Dumka Minor Girl Murder : आरोपी शाहरुख व नईम के खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट दाखिल
झारखंड की उपराजधानी दुमका में नाबालिग छात्रा को पेट्रोल छिड़ककर जलाये जाने के मामले में पुलिस ने गुरुवार को शाहरुख हुसैन और सहयोगी मोहम्मद नईम के विरुद्ध चार्जशीट दाखिल कर दिया। पुलिस ने प्रथम अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश के कोर्ट में 200 पेज की चार्जशीट के साथ फोरेंसिक जांच रिपोर्ट भी समर्पित की गयी है।
- 200 पेज की चार्जशीट के साथ फोरेंसिक जांच रिपोर्ट भी सौंपी गयी
- पुलिस जानबूझ कर नहीं बढाई थी नाबालिग की उम्र
दुमका। झारखंड की उपराजधानी दुमका में नाबालिग छात्रा को पेट्रोल छिड़ककर जलाये जाने के मामले में पुलिस ने गुरुवार को शाहरुख हुसैन और सहयोगी मोहम्मद नईम के विरुद्ध चार्जशीट दाखिल कर दिया। पुलिस ने प्रथम अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश के कोर्ट में 200 पेज की चार्जशीट के साथ फोरेंसिक जांच रिपोर्ट भी समर्पित की गयी है।
यह भी पढ़ें:Deoghar airport controversy: MP निशिकांत दूबे व मनोज तिवारी के खिलाफ दर्ज केस की जांच CID करेगी
पुलिस का कहना है कि मुख्य आरोपित शाहरुख हुसैन और सहयोगी मोहम्मद नईम के विरुद्ध पुख्ता सबूतों के साथ चार्जशीट दाखिल की गयी है। पुलिस ने सभी ठोस सबूत की चार्जशीट में उल्लेख किया है जिससे आरोपित को कड़ी से कड़ी सजा दिलाई जा सके l जेल में बंद मुख्य आरोपित मोहम्मद शाहरूख हुसैन व उसके सहयोगी छोटू खान उर्फ नईम खान के विरुद्ध, पर्याप्त साक्ष्य, गवाहों के बयान आदि का उल्लेख चार्जशीट में है।
फास्ट ट्रैक कोर्ट से स्पीडी ट्रायल के लिए आग्रह
चार्जशीट करने के बाद अब पुलिस इस केस में फास्ट ट्रैक कोर्ट से स्पीडी ट्रायल के लिए आग्रह करेगी। पुलिस कोशिश करेगी कि इस केस के आरोपितों को जल्द व सख्त से सख्त सजा मिले। पुलिस का मानना है कि जुर्म बड़ा है तो आरोपितों को उसके अनुरूप ही कड़ी सजा भी मिले। इसके लिए सूक्ष्म अनुसंधान व पर्याप्त साक्ष्य जुटाये गये हैं।
पुलिस जानबूझ कर नहीं बढाई थी नाबालिग की उम्र
नाबालिग लड़की को जिंदा जलाने के मामले में राष्ट्रीय महिला आयोग की एक टीम ने जांच-पड़ताल की थी। आयोग की टीम की रिपोर्ट में कहा गया है कि झारखंड पुलिस ने जानबूझ कर लड़की की उम्र को बढ़ा कर गलत नहीं बताया था। राष्ट्रीय महिला आयोग ने कहा कि विसंगतियां इसलिए थीं क्योंकि पीड़िता की Dying Declaration के समय गलतफहमी हो गई थी। अपनी रिपोर्ट में NCW ने कहा कि आरोपी को बचाने के लिए पुलिस ने पीड़िता की उम्र बढ़ाई थी, ऐसा गलत है। उम्र को लेकर कन्फ्यूजन गलतफहमी की वजह से हुई थी। लड़की की मौत के बाद इसकी घोषणा करते वक्त गलतफहमी हुई थी।
साइबर कानून के तहत लड़की की गरिमा को बचाये रखने के लिए उचित कदम उठाए पुलिस
महिला आयोग ने बताया कि मीडिया रिपोर्ट्स में लड़की के 90 परसेंट तक जल जाने की बात कही जा रही थी। संबंधित अथॉरिटी से बातचीत के बाद इसको लेकर भी गलतफहमी दूर हुई है। फूलो झानो मेडिकल कॉलेज ने कहा था कि लड़की 90 परसेंट से कम जली है। जबकि रिम्स के डॉक्टर्स ने बताया कि लड़की 60-65 परसेंट तक जली थी।आयोग ने अपनी जांच में यह भी पाया है कि इन दोनों ही हॉस्पिटल में गंभीर रूप से झुलसे लोगों के समुचित इलाज की व्यवस्था का अभाव है। अपनी रिपोर्ट में आयोग ने राज्य सरकार को सलाह दी है कि वो इन हॉस्पिटल में आधारभूत संरचनाओं के सुधार के लिए सिफारिश कर सकती है, ताकि ऐसे हालात में बेहतर चिकित्सतीय सुविधा मिल सके। महिला आयोग ने झारखंड सरकार से कहा है कि वो लोगों को जागरुक करने का प्रयास करे ताकि ऐसे मामलों में पुलिस तक समय रहते शिकायत पहुंच सके। पुलिस से भी आग्रह किया गया है कि वो साइबर कानून के तहत लड़की की गरिमा को बचाये रखने के लिए उचित कदम उठाए क्योंकि आरोपी के साथ लड़की की मोर्फ्ड फोटो शेयर की जा रही हैं।
फ्लैश बैक
दुमका के एक मोहल्ला में घर में सो रही किशोरी पर 23 अगस्त की सुबह खिड़की से पेट्रोल छिड़क कर शाहरुख हुसैन ने आग लगा दी थी। रिम्स में इलाज के दौरान 28 अगस्त को उसकी मृत्यु हुई थी। इस मामले में मो.नईम पर शाहरुख का साथ देने का आरोप है।मो. नईम ही इस घटना के पीछे का मास्टरमाइंड है। पुलिस ने दोनों पर हत्या करने समेत पोक्सो एक्ट में मामला दर्ज किया है।