सरिता देवी (28) की रविवार की शाम मौत हो गयी। पहले पति कुंदन की मौत हुई। पत्नी सरिता ने भी दस मिनट के बाद दुनिया को अलविदा कह दिया।
पिछले एक सप्ताह से दंपत्ति का धनबाद के एक प्राइवेट हॉस्पीटल में इलाज चल रहा था। पति-पत्नी के एक साथ हुई मौत से रिवर साइड में मातम पसरा है। परिजन रो रोकर बेहाल हैं। पुलिस ने शव को कोविड जांच के बाद पोस्टमार्टम कराया। इसके बाद शव को परिजनों को सौंप दिया। मोहलबनी दामोदर नदी श्मशान घाट मुक्तिधाम में एकसाथ गमगीन माहौल में दंपती का अंतिम संस्कार किया। भतीजा राज ने मुखाग्नि दी।
गैस सिलेंडर की आग से झुलसे थे दोनों
परिजनों ने बताया कि कुंदन जयरामपुर कोलियरी में कार्यरत थे। घटना के दिन पत्नी सरिता सोमवार का व्रत की हुई थी। सरिता ने घटना के बाद बताया कि गैस सिलेंडर खत्म होने पर पड़ोस की एक महिला से दूसरा गैस सिलेंडर लगवाई थी। तभी ड्यूटी समाप्त कर पति कुंदन दोपहर को घर पहुंचे। कुंदन चाय बनाने के लिए घर के किचन में चले गए। हीटर पर चाय बना ही रहे थे, तभी गैस सिलेंडर पड़ा देख उसमें गैस चेक करने लगे। यह देख सरिता ने कुंदन को ऐसा करने से मना की। परंतु पति ने बातों को अनसुना कर दोबारा गैस चेक करने लगे। इससे अचानक भारी मात्रा में गैस निकल गया। हीटर की बिजली के संपर्क में गैस आने से दोनों आग की चपेट में आ गए। बाद में सरिता किसी प्रकार भागकर घर के सायरा के पानी में कूदकर अपने शरीर में लगी आग को काबू की। इसके बाद पति के ऊपर पानी डालकर आग को काबू में किया।
वर्ष 2015 में कुंदन व सरिता का हुआ था विवाह
कुंदन के पिता मुरारी सिंह सुदामडीह कोल वाशरी में स्टाफ थे। वाशरी हादसे में उनका हाथ कट गया था। पिता की जगह कुंदन को नियोजन मिला था। वर्ष 2015 में कुंदन का विवाह झरिया बोर्रागढ़ में मूलत: यूपी बलिया गोनिया छपरा निवासी प्रसिद्ध नारायण सिंह की पुत्री सरिता के साथ हुआ था। कुंदन का पैतृक गांव हाजीपुर वैशाली के रामपुर रामहर में है। कुंदन तीन भाइयों में सबसे छोटा थे। बड़े भाई ललन सिंह गांव में रहते हैं। जबकि मां चंद्रमा देवी मंझले भाई नरेंद्र सिंह के साथ सुदामडीह में ही रहती हैं। अग्नि को साक्षी मानकर पति-पत्नी ने जन्म-जन्म का साथ निभाने की कसमें खाई थी। एक साथ आग से झुलसने के बाद एक सप्ताह तक जीवन व मौत के बीच दोनों जूझते रहे।दोनों ने एक साथ दुनिया को अलविदा भी कह दिया।