नई दिल्ली: इंजीनिरिंग कोर्स का 11 भारतीय भाषाओं में ट्रांसलेशन के लिए टूल विकसित 

पीएम नरेंद्र मोदी के नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के एक साल पूरा होने के अवसर गुरुवार 29 जुलाई को राष्ट्र को संबोधित किया। इस दौरान पीएम ने ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के माध्यम से कई अभियानों की शुरूआत की। 

नई दिल्ली:  इंजीनिरिंग कोर्स का 11 भारतीय भाषाओं में ट्रांसलेशन के लिए टूल विकसित 

नई दिल्ली। पीएम नरेंद्र मोदी के नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के एक साल पूरा होने के अवसर गुरुवार 29 जुलाई को राष्ट्र को संबोधित किया। इस दौरान पीएम ने ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के माध्यम से कई अभियानों की शुरूआत की। 

पीएम ने  कहा कि एक साल में राष्ट्रीय शिक्षा नीति को धरातल पर उतारा गया है।बीते एक वर्ष में राष्ट्रीय शिक्षा नीति को आधार बनाकर अनेक बड़े फैसले लिए गये हैं। भारत की नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति राष्ट्र निर्माण के महायज्ञ के प्रमुख तत्वों में से एक है.

पीएम गुरुवार को  राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 की घोषणा के एक वर्ष पूरा होने के अवसर पर  वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से देश भर के नीति निर्माताओं और हितधारकों को संबोधित कर रहे तए। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लागू करना आजादी के अमृत महोत्सव का प्रमुख हिस्सा बन गया है। इतने बड़े महापर्व के बीच राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत आज शुरू हुईं योजनाएं नये भारत के निर्माण में बहुत बड़ी भूमिका निभायेंगी। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति को हर तरह के दबाव से मुक्त रखा गया है। यह खुलापन नीति के स्तर पर है। वही खुलापन छात्रों को मिल रहे विकल्पों में भी है। अब छात्र कितना पढ़ें, कितने समय तक पढ़ें, ये सिर्फ इंस्टीच्युट तय नहीं करेंगी। इसमें छात्रों की भी सहभागिता होगी।

एकेडमिक बैंक ऑफ क्रेडिट सिस्टम से इस दिशा में स्टूडेंट्स लिए क्रांतिकारी बदलाव

उन्होंने कहा कि आधुनिक टेक्नोलॉजी पर आधारित एकेडमिक बैंक ऑफ क्रेडिट सिस्टम से इस दिशा में स्टूडेंट्स लिए क्रांतिकारी बदलाव आने वाला है। अब हर युवा अपनी रुचि और सुविधा से कभी भी एक स्ट्रीम का चयन कर सकता है, छोड़ सकता है।पीएम ने ने कहा कि नई शिक्षा नीति युवाओं को ये विश्वास दिलाती है कि देश अब पूरी तरह से उनके साथ है। उनके हौसलों के साथ है।जिस आर्टिफिसियल इंटेलीजेंस के प्रोग्राम को अभी लॉन्च किया गया है, वो भी हमारे युवाओं को फ्यूचर ऑरिएंटेड बनायेगा। एआई ड्रिवेन इकॉनोमी के रास्ते खोलेगा। महत्वपूर्ण अवसर ऐसे समय में आया है, जब देश आजादी के 75 साल का अमृत महोत्सव मना रहा है। ऐसे में नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति का इंप्लीमेंटेशन आजादी के अमृत महोत्सव का प्रमुख हिस्सा बन गया है।

भारतीय साइन लैंग्वेज को पहली बार Subject का दर्जा

पीएम ने कहा कि भारतीय साइन लैंग्वेज को पहली बार एक भाषा विषय यानि एक Subject का दर्जा प्रदान किया गया है। अब छात्र इसे एक भाषा के तौर पर भी पढ़ पायेंगे। इससे भारतीय साइन लैंग्वेज को बहुत बढ़ावा मिलेगा, हमारे दिव्यांग साथियों को बहुत मदद मिलेगी।
उन्होंने कहा किहमने-आपने दशकों से ये माहौल देखा है जब समझा जाता था कि अच्छी पढ़ाई करने के लिए विदेश ही जाना होगा। लेकिन अच्छी पढ़ाई के लिए विदेशों से स्टूडेंट्स भारत आयें, बेस्ट institutions भारत आयें, ये अब हम देखने जा रहे हैं। आज बन रही संभावनाओं को साकार करने के लिए हमारे युवाओं को दुनिया से एक कदम आगे होना पड़ेगा, एक कदम आगे का सोचना होगा। हेल्थ हो, डिफेंस हो, इनफ्रास्ट्रक्चर हो, टेक्नालजी हो, देश को हर दिशा में समर्थ और आत्मनिर्भर होना होगा। मुझे खुशी है कि आठ स्टेट के 14 इंजीनियरिंग कॉलेज, पांच भारतीय भाषाओं- हिंदी-तमिल, तेलुगू, मराठी और बांग्ला में इंजीनियरिंग की पढ़ाई शुरू करने जा रहे हैं। इंजीनिरिंग के कोर्स का 11 भारतीय भाषाओं में ट्रांसलेशन के लिए एक टूल भी develop किया जा चुका है।

नई ‘राष्ट्रीय शिक्षा नीति’ युवाओं को ये विश्वास दिलाती है कि देश अब पूरी तरह से हैं उनके साथ 

पीएम ने कहा कि "नई ‘राष्ट्रीय शिक्षा नीति’ युवाओं को ये विश्वास दिलाती है कि देश अब पूरी तरह से उनके साथ है। उनके हौसलों के साथ है। जिस आर्टिफिसियल इंटेलीजेंस के प्रोग्राम को अभी लॉंच किया गया है। वो भी हमारे युवाओं को future oriented बनायेगा। AI driven economy के रास्ते खोलेगा। पीएम ने कहा कि भविष्य में हम कितना आगे जायेंगे, कितनी ऊंचाई प्राप्त करेंगे, ये इस बात पर निर्भर करेगा कि हम अपने युवाओं को वर्तमान में यानि आज कैसी शिक्षा दे रहे है।कैसी दिशा दे रहे हैं। मैं मानता हूं भारत की नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति राष्ट्र निर्माण के महायज्ञ में बड़े factors में से एक है। पीएम ने कहा कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति को एक साल पूरा होने पर सभी देशवासियों और सभी विद्यार्थियों को बहुत-बहुत शुभकामनाएं। बीते एक वर्ष में देश के आप सभी महानुभावों, शिक्षको, प्रधानाचार्यों, नीतिकारों ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति को धरातल पर उतारने में बहुत मेहनत की है।

कार्यक्रम के आरंभ में केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि “एक साल पहले प्रधानमंत्री के नेतृत्व में 21वीं सदी की एक दूरदर्शी शिक्षा नीति, एनईपी 2020 - प्रत्येक छात्र की क्षमताओं को सामने लाने, शिक्षा को सार्वभौमिक बनाने, क्षमताओं का निर्माण करने और सीखने के परिदृश्य को बदलने के उद्देश्य से शुरू की गई थी। आज एनईपी के तहत परिवर्तनकारी सुधारों के एक वर्ष पूरे होने के अवसर पर पीएमनरेंद्र मोदी जी कई अभियानों की शुरूआत किया है जो नई शिक्षा नीति के तहत परिकल्पित कई लक्ष्यों को साकार करने में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होंगे। उन्होंने कहा कि एनईपी2020 के एक वर्ष पर शिक्षा को समग्र, वहनीय, सुलभ और न्यायसंगत बनाने के अपने संकल्प को दोहराएं। आइए हम 21वीं सदी के आत्म-निर्भर भारत की आकांक्षाओं को साकार करने और भारत को एक जीवंत ज्ञान अर्थव्यवस्था बनाने के लिए मिलकर काम करें।