Dhanbad:शहीद रणधीर प्रसाद वर्मा के 34 वें शहादत दिवस पर गवर्नर ने दी श्रद्धांजलि
धनबाद के जांबाज एसपी "अशोक चक्र" शहीद रणधीर प्रसाद वर्मा के 34 वें शहादत दिवस पर तीन जनवरी 2024 को रणधीर वर्मा चौक पर श्रद्धांजलि सभा आयोजित की गयी। श्रद्धांजलि सभा में गवर्नर संतोष कुमार गंगवार, राज्यसभा सदस्य दीपक प्रसाद, एमपी ढुलू महतो, एमएलए राज सिन्हा, एमएलए रागिनी सिंह, जिला परिषद अध्यक्ष शारदा सिंह, डीसी माधवी मिश्रा, एसएसपी हृदीप पी जनार्दनन सहित अन्य अफसरों ने शहीद रणधीर प्रसाद वर्मा की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि अर्पित की।
धनबाद। धनबाद के जांबाज एसपी "अशोक चक्र" शहीद रणधीर प्रसाद वर्मा के 34 वें शहादत दिवस पर तीन जनवरी 2024 को रणधीर वर्मा चौक पर श्रद्धांजलि सभा आयोजित की गयी। श्रद्धांजलि सभा में गवर्नर संतोष कुमार गंगवार, राज्यसभा सदस्य दीपक प्रसाद, एमपी ढुलू महतो, एमएलए राज सिन्हा, एमएलए रागिनी सिंह, जिला परिषद अध्यक्ष शारदा सिंह, डीसी माधवी मिश्रा, एसएसपी हृदीप पी जनार्दनन सहित अन्य अफसरों ने शहीद रणधीर प्रसाद वर्मा की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि अर्पित की।
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श्रद्धांजलि सभा को संबोधित करते हुए गवर्नर संतोष कुमार गंगवारने कहा कि शहीद रणधीर प्रसाद वर्मा के जीवन मूल्यों का आत्मसात करना चाहिए। युवाओं को उनके जीवन से प्रेरणा लेनी चाहिए। उनकी शहादत ने साबित किया है कि राष्ट्र सेवा ही सबसे बड़ा धर्म है। जिस तरह से उन्होंने अदम्य साहस और समर्पण से अपने कर्तव्य का निर्वहन करते हुए आतंकवादियों से मुकाबला कर उनके षड्यंत्र को नाकाम कर दिया, वह गौरवशाली इतिहास बनकर रह गया।
बीजेपी के राज्यसभा सदस्य दीपक प्रकाश ने कहा कि शहीद रणधीर प्रसाद वर्मा पूरे देश के लिए आदर्श है। उन्होंने अपनी जान की कुर्बानी देने में कदम पीछे नहीं हटाए। जब तक इतिहास रहेगा देश उनको याद करते रहेगा। वे समाज की तकलीफ को अपनी तकलीफ समझते थे। उनके व्यक्तित्व में एक अधिकारी के साथ एक संवेदनशील इंसान भी था।
रणधीर प्रसाद वर्मा ने स्वामी विवेकानंद के संदेश को जीवंत रखा
उन्होंने कहा कि शहीद रणधीर प्रसाद वर्मा ने स्वामी विवेकानंद के संदेश को जीवंत रखा है। उनकी शहादत ने साबित किया है कि राष्ट्र सेवा ही सबसे बड़ा धर्म है। जिस तरह से उन्होंने अदम्य साहस और समर्पण से अपने कर्तव्य का निर्वहन करते हुए आतंकवादियों से मुकाबला कर उनके षड्यंत्र को नाकाम कर दिया, वह गौरवशाली इतिहास बनकर रह गया। महामहिम ने कहा कि देश के प्रधानमंत्री ने भी बलिदानियों को राष्ट्र का गौरव बताया है। वहीं शहीद रणधीर वर्मा प्रसाद वर्मा मेमोरियल सोसायटी ने इतने सालों से उनकी शौर्य गाथा को जीवंत रखा है, यह अच्छी परंपरा है। समारोह को एमपी ढुलू महतो, एमएलए राज सिन्हा, शहीद रणधीर प्रसाद वर्मा की धर्मपत्नी सह एक्स सेंट्रल मिनिस्टर प्रोफेसर रीता वर्मा समेत अन्य अफसरों ने भी संबोधित किया।
कार्यक्रम में सिटी एसपी अजीत कुमार, ग्रामीण एसपी कपिल चौधरी, एडीएम लॉ एंड ऑर्डर पीयूष सिन्हा, उप निर्वाचन पदाधिकारी कालिदास मुंडा, रणधीर वर्मा मेमोरियल सोसायटी के अध्यक्ष किशोर कुमार, आयोजन समिति के संयोजक भृगुनाथ भगत व पूर्व मेयर शेखर अग्रवाल सहित बड़ी संख्या में लोगों ने श्रद्धासुमन अर्पित किए। उल्लेखनीय है कि भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के जांबाज अधिकारी और धनबाद के 41वें पुलिस अधीक्षक शहीद रणधीर प्रसाद वर्मा 06.08.1989 से 03.01.1991 तक धनबाद के एसपी रहे। उन्होंने तीन जनवरी 1991 को धनबाद के हीरापुर स्थित बैंक ऑफ इंडिया को लूटने आए खालिस्तानी आतंकवादियों से जूझते हुए वीरगति को प्राप्त किया। महामहिम राष्ट्रपति ने उन्हें शौर्य, बहादुरी और बलिदान के लिए वीरता का सर्वोच्च पदक "अशोक-चक" से सम्मानित किया था। राष्ट्रपति ने उनके सम्मान में डाक टिकट जारी किया था।