धनबाद: एडीजे-8 उत्तम आंनद की मौत मामले में ऑटो ड्राइवर समेत दो अरेस्ट
धनबाद पुलिस ने एडीजे-8 उत्तम आनंद को ऑटो से धक्का मारकर मौत मामले का खुलासा कर लिया है। पुलिस ने ऑटो जब्त कर झरिया निवासी ड्राइवर रतन वर्मा और उसके एक साथी राहुल वर्मा को अरेस्ट कर लिया है। एसएसपी संजीव कुमार ने गुरुवार को पुलिस ऑफिस में प्रेस कांफ्रेस में यह जानकारी दी है।
- पुलिस हेडक्वार्टर से एडीजी लाटकर के नेतृत्व में एसआइटी गठित
धनबाद। धनबाद पुलिस ने एडीजे-8 उत्तम आनंद को ऑटो से धक्का मारकर मौत मामले का खुलासा कर लिया है। पुलिस ने ऑटो जब्त कर झरिया निवासी ड्राइवर रतन वर्मा और उसके एक साथी राहुल वर्मा को अरेस्ट कर लिया है। एसएसपी संजीव कुमार ने गुरुवार को पुलिस ऑफिस में प्रेस कांफ्रेस में यह जानकारी दी है।
एसएसपी ने बताया कि सीआईडी और फोरेंसिक की जांच दल जिला पुलिस को सहयोग कर रहा है। टेक्नीकल व साइंटिफिक पहलुओं की भी मदद ली जा रही है। मामले में अबी जांच जारी है। मौके पर सिटी एसपी आर रामकुमार, एएसपी मनोज स्वर्गीयारी, डीएसपी अमर पांडेय, अभिषेक कुमार, राजेश यादव, सुमित सौरभ लकड़ा आदि अफसर उपस्थित थे।
ऑटो ड्राइवर लखन कुमार वर्मा व राहुल वर्मा झरिया सोनारपट्टी का रहने वाला है। लखन कुमार वर्मा ने स्वीकार किया है कि घटना के वक्त ऑटो वही चला रहा था। उसकी गिरफ्तारी गिरिडीह से हुई है। दूसरे आरोपित राहुल वर्मा की गिरफ्तारी धनबाद स्टेशन से हुई है। एसआइटी और टीम पूरे घटनाक्रम की जांच में लगाई गई है। पाथरडीह से 28 जुलाई की अहले सुबह ऑटो चोरी हुई थी। ऑोटो मालिक ने वहां केस दर्ज दर्ज करायी है। दोनों ने पुलिस को बताया कि संतुलन बिगड़ने के कारण यह दुर्घटना हुई। दुर्घटना के बाद दोनों ऑटो छोड़ कर भाग गये थे। गिरिडीह में दोनों अपने बहनोई के घर छिपे हुए थे। दोनों आरोपी पहले भी चोरी के मामले में जेल जा चुके हैं।
हाई कोर्ट ने लिया संज्ञान, जांच की होगी मॉनिटरिंग, लापरवाही पर चेताया
धनबाद के जज की मौत मामले में हाईकोर्ट ने भी संज्ञान लिया है। हाईकोर्ट ने मामले का स्वत: संज्ञान लेते हुए मामले पर सुनवाई की। चीफ जस्टिस डॉ रवि रंजन और जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद की कोर्ट ने इस पर कड़ी टिप्पणी की है। कोर्ट ने कहा कुछ दिन पहले एक एडवोकेट की मर्डर होती है। कल जज की मौत संदेहास्पद तरीके से हो गयी। कुछ दिन पहले एक पुलिस अफसर की भी मौत संदेह के घेरे में है। स्टेटमें यह क्या हो रहा है। इससे प्रतीत होता है कि राज्य में कानून व्यवस्था ध्वस्त हो गयी है। स्थिति बदतर हो चुकी है। अब न्यायिक सिस्टम पर भी हमला होने लगा है। जिस समय राज्य में नक्सली प्रभाव ज्यादा था, उस समय भी जज पर हमले नहीं हुए। अब अपराधी जज को भी निशाना बनाने लगे हैं। यह गंभीर मामला है। पुलिस और सरकार को इसे गंभीरता से लेना होगा।
कोर्ट ने कहा हाईकोर्ट इस मामले की मॉनिटरिंग करेगा। जांच में थोड़ी भी कोताही बरती गयी तो मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी जायेगी। जज की दुर्घटना में मौत के बाद धनबाद के जिला जज ने चीफ जस्टिस को पत्र लिखकर पूरे मामले की जानकारी दी थी। इस पत्र को जनहित याचिका में तब्दील कर कोर्ट ने गुरुवार को सुनवाई शुरू की। कोर्ट ने डीजीपी और धनबाद के एसएसपी को हाजिर रहने को भी कहा था। दोनों अफसर हाजिर भी हुए।
कोर्ट ने तीन बार वीडियो फुटेज देखा
सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने दुर्घटना का फुटेज देखा और एसएसपी से सवाल किया। कोर्ट ने कहा वीडियो से स्पष्ट है कि ऑटो में अगली सीट पर दो लोग सवार थे। ऑटो के आगे एक बाइक भी जा रही है। बाइक की स्पीड भी दुर्घटना के पूर्व धीमी हुई थी। क्या बाइक का नंबर लिया गया है। क्या इसे भी जांच की कड़ी में शामिल किया गया है। कोर्ट ने कहा कि पुलिस को कई तरह की ट्रेनिंग दी जाती है। पीछे से किसी को टक्कर लगे तो वह आदमी आगे की ओर गिरता है। लेकिन मृतक आगे की ओर नहीं गिरा है। इससे दुर्घटना पर संदेह होता है। क्या पुलिस ने इन बिंदुओं पर जांच शुरू की है।
पुलिस द्वारा गिरफ्तार आरोपी लखन वर्मा और राहुल वर्मा डिगवाडीह 12 नंबर के रहने वाले हैं। जज की मौत के मामले को राज्य सरकार ने काफी गंभीरता से लिया है। इस मामले में पुलिस मुख्यालय हर घंटे अपडेट ले रहा है। डीआईजी खुद लगतार संपर्क में हैं। एडीजी (ऑपरेशन संजय आनंद लाठकर के नेतृत्व में एसआइटी गठित की गयी है। डीआईजी व एसएसपी को भी इसमें शामिल किया गया है।