Dhanbad: बाघमारा डीएसपी पर पत्थरबाजी मामले में बरोरा थाना प्रभारी गंगासागर की लापरवाही उजागर !

कोयला राजधानी धनबाद के बाघमारा पुलिस अनुमंडल एरिया में बीसीसीएल में काम कर रही हिलटॉप राइज आउटसोर्सिंग कंपनी में वर्चस्व को लेकर गुरुवार को हिंसक झड़प के बाद कारू यादव समर्थकों की पत्थरबाजी में बाघमारा एसीडीपीओ पुरुषोत्तम कुमार सिंह का सर फट गया। इस मामले में बरोरा थाना प्रभारी गंगासागर ओझा की अपरिपक्कवता उजागर हुई है। आरोप है कि बरोरा थानेदार की लापरवाही से कारण कारू समर्थक उग्र होकर पत्थरबाजी करने लगे।

Dhanbad: बाघमारा डीएसपी पर पत्थरबाजी मामले में बरोरा थाना प्रभारी गंगासागर की लापरवाही उजागर !
कई ‍वर्षों से जिला में जमें हैं दारोगा जी।

धनबाद। कोयला राजधानी धनबाद के बाघमारा पुलिस अनुमंडल एरिया में बीसीसीएल में काम कर रही हिलटॉप राइज आउटसोर्सिंग कंपनी में वर्चस्व को लेकर गुरुवार को हिंसक झड़प के बाद कारू यादव समर्थकों की पत्थरबाजी में बाघमारा एसीडीपीओ पुरुषोत्तम कुमार सिंह का सर फट गया। इस मामले में बरोरा थाना प्रभारी गंगासागर ओझा की अपरिपक्कवता उजागर हुई है। आरोप है कि बरोरा थानेदार की लापरवाही से कारण कारू समर्थक उग्र होकर पत्थरबाजी करने लगे। हालांकि अभी ऑफिसियल तौर पर मामले में कोई पुष्टि नहीं की जा रही है। 

यह भी पढ़ें:Bihar: छपरा के मकेर के थानाध्यक्ष को पुलिस ने किया अरेस्ट, ज्वेलरी बिजनसमैन से 32 लाख रुपये छीनने का आरोप

बताया जाता है कि हिलटॉप राइज आउटसोर्सिंग कंपनी में वर्चस्व को लेकर हुई हिंसक झड़प की सूचना मिली तो बाघमारा एसडीपीओ पुरुषोत्तम कुमार सिंह पुलिस बल के साथ घटनास्थल पर पहुंचे। मौके पर कई पुलिस स्टेशनों से पुलिस बल व अफसर भी पहुंचे थे। भारी संख्या में पुलिस बल देखकर दोनों पक्ष के लोग मौके से भाग निकले।मौके पर छानबीन के बाद बाघमारा एसडीपीओ पूछताछ करने के लिए आउटसोर्सिंग कंपनी समर्थक कोयला धंधेबाज कारू यादव के खरखरी मार्केट पहुंचे। डीएसपी के साथ बरोरा थाना प्रभारी एसआइ गंगासागर ओझा भी समेत अन्य पुलिसकर्मी भी थे।

डीएसपी के आदेश पर पुलिस कारू यादव को कस्टडी में लेकर गाड़ी में बैठाने का प्रयास किया। आरोप है कि इसी दौरान सिविल ड्रेस में मौके पर मौजूद  बरोरा थाना प्रभारी गंगासागर ओझा ने कारू यादव पर डंडा चला दिया। थानेदार ने कारू को तीन-चार डंडा दे डाला। इससे आक्रोशिक कारू समर्थकों ने मार्केट के ऊपर से पथराव कर दिया। इसमें एसडीपीओ घायल हो गये। कहा जा रहा है दो-तीन पहले बरोरा थानेदार के पद पर गंगासागर ओझा की पोस्टिंग हुई थी। वह सिविल ड्रेस में थे। कारू समर्थकों को लगा कि पुलिस मौजूदगी में उसके नेता को विरोधी गुट के लोग पीट रहे हैं। इससे समर्थक ज्यादा उग्र हो गये थे। 
डीएसपी वर्दी में थानेदार सिविल ड्रेस में 
अब सवाल उठ रहा है कि जब डीएसपी पुलिस वर्दी में थे को सब इंस्पेक्टर रैंक के थानेदार किसी रेड में या घटनास्थल पर सिविल ड्रेस में कैसे जा सकते हैं। गंगा सागर ओझा 2012 बैच के सब इंस्पेक्टर हैं। डिपार्टमेंटल प्रोसिडिंग के कारण उनका प्रमोशन नहीं हो पाया है। श्री ओझा छह-सात साल से जिला में जमे हुए हैं। जिला अ‍विध पूरा होने पर चुनाव के दौरान श्री ओझा का ट्रांसफर अन्य जिला में हो जाता है। लेकिन पुलिस एसोसिएशन के जिला शाखा में पदधारी होने के नेता वह चुनाव खत्म होते ही जिला में वापस लौट जाते हैं। हालांकि उनका जिला एसोसिएशन पदधारी होने का कार्यकाल भी खत्म हो चुकी है।  
क्रीम थानों के थानेदार रहे चुके हैं गंगासागर
नियमानुसार पुलिस एसोसिएशन के पदाधिकारी को थानेदार नहीं बनाना है। उन्हें पुलिस लाइन में रखकर कार्य लेना है। लेकिन झारखंड के कई जिलों में इस नियम की अनदेखी हो रही है। पुलिस एसोसिएशन के सेंट्रल कमेटी के पदाधिकारी अब जिला में पोस्टिंग करा थानेदारी ले रहे हैं। जानकार सोर्सेज का कहना है कि तत्कालीन डीजीपी डीके पांडेय के कार्यकाल में एसआइ गंगासागर ओझा की स्पेशल कोटा में धनबाद जिला बल में पोस्टिंग हुई थी। श्री ओझा पहले तेतुलमारी, राजगंज, बरवाअड्डा व महुदा थाना प्रभारी भी रह चुके हैं। एसआइ गंगासागर ओझा की धनबाद जिला प्रेम का मामला पुलिस हेडक्वार्टर तक पहुंच गया है। कारू प्रकरण की जांच आगे बढ़ने पर श्री ओझा की अपरिपक्कवता उजागर हो सकती है। इसके बाद कार्रवाई की गाज गिर सकती है।