धनबाद: Union Club का जीएसटी लाइसेंस कैंसिल

यूनियन क्लब धनबाद की प्रतिष्ठा पर लगातर धूमिल हो रही है। जीएसटी पेमेंट में अनियमितता के आरोप में स्टेट गवर्नमेंट ने यूनियन क्लब का जीएसटी लाइसेंस कैंसिल कर दिया है। 

धनबाद: Union Club का जीएसटी लाइसेंस कैंसिल

धनबाद। यूनियन क्लब धनबाद की प्रतिष्ठा पर लगातर धूमिल हो रही है। हाल ही में धनबाद म्यूनिशिपल कॉरपोरेशन ने गंदगी फैलाने का आरोप लगाते हुए पांच हजार रुपये का फाइन लगाया था। अब जीएसटी पेमेंट में अनियमितता के आरोप में स्टेट गवर्नमेंट ने यूनियन क्लब का जीएसटी लाइसेंस कैंसिल कर दिया है। 
जीएसटी पेमेंट में गड़बड़ी
यूनियन क्लब धनबाद की ओर से काफी दिनों ने जीएसटी पेमेंट नहीं किया गया है। जीएसटी का नवंबर 2020 से ही बकाया है। इस कारण जीएसटी लाइसेंस कैंसिल किया गया है। यूनियन क्लब के सेकरेटरी रतनजीत सिंह डांग का कहना है कि जीएसटी पेमेंट का जिम्मा कैशियर के पास था। उन्होंने अपना इस्तीफा प्रसिडेंट को दे दिया है। हालांकि इस्तीफा मंजूर नहीं हुआ। कैशियर ने जीएसटी पेमेंट के बाबत कोई जानकारी नहीं दी। अब जीएसटी लाइसेंस कैंसिल होने की बात सामने आई है। इसका हल जल्द ही निकाल लिया जायेगा। 
कोरोना के कारण काफी दिनों तक क्लब बंद रहा। अब जब खुला है तो नई-नई परेशानी सामने आ रही हैं। कहा जा रहा है कि क्लब के पदाधिकारियों के बीच चल रही आपसी लड़ाई के कारण ऐसा हो रहा है।हाल ही में यूनियन क्लब धनबाद पर नाली का पानी रोड पर बहानेका आरोप लगा था। कंपलेन मिलने के बाद धनबाद नगर निगम ने गंदगी फैलाने के आरोप में पांच हजार रुपये का फाइन लगाया था। 

यूनियन क्लब का इतिहास

अंग्रेजों के जमाने में धनबाद क्लब चलता था। इसमें सिर्फ अंग्रेज अफसरों की ही एंट्री थी। क्लब के बाहर एक बोर्ड लगा था- डॉग्स एंड इंडियंस आर नॉट अलाउड। उस जमाने में पटना से धनबाद भेजे गये आइसीएस अधिकारी बीकेबी पिल्लई को यह बात अच्छी नहीं लगी। उन्होंने धनबाद क्लब से थोड़ी ही दूर पर एक क्लब आरंभ किया। इसका नाम यूनियन क्लब पड़ा।