धनबाद: सिंह मेंशन व रघुकुल में गहरी हुई दुश्मनी की खाई, रागिनी बोलीं- साथ होने की कोई गुंजाइश नहीं
कोयला राजधानी धनबाद के सबसे ताकतवर घराने के लोग एक दूसरे को फूटी आंख नहीं सुहा रहे हैं। दो दबंग घराने सिंह मेंशन व रघुकुल के बीच दुश्मनी की खाई काफी गहरी हो गयी है। पारिवारिक व राजनीतिक विवाद के कारण बिखराव के बाद दो फाड़ हुए लोग एक दूसरे को नीचा दिखाने का कोई मौका नहीं गंवाना चाहते है। दोनों फैमिली का विवाद व विरासत की लड़ाई को कोर्ट तक पहुंच गयी है।
धनबाद। कोयला राजधानी धनबाद के सबसे ताकतवर घराने के लोग एक दूसरे को फूटी आंख नहीं सुहा रहे हैं। दो दबंग घराने सिंह मेंशन व रघुकुल के बीच दुश्मनी की खाई काफी गहरी हो गयी है। पारिवारिक व राजनीतिक विवाद के कारण बिखराव के बाद दो फाड़ हुए लोग एक दूसरे को नीचा दिखाने का कोई मौका नहीं गंवाना चाहते है। दोनों फैमिली का विवाद व विरासत की लड़ाई को कोर्ट तक पहुंच गयी है।
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सिंह मैंशन फैमिली की बहुरानी रागिनी सिंह ने दूसरे गुट से किसी भी तरह की रिश्तेदारी निभाने की संभावना से सीधे तौर पर इंकार कर दिया है। एक डिजिटल मीडिया से हाल ही में बातचीत में रागिनी ने अपने फैमिली की विरोधी घराने की कार्यप्रणाली पर गंभीर टिप्पणी है। कई गंभीर आरोप लगाये हैं।
सूरजदेव सिंह की फैमिली
झरिया के दिवंगत एमएलए व कोयलांचल के फेमस मजदूर लीडर सूर्यदेव सिंह और उनके भाइयों के बीच विवाद खुलकर सामने आ गये हैं। दो भाईयों के दिवगंत होने के बाद उनकी बहुएं राजनीतिक रुप से भी आमने-सामने हैं। कोयलांचल में पहले सिंह मेंशन परिवार का अच्छा खासा नाम था। एक परिवार सिंह मेंशन तो दूसरा रघुकुल के नाम से अपनी विरासत को आगे बढ़ाने में लगा है। सिंह मेंशन बीजेपी के साथ है तो दूसरा गुट रघुकुल कांग्रेस के साथ। राजनैतिक वर्चस्व की लड़ाई, जो अब इस मुकाम तक आ पहुंची है कि आपसी खून खराबे से खराब हुआ खून का रिश्ता अब कभी फिर से एक ना होने की कसमें खा रहा है। वर्ष 2017 की 21 मार्च को दिवंगत सूर्यदेव सिंह के भतीजे व राजन सिंह के बड़े पुत्र एक्स डिप्टी मेयर नीरज सिंह की मर्डर से परिवार में पड़ी फूट और गहरी हो गई।
सिंह मेंशन और रघुकुल हर मोरचे पर आमने-सामने
सिंह मेंशन की बहू और झरिया के एक्स एमएलए संजीव सिंह की पत्नी रागिनी सिंह ने कहा कि सिंह मेंशन घराना गंगा की तरह ही पवित्र है। उसी तरह से हमेशा रहेगा। सिंह मेंशन और रघुकुल की अलग राहों के एक होने की दूर दूर तक कोई सम्भावना नहीं है। रागिनी का कहना है कि सिंह मेंशन पर जब-जब संकट आया, बहुओं ने घर से बाहर निकल कमान संभाली हैं। वे वही कर रही हैं। झरिया से पिछले विधान सभा में अपने पति की विरासत रघुकुल की बहू पूर्णिमा नीरज सिंह के हाथों गंवाने वाली रागिनी ने झरिया में जंगल राज होने की बात कही है। वह कहती हैं कि झरिया के लोग पानी और बिजली के लिए त्राहिमाम कर रहे हैं। कोई उनकी सुनने वाला नहीं है।
झरिया में छोटे-छोटे दुकानदारों से रंगदारी वसूली
रागिनी ने कहा है कि झरिया विधानसभा में छोटे छोटे दुकानदारों, कोयला ढोने वालों, ठेला व खोमचे वालों से दो-दो सौ रूपये तक की रंगदारी ली जा रही है। यहां तक कि आम जनता के विकास के लिए विधायक फंड से हो रहे कामों में भी बड़े पैमाने पर कमीशन लिया जा रहा है। इससे गुणवत्ता प्रभावित हो रही है। झरिया को अब अपनी गलती का अहसास हो चला है। लोग अब अपने जन प्रतिनिधि के विरोध में गोलबंद होने लगे हैं। इसका परिणाम अगले चुनावों में दिखेगा। बीजेपी लीडर रागिनी सिंह ने कहा कि उनके पति संजीव सिंह को जेल भेजवाने वाले के मनसूबे को वह कामयाब नहीं होने देंगी। उनके हसबैंड बेदाग होकर एक दिन जेल से बाहर आयेंगे।