Dhanbad: दूल्‍हे ने लौटाये दहेज के लाखों रुपये, शादी में एक रुपया व नारियल का लिया शगुन

कोयला राजधानी धनबाद के भूली निवासी आकाश कुमार ने दहेज के लाखों रुपये लौटा कर एक रुपया व नारियल का लिया शगुन लेकर शादी किया है। ऐसा करने में आकाश को उसके पिता का भी भरपूर सहयोग मिला। इस आदर्श विवाह की पूरे इलाके में चर्चा हो रही है। लोग आकाश और उसके पिता राजू बाल्मिकी की खूब प्रशंसा कर रहे हैं।

Dhanbad: दूल्‍हे ने लौटाये दहेज के लाखों रुपये, शादी में एक रुपया व नारियल का लिया शगुन
दूल्‍हे ने लौटाये दहेज के लाखों रुपये का चेक।

धनबाद। कोयला राजधानी धनबाद के भूली निवासी आकाश कुमार ने दहेज के लाखों रुपये लौटा कर एक रुपया व नारियल का लिया शगुन लेकर शादी किया है। ऐसा करने में आकाश को उसके पिता का भी भरपूर सहयोग मिला। इस आदर्श विवाह की पूरे इलाके में चर्चा हो रही है। लोग आकाश और उसके पिता राजू बाल्मिकी की खूब प्रशंसा कर रहे हैं।

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एक रुपया और नारियल का शगुन 
राजू का कहना है कि अब समय की मांग है कि इस प्रथा को समाप्त किया जाए। तभी समाज का भला होगा। इसी सोच के साथ मैंने अपने बेटे का आदर्श विवाह कराया है। आकाश ने कहा कि समाज सेवा करना ही उसके पिता व अन्य स्वजन का उद्देश्य है। उन्होंने शगुन के रूप में एक रुपया और नारियल लेकर दुल्हन को अपनाया है। इसके लिए वह अपने पिता का ताउम्र शुक्रगुजार रहेंगे।

बाल्‍मीकि समाज का दहेज मुक्त अभियान
राजू बाल्मीकि ने पुत्र आकाश कुमार का विवाह रांची के बाल्मीकि कालोनी किशोरगंज के रहने वाले लालाराम लोहरा की पुत्री मुस्कान कुमारी के साथ तय थी। वे भूली से बारात लेकर रांची गए। शादी में राजू बाल्मीकि को लाखों का चेक दिया गया, जिसे उन्होंने इंकार कर दिया। बाल्मीकि समाज द्वारा दहेज मुक्त विवाह का अभियान भी चलाया जा रहा है।राजू बाल्मीकि ने कहा कि दहेज के कारण बहुत से घर बर्बाद हो रहे हैं और बेटियों को मारा जा रहा है। पिता अपनी हैसियत से ज्यादा बेटी को दहेज़ देकर कर्जदार हो रहा है। कई बार तो पिता को बेटी की शादी के लिए जमीन तक बेचनी पड़ती है।

दहेज में दुल्हन से बढ़कर कुछ नहीं
उन्होंने कहा कि एक परिवार को खुश करने के लिए दूसरे परिवार को दुखी होना पड़ता है। इसी सोच को बदलने के लिए उन्होंने अपने आप से इसकी शुरुआत की है। समाज को बदलने के लिए युवाओं का जागरूक होना जरूरी है। समाज में फैली बुराई को खत्म करने के लिए सामाजिक लोगों को आगे आने की जरूरत है। पारिवारिक सहमति से हुए इस आदर्श विवाह की क्षेत्र में खूब हो रही प्रशंसा l दूल्हे के पिता ने कहा, दहेज में दुल्हन से ज्यादा अहम और कुछ नहीं।