देश की 15वीं प्रसिडेंट बनीं द्रौपदी मुर्मू, चीफ जस्टिस ने दिलाई शपथ

द्रौपदी मुर्मू को देश की 15वीं प्रसिडेंट बन गयी हैं।  चीफ जस्टिस एनवी रमना ने उन्हें शपथ दिलाई। वह देश की पहली आदिवासी महिला राष्ट्रपति हैं। द्रौपदी मुर्मू ने देश के 15वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ ले ली हैं। सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश एनवी रमण ने उन्हें शपथ दिलाई। मुर्मू देश की दूसरी महिला राष्ट्रपति हैं। सर्वोच्च संवैधानिक पद संभालने वाली पहली आदिवासी महिला और स्वतंत्र भारत में पैदा होने वाली पहली राष्ट्रपति हैं।

देश की 15वीं प्रसिडेंट बनीं द्रौपदी मुर्मू, चीफ जस्टिस ने दिलाई शपथ

नई दिल्ली। द्रौपदी मुर्मू को देश की 15वीं प्रसिडेंट बन गयी हैं।  चीफ जस्टिस एनवी रमना ने उन्हें शपथ दिलाई। वह देश की पहली आदिवासी महिला राष्ट्रपति हैं। द्रौपदी मुर्मू ने देश के 15वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ ले ली हैं। सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश एनवी रमण ने उन्हें शपथ दिलाई। मुर्मू देश की दूसरी महिला राष्ट्रपति हैं। सर्वोच्च संवैधानिक पद संभालने वाली पहली आदिवासी महिला और स्वतंत्र भारत में पैदा होने वाली पहली राष्ट्रपति हैं।

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द्रौपदी मुर्मू ने संसद भवन के सेंट्रल हॉल में देश के सर्वोच्च संवैधानिक पद की शपथ ली। मुर्मू को 21 तोपों की सलामी दी गई। शपथ ग्रहण समारोह में उपराष्ट्रपति एवं राज्यसभा के सभापति एम. वेंकैया नायडू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, मंत्रिपरिषद के सदस्य, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, विभिन्न राज्यों के राज्यपाल, मुख्यमंत्री, संसद सदस्य आदि समारोह में शामिल हुए।राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने देश के स्वतंत्रता सेनानियों को श्रद्धांजलि दी। 

पद पर काम करते हुए उनका हित मेरे लिए सर्वोपरि रहेगा
उन्होंने अपना भाषण जोहार कहकर शुरू किया। उन्होंने कहा कि "मैं जिस जगह से आती हूं, वहां प्रारंभिक शिक्षा भी सपना होता है। गरीब, पिछड़े मुझे अपना प्रतिबिंब दिखाते हैं। मैं भारत के युवाओं और महिलाओं को विश्वास दिलाती हूं कि इस पद पर काम करते हुए उनका हित मेरे लिए सर्वोपरि रहेगा।

पहली ऐसी राष्ट्रपति हूं जो आजाद भारत में जन्मी
संसद में मेरी मौजूदगी भारतीयों की आशाओं और अधिकारों का प्रतीक है। मैं सभी के प्रति आभार व्यक्त करती हूं। आपका भरोसा और समर्थन मुझे नई जिम्मेदारी संभालने का बल दे रहा है। मैं पहली ऐसी राष्ट्रपति हूं जो आजाद भारत में जन्मी। हमारे स्वतंत्रता सेनानियों ने भारतीयों से जो उम्मीदें लगाई थीं, उन्हें पूरा करने का मैं पूरा प्रयास करूंगी।राष्ट्रपति के पद तक पहुंचना मेरी निजी उपलब्धि नहीं है, यह देश के सभी गरीबों की उपलब्धि है। मेरा नॉमिनेशन इस बात का सबूत है कि भारत में गरीब न केवल सपने देख सकता है, बल्कि उन सपनों को पूरा भी कर सकता है।'

शपथ ग्रहण से पहले मुर्मू राष्ट्रपति भवन में रामनाथ कोविंद से मिलने पहुंचीं थीं।इससे पहले मुर्मू राष्ट्रपति भवन पहुंचीं, यहां उन्होंने रामनाथ कोविंद और उनकी पत्नी से मुलाकात की। दोनों ने मुर्मू को बधाई दी। राष्ट्रपति भवन के लिए निकलने से पहले राजघाट पहुंचकर उन्होंने महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि दी थी।मुर्मू के शपथ ग्रहण कार्यक्रम में ओडिशा से 64 खास मेहमान आये थे। शपथ के बाद खास मेहमानों के लिए लंच का आयोजन राष्ट्रपति भवन में किया गया। उसके बाद सभी को पूरा भवन घुमाया गया।

द्रौपदी ने ओडिशा से खास मेहमानों को बुलाया
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने समारोह में द्रौपदी ने अपने खास लोगों को निमंत्रण देकर बुलाया। ओडिशा के मयूरभंज जिले से 64 लोग इस समारोह में शामिल हुए। मुर्मू के मेहमानों में उनके भाई तरणीसेन टुडू और भाभी सुकरी टुडू उपरबेड़ा गांव से दिल्ली पहुंचे। प्रसिजेंट की बेटी इतिश्री, दामाद, उनकी दोनों नातिन। बड़ी नातिन ढाई साल की है, तो दूसरी अभी ढाई महीने की पूरी ही होने वाली है। खास मेहमानों में शामिल हैं, उनकी दोस्त-धानकी मुर्मू। धानकी भुवनेश्वर में उनके साथ कॉलेज में पढ़ती थीं। द्रौपदी की यह दोस्त उनके हर दुख-सुख में साथ रहती हैं। द्रौपदी के मौजूदा निवास स्थान रायरंगपुर के BJP के कार्यकर्ताओं में बिकास महतो और उनके साथ 4 और लोग समारोह में शामिल होने के लिए दिल्ली पहुंचे थे। जिले के विधायक और कुछ उनके गांव पहाड़पुर और उपरवाड़ा के राजनीतिक लोग भी शामिल रहे।वैसे तो द्रौपदी मुर्मू के करीबियों की लिस्ट हजारों में है। मई 2015 में जब उन्होंने गवर्नर पद की शपथ ली थी तब लगभग तीन हजार लोग झारखंड के रांची और ओडिशा के मयूरभंज जिले से द्रौपदी के खास मेहमान बनकर गये थे।

25 जुलाई को शपथ लेने वालीं 10वीं प्रेसिडेंट
मुर्मू देश की 10वीं राष्ट्रपति हैं, जिन्होंने 25 जुलाई को शपथ ली। भारत के छठे राष्ट्रपति नीलम संजीव रेड्डी ने 25 जुलाई 1977 को शपथ ली थी। तब से ज्ञानी जैल सिंह, आर. वेंकटरमण, शंकर दयाल शर्मा, के.आर. नारायणन, ए.पी.जे. अब्दुल कलाम, प्रतिभा पाटिल, प्रणब मुखर्जी और रामनाथ कोविंद ने इसी डेट यानी 25 जुलाई को राष्ट्रपति पद की शपथ ली थी।