दुमका: गुमरो पहाड़ से पुलिस ने तीन साइबर क्रिमिनल्स को किया अरेस्ट, मास्टरमाइंड की तलाश
झारखंड के साइबर क्रिमिनल्स अपने गैंग के एक्सपर्ट को लाखों रुपये की मोटी सैलरी में रख कर लोगों से ठगी करवा रहे हैं। यह खुलासा दुमका के पर्यटन स्थल गुमरो पहाड़ से तीन साइबर क्रिमिनल्स के अरेस्ट होने के बाद हुआ है। पुलिस ने तीन दो देवघर जिले के और एक दुमका निवासी साइबर क्रिमिनल को अरेस्ट किया है।
- 10 लाख की बड़ी सैलरी पर एक्सपर्ट को रख रहे साइबर क्रिमिनल्स
दुमका। झारखंड के साइबर क्रिमिनल्स अपने गैंग के एक्सपर्ट को लाखों रुपये की मोटी सैलरी में रख कर लोगों से ठगी करवा रहे हैं। यह खुलासा दुमका के पर्यटन स्थल गुमरो पहाड़ से तीन साइबर क्रिमिनल्स के अरेस्ट होने के बाद हुआ है। पुलिस ने तीन दो देवघर जिले के और एक दुमका निवासी साइबर क्रिमिनल को अरेस्ट किया है।
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डीएसपी हेडक्वार्टर विजय कुमार ने ने प्रेस कांफ्रेस में बताया कि बताया कि एसपी को गुप्त सूचना मिली थी कि गुमरो पहाड़ पर साइबर क्रिमनल्स इकट्ठा हुए हैं। इस सूचना के सत्यापन और कार्रवाई के लिए एसपी ने डीएसपी हेडक्वार्टर व डीएसपी साइबर सेल शिवेंद्र के नेतृत्व में छापेमारी टीम का गठन किया। पुलिस टीम ने गुमरो में लैपटॉप-मोबाइल लेकर जमे तीन साइबर क्रिमिनल्स देवघर जिले के मोहनपुर पुलिस स्टेशन एरिया आमगाछी रखिया के राकेश मंडल और चकरमा के पंकज कुमार तथा अलावा दुमका जिला के जामा अमलाचातर के मानिक चंद्र मंडल को धर दबोचा। लगभग पांच साइबर क्रिमिनल्स भाग निकले। फरार साइबर क्रिमिनल्स की धर-पकड़ के लिए रेड जारी है।
लैपटॉप ऑपरेट करनेवाले को दी जाती है35 हजार रुपये डेली
साइबर क्रिमिनल्स अपने गैंग में एक्सपर्ट को लाखों की सैलरी में रखते हैं। साइबर गैंग का लीडर अपने गैंग में साइबर एक्सपर्ट को 10 हजार रुपये से लेकर 35 हजार रुपये हर दिन देता है। इससे पता चलता है कि साइबर एक्सपर्ट की कमायी हर महीने 10 लाख रुपये से अधिक की होती है। लैपटॉप ऑपरेट करने वाले शख्स को 35 हजार रुपये का मेहनताना रोज दिया जाता है। पुरुष और महिलाओं की आवाज में कस्टमर केयर के फर्जी नंबर पर फोन रिसिव करनेवाले को तथा झांसे में लेकर लोगों के मोबाइल को एनीडेस्क के जरिये कनेक्ट कर सारा फर्जीवाड़ा करने वाले को 15 हजार रुपये मिलता है। बैंक अकाउंट में पैसा आते ही पलभर में राशि को उड़ाकर दूसरे खाते में डालनेवाले को 10 हजार रुपये का मेहनताना दिया जाता है।
राकेश लैपटॉप चलाने में एक्सपर्ट
साइबर क्रिमिनल्स राकेश मंडल बहुत ज्यादा पढ़ा-लिखा नहीं है लेकिन वह लैपटॉप चलाने में बहुत एक्सपर्ट है। इसी विशेषता की वजह से लैपटॉप चलाने का काम इस मास्टरमाइंड ने उसे सौंपा था। पुलिस ने राकेश के पास से दो एंड्रायड फोन, नियो एक्स का विजा प्लेटिनम कार्ड, झारखंड राज्य ग्रामीण बैंक के रुपये डेविड कार्ड, EDFC के फर्स्ट बैंक का वीजा एटीएम कार्ड तथा काले रंग का लैपटॉप बरामद किया है। साइबर क्रिमिनल्स पंकज के पास से पेन ड्राइव, ओटीजी केबल, काले रंग की ओपो स्मार्ट फोन व ब्लू-काले रंग की स्मार्ट फोन मिला है। मानिक चंद्र मंडल के पास से पांच मोबाइल फोन बरामद हुआ है।
साइबर फ्रॉड से आये रकम को चंद सेकेंड में कर देता है गायब
डीएसपी साइबर सेल शिवेंद्र ने बताया साइबर क्रिमिनल राकेश मंडल ही कस्टमर केयर वेबसाइट पोर्टल में अपना नंबर दर्ज कर देता है। जब कॉल कोई करता है, तो एटीएम ब्लॉक होने, लाइफ सर्टिफिकेट या E-KYC जमा नहीं होने की बात कहकर झांसे में लेने के लिए पंकज महिला की आवाज में बात करता है। वहीं मानिक पलक झपकते ही अकाउंट में आये पैसे को दूसरे अकाउंट में ट्रांसफर कर देता है। इस काम में उसे मुश्किल से चार-पांच सेकेंड ही लगते हैं।
गैंग के सरगना मनोज व चंदन मंडल की तलाश
डीएसपी साइबर शिवेंद्र ने बताया कि साइबर क्रिमिनल्स गैंग मास्टर माइंड मनोज मंडल और चंदन मंडल है। मनोज मंडल गोटीडीह का रहनेवाला है। वह राकेश मंडल का जीजा लगता है।
पुलिस टीम में शामिल थे पुलिस अफसर
साइबर क्रिमिनल्स पर कार्रवाई करनेवाली टीम में डीएसपी हेडक्वार्टर विजय कुमार, डीएसपी साइबर सेल शिवेंद्र कुमार, मसलिया थाना प्रभारी ईश्वर दयाल मंडल, एसआइ मिथुन किस्कू, गौतम कुमार, दिलीप पाल, एएसआई अनिल कुमार व अन्य पुलिसकर्मी शामिल थे।