Odisha Train Accident : ओडिशा रेल हादसा मामले में बालेश्वर में दर्ज हुई FIR, रेलवे पर लापरवाही बरतने का आरोप
डिशा के बालेश्वर में 2 जून को हुए रेल हादसे में अबतक 275 लोगों की मौत हो चुकी है। जबकि इस एक्सीडेंट में 11 सौ से अधिक लोग घायल हैं। हादसे को लेकर जहां एक रेलवे ने ड्राइवर की गलती और सिस्टम की खराबी से इनकार करते हुए सीबीआई जांच की सिफारिश की है। वहीं मामले में बालेश्वर जीआरपी पुलिस स्टेशन में 'लापरवाही से मौत' और 'गंभीर चोट लगने' के आरोप में FIR दर्ज किया गया है।
भुवनेश्वर। ओडिशा के बालेश्वर में 2 जून को हुए रेल हादसे में अबतक 275 लोगों की मौत हो चुकी है। जबकि इस एक्सीडेंट में 11 सौ से अधिक लोग घायल हैं। हादसे को लेकर जहां एक रेलवे ने ड्राइवर की गलती और सिस्टम की खराबी से इनकार करते हुए सीबीआई जांच की सिफारिश की है। वहीं मामले में बालेश्वर जीआरपी पुलिस स्टेशन में 'लापरवाही से मौत' और 'गंभीर चोट लगने' के आरोप में FIR दर्ज किया गया है।
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बालेश्वर जीआरपी पुलिस स्टेशन के एसआई पप्पू नायक की तरफ से यह एफआईआर दर्ज कराई गई है। नायक ने अपनी कंपलेन में उल्लेख किया है कि यह दुर्घटना रेलवे की गैर-जिम्मेदारी के कारण हुई है। इस रेल हादसे को लेकर आईपीसी की सेक्शन- 337, 338, 304-क, 34 IPC, रेलवे एक्ट 153, 154 और 175 के तहत मामला दर्ज किया गया है।
डीएसपी रंजीत नायक को बनाया गया IO
FIR दर्ज होने के बाद डीएसपी रंजीत नायक को मामले की इन्विस्टीगेशन की जिम्मेदारी दी गई है। रेल डीएसपी ने मामले की छानबीन शुरू कर दी है।हादसे को तीन दिन बीत चुके हैं लेकिन यह पता नहीं चल पाया है कि इस हादसे के लिए कौन जिम्मेदार है। इस हादसे में सरकारी आंकड़े के मुताबिक 275 लोगों की मौत हुई है और 1,200 से अधिक लोग घायल हुए हैं।
हादसे के पीछे इंटरलॉकिंग सिस्टम में छेड़छाड़ की आशंका
ओडिशा के बालासोर में हुए भीषण रेल हादसे की रेलवे बोर्ड ने जांच सीबीआई से करवाने की सिफारिश की है। रेल मिनिस्टर अश्विनी वैष्णव ने यह ऐलान किया। बालासोर जिले में शुक्रवार दो जून शाम शालीमार-चेन्नई कोरोमंडल एक्सप्रेस, बेंगलुरु-हावड़ा सुपरफास्ट और एक मालगाड़ी से जुड़ा भीषण हादसे में 275 पैसेंजर्स की जान चली गई।, रेल मिनिस्टर ने कहा कि हादसे की वजह रेलवे सिग्नल के लिए अहम 'प्वाइंट मशीन' और 'इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग' सिस्टम से संबंधित है। उन्होंने इस घटना का 'कवच' प्रणाली से कोई संबंध होने से इनकार किया। न्यूज एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, शुरुआती जांच के दौरान सामने आई जानकारी के बाद पेशेवर एजेंसी से छानबीन कराने की जरूरत है।
रेल मिनिस्टर अश्विनी वैष्णव ने जानकारी देते हुए बताया, ''सबकुछ ध्यान में रखते हुए अभी तक जो भी जानकारी मिली है, उसको देखते हुए आगे की जांच के लिए रेलवे बोर्ड ने सीबीआई जांच की सिफारिश की है।'' शुरुआती रिपोर्ट में सामने आया है कि सिग्नल की दिक्कत की वजह से यह हादसा हुआ। रेलवे बोर्ड के अफसर का दावा है कि कोरोमंडल एक्सप्रेस की स्पीड 128 किलोमीटर प्रति घंटे थी, जबकि यशवंतपुर एक्सप्रेस की स्पीड 126 किलोमीटर थी। हादसे के दौरान मालगाड़ी पटरी से नहीं उतरी है। सबसे ज्यादा नुकसान कोरोमंडल एक्सप्रेस को हुआ है। बोगियों के पटरी से उतरने के चलते वह यशवंतपुर एक्सप्रेस की अंतिम दो बोगियों से टकरा गई। हादसे में मृतकों की संख्या रविवार को 288 से संशोधित कर 275 कर दी गई है । घायलों की संख्या 1,175 बताई है।
बालासोर में बाहानगा बाजार रेलवेस्टेशन के पास शुक्रवार शाम सात बजे कोरोमंडल एक्सप्रेस मेन लाइन के बजाय लूप लाइन में प्रवेश कर गई थी। इसके बाद वो वहां खड़ी एक मालगाड़ी से टकरा गई थी। इससे संकेत मिलता है कि 'इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग' सिस्टम मेंकुछ मसला था जिस वजह सेट्रेन का मार्गबदला और टक्कर हुई। सोर्सेज ने कहा, 'सिस्टम में जब तक जानबूझकर छेड़छाड़ न की जाए तब तक यह नामुमकिन है कि मेन लाइन के लिए तय किया मार्ग लूप लाइन की ओर मुड़ जाए।'
हादसे की असल वजह चली पता
मिनिस्टरी ने पहले ड्राइवर की गलती या इंटरलॉकिंग सिस्टम में खराबी से इनकार किया था। मिनिस्ट्री की ओर से कहा गया कि हादसे की सभी कोणों की जांच की जा रही है।रेल मिनिस्टर ने रविवार को कहा था कि ट्रेन हादसेकी असल वजह की पहचान कर ली गई है। उन्होंने कहा कि हादसे की वजह रेलवे सिग्नल के लिए अहम 'प्वाइंट मशीन' और 'इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग' सिस्टम से संबंधित है। उन्होंने इस घटना का 'कवच' प्रणाली से कोई संबंध होने से इनकार किया। रेल मिनिस्टर अश्विनी वैष्णव ने कहा, 'दुर्घटना की जांच पूरी कर ली गई है। रेलवे सुरक्षा आयुक्त (सीआरएस) जैसेही अपनी रिपोर्ट देंगे तो सभी नकारियां पता चलेंगी। इस भीषण घटना की असल वजह की पहचान कर ली गई है। मैं इस पर विस्तार से बात नहीं करना चाहता। रिपोर्ट आने दीजिए। मैं सिर्फ यह कहूंगा कि असल वजह और इसके लिए जिम्मेदार लोगों की पहचान कर ली गई है।'
इंटरलॉकिंग सिस्टम में कैसे हुआ बदलाव?
रेल मिनिस्टर ने कहा कि हमने सभी संसाधनों को काम पर लगाया है। मैं यह भी कहना चाहता हूं कि कवच प्रणाली का इस दुर्घटना से कोई संबंध नहीं है। यह हादसा इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग सिस्टम में बदलाव की वजह से हुआ।' उन्होंने कहा कि प्वाइंट मशीन की सेटिंग में बदलाव किया गया है। कैसे और क्यों यह किया गया, इसका खुलासा जांच रिपोर्ट में किया जायेगा।