धनबाद। कोयला राजधानी धनबाद में अखिल भारतीय किन्नर समाज का पहला सम्मेलन संपन्न हो गया। इस तरह का सम्मेलन सामाजिक एकता और भलाई के लिए एक ऐतिहासिक कदम है। मौके पर समाज की भलाई के लिए दुआ मांगी गयी। सम्मेलन का आयोजन का झारखंड किन्नर समाज की प्रदेश अध्यक्ष छमछम के नेतृत्व में किया गया।
सम्मेलन के संदेश और सामाजिक महत्व
इस सम्मेलन ने किन्नर समाज के लोगों को एक मंच पर लाकर उनकी एकजुटता और समाज के प्रति उनकी भूमिका को रेखांकित किया है। किन्नर समाज ने न केवल सामाजिक एकता का संदेश दिया, बल्कि यह भी दिखाया कि वे समाज के लिए कितना योगदान दे सकते हैं।धनबाद के नावाडीह में अयोजित भव्य अधिवेशन में देश-विदेश से पांच हजार से अधिक किन्नरो ने शिरकत की। महाधिवेशन में जुटे किन्नरों ने थर्ड जेंडर को सम्मान और प्रेम से देखे जाने की मांग उठायी। कहा गया कि किन्नरों को जन्म से ही समाज में तरह-तरह के अपमान झेलने पड़ते हैं। उन्हें भी समाज में पूरे सम्मान के साथ जीने का अधिकार है। उनका दर्द समझने की जरूरत है।
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कोरोना त्रासदी के समय मांगी थी मन्नत
कोरोना त्रासदी के समय मन्नत मांगी गई थी कि यह महामारी से देश उबर जाए और भारत में फिर से खुशहाली आए, तो भव्य महाधिवेशन का आयोजन करेंगे। देश भर के किन्नरों को इस अधिवेशन के लिए आमंत्रित किया गया। इस अधिवेशन की शुरुआत खास पूजा-पाठ से हुई। इसके बाद विभिन्न विषयों पर चर्चा की गयी। किन्नरों ने बताया कि जहां-जहां उनके यजमान हैं, उनके और उनके परिवार के लिए खास पूजा कर उनको आशीष दिया।
किन्नरों का धनबाद शहर बहुत पसंद आया
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किन्नरों ने कहा कि झारखंड का धनबाद शहर उन्हें बहुत पसंद आया। यहां के लोग अच्छे हैं। किन्नरों की कामना है कि यहां के लोग खुशहाल रहें। कार्यक्रम के लिए विशाल पंडाल बनाया गया था। पंडाल को फूलों से विशेष रूप से सजाया गया था। किन्नरों के बीच सिक्के का वितरण किया गया। मटकुरिया से शक्ति मंदिर तक विशाल शोभायात्रा निकाली गयी। इसमें हजारों किन्नर शामिल हुए। किन्नरों ने शक्ति मंदिर माता रानी के दरबार में घंटा चढ़ाया।
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जनता की भलाई के लिए दुआ से प्रेरित आयोजन
छमछम देवी ने बताया कि जब कोरोना महामारी आई थी, तब किन्नर समाज ने देश और प्रदेश की जनता के लिए प्रार्थना की थी। उन्होंने दुआ मांगी थी कि सभी सुरक्षित रहें और किसी को कोई परेशानी न हो। उसी प्रार्थना को याद करते हुए, समाज में एकता और सामंजस्य बढ़ाने के उद्देश्य से यह सम्मेलन आयोजित किया गया।
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धर्म और समानता के प्रति समाज की सोच
छमछम देवी ने बताया कि किन्नर समाज हर धर्म को समान रूप से मानता है। उनके समाज में हिंदू, मुस्लिम सहित सभी धर्मों के लोग शामिल हैं। उन्होंने कहा कि हम किसी के साथ भेदभाव नहीं करते. समाज में समानता बनाए रखना हमारा उद्देश्य है. हमारा धर्म प्रेम, समर्पण और सेवा का है।
समाज से की किन्नरों को भी सम्मान देने की अपील
महाधिवेशन में विशेष रूप से सक्रिय रहे झरिया निवासी किन्नर सोनम पांडेय ने कहा कि जिस घर में जाते हैं सिर्फ यही कहते हैं कि नारायण और लक्ष्मी ही आएं, हम जैसे नहीं।अगर ऊपरवाला हमारे जैसा बच्चा घर में दे भी दे तो दुत्कारें नहीं। समाज क्या कहेगा, इसकी चिंता छोड़ दीजिए। सामान्य बच्चों की ही तरह उसे भी प्यार दें, दुलार करें, शिक्षा प्रदान करें और गर्व के साथ हर किसी से परिचय कराएं। बड़ा होकर यही आपका नाम रोशन करेगा। समाज में हमें भी सम्मान दिया जा रहा है। आप भी ऊपरवाले के आशीर्वाद का सम्मान करें।
किन्नरों का दर्द
नंदिनी किन्नर और बिजली किन्नर न कहा कि किन्नरों के दर्द, उनकी खूबी, उनके संस्कार, संस्कृति व परंपराओं के बारे में सभी को जानना चाहिए। सामाज का एक बड़ा वर्ग किन्नर को अलग मानता है। ऐसा नहीं होना चाहिए। सम्मेलन की शुरुआत मटकुरिया से शक्ति मंदिर तक निकाली गई कलश यात्रा से हुई। कलश यात्रा के दौरान विशेष पूजा-अर्चना के तहत घंटा चढ़ाया गया, और उसके बाद किन्नर समाज ने जनता और समाज की भलाई के लिए सामूहिक दुआ की।
देशभर से किन्नर समाज की भागीदारी
दिल्ली के दिलशाद गार्डन से आईं किन्नर एंजेल ने खुशी व्यक्त करते हुए कहा कि धनबाद आकर मुझे बेहद खुशी हो रही है। यह जगह बेहद खूबसूरत है। हम यहां की जनता के प्रति आभार व्यक्त करते हैं और कामना करते हैं कि यह शहर प्रगति करे और उन्नति के नए आयाम छुए।
महाधिवेशन में देश-विदेशों से पांच हजार किन्नर अधिवेशन में पहुंचे थे। नेपाल, पानीपत, पंजाब, मुंबई, इंदौर, लुधियाना, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश, गुजरात, आंध्र प्रदेश समेत कई राज्यों के प्रतिनिधि सम्मेलन में भाग लेने के लिए पहुंचे थे। प्रतिनिधियों ने बताया कि हमलोगों को झारखंड का वातावरण बहुत अच्छा लगा। जैसा सुन रखा था, उससे काफी बेहतर है।
डेलिगेट ने बताया कि यहां भव्य स्वागत और अपनों से मिलकर काफी अभिभूत हूं। आयोजन को सफल बनाने में प्रदेश अध्यक्ष छमछम देवी नायक, झरिया धनबाद, अलाव्य नायक सिलीगुड़ी , बबीता नायक बोकारो, जोधाबाई नायक, अरुणा नायक रामगढ़, सीमा नायक इंदौर, जकी नायक, प्रेमा नायक, छोटकी नायक, ललन नायक पटना, मुन्नी नायकबेरमो, ज्योति नायक, दिल्ली से एक्टर देवी किन्नर, सांवरिया, गीता नायक, सहित अन्य सक्रिय भूमिका में रही।