Makar Sankranti 2025: 14 को मनाया जायेगा मकर संक्रांति

वर्ष 2025 मे मकर संक्रांति का पर्व मंगलवार 14 जनवरी को मनाया जायेगा। तीन वर्ष बाद 14 जनवरी को मकर संक्रांति का संयोग बन रहा है। श्रद्धालुओं ने वर्ष 2024, वर्ष 2023 व 2022 में 15 जनवरी को संक्रांति पर्व मनाया था। वहीं, वर्ष 2021 में संक्रांति का पर्व 14 जनवरी को पड़ा था।

Makar Sankranti 2025: 14 को मनाया जायेगा मकर संक्रांति
  • तीन वर्ष बाद 14 जनवरी को मकर संक्रांति
  • 14 को दोपहर 2:58 बजे सूर्यदेव मकर राशि में प्रवेश करेंगे
  • खरमास समाप्त होती ही 16 से बजेंगी शहनाइयां

रांची। वर्ष 2025 मे मकर संक्रांति का पर्व मंगलवार 14 जनवरी को मनाया जायेगा। तीन वर्ष बाद 14 जनवरी को मकर संक्रांति का संयोग बन रहा है। श्रद्धालुओं ने वर्ष 2024, वर्ष 2023 व 2022 में 15 जनवरी को संक्रांति पर्व मनाया था। वहीं, वर्ष 2021 में संक्रांति का पर्व 14 जनवरी को पड़ा था।

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पंचांग के अनुसार, भगवान सूर्य मकर राशि में 14 जनवरी को दिन के 2:58 बजे प्रवेश कर जायेंगे। इसी के साथ खरमास भी समाप्त हो जायेगा। 14 जनवरी के दिन मकर संक्रांति का पुण्य काल दिनभर रहेगा। पूजा का समय सुबह 7:02 बजे के बाद आरंभ हो जायेगा। स्नान-दान के लिए यह पर्व शुभ फलदायी माना गया है।

पंडितों का कहना है कि मकर संक्रांति से ही भगवान सूर्य दक्षिणायन से उतरायण हो जायेंगे। इस बार भौम पुष्य नक्षत्र के साथ स्थिर योग के शुभ संयोग में मकर संक्रांति मनायी जायेगी। इस दिन चंद्र व मंगल की युति से महालक्ष्मी योग का निर्माण हो रहा है। पुनर्वसु नक्षत्र सुबह 10:27 बजे तक रहेगा। इसके बाद पुष्य नक्षत्र का प्रवेश हो जायेगा। इस तरह दोनों नक्षत्रों का संयोग बन रहा है।

सूर्य मंत्र का करें जाप, मिलेगा लाभ

मकर संक्रांति के दिन दान व संक्रांति के दिन स्नान के बाद सूर्य मंत्र ''ॐ घृणि सूर्याय नमः, ॐ भास्कराय नमः'' का जाप करें। इस मंत्र का जाप करने से भगवान सूर्य की कृपा प्राप्त होती है। इसके अलावा, आदित्य हृदय स्तोत्र व सूर्य चालीसा के पाठ का भी लाभ मिलता है। मकर संक्रांति के दिन ऊनी वस्त्र, कंबल, धार्मिक पुस्तकें, खासकर पंचांग का दान करना पुण्य फलकारक माना गया है।

स्नान से होती है शुभ फलों की प्राप्ति

मकर संक्रांति के दिन गंगा स्नान व दान करने का विशेष महत्व है। मान्यता है कि इस दिन सूर्य देव की पूजा करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है। साथ ही जीवन में सुख-समृद्धि बनी रहती है। यह त्योहार फसल के आगमन का भी प्रतीक है। माना जाता है। इस दिन सूर्यदेव की पूरे विधि-विधान के साथ पूजा करने से जीवन में आने वाली हर समस्या से छुटकारा मिलता है। जीवन में सकारात्मक ऊर्जा औ खुशहाली बनी रहती है।

जनवरी में 10 व फरवरी में 19 दिन हैं विवाह के मुहूर्त

16 दिसंबर 2024 से चल रहा खरमास 14 जनवरी को खत्म हो जायेगा। इसके बाद सभी मांगलिक कार्य शुरू हो जायंगे। ऋषिकेश पंचांग के अनुसार, 16 जनवरी से विवाह का लग्न भी शुरू हो जायेगा। जनवरी से जून तक प्रत्येक माह लग्न का दिवस है।

विवाह के मुहूर्त

जनवरी माह में: 16, 17, 18, 19, 20, 21, 22, 23, 26 व 27 जनवरी को विवाह के लग्न है।

फरवरी में: 1, 2, 3, 6, 7, 8, 12, 13, 14, 15, 16, 17, 18, 19, 20, 21, 22, 23 व 24 को विवाह का मुहूर्त है।