धनबाद में पहली बार हर्ट में लगाया गया आईसीडी, कार्डियक अरेस्ट पेसेंट की बची जान,अशर्फी हॉस्पीटल में ऑपरेशन

कार्डियक अरेस्ट के पेसेंट की जान चिकित्सकीय अभाव में कुछ मिनटों में ही जा सकती है। एक ऐसे ही पेसेंट को वर्ल्ड लेवल इंप्लांटेबल कार्डियोवर्टर डिफाइब्रिलेटर (ICD) लगाकर अशर्फी हॉस्पीटल के कार्डियोलॉजिस्ट की टीम ने जान बचाई है। अब तक यह मशीन रांची के रिम्स और एक- दो निजी अस्पतालों में ही लग पाई है। धनबाद स्टेट का दूसरा जिला बन गया है, जहां पर हर्ट के पेसेंट को यह मशीन लगाई गई है। इससे पेसेंट की जान ही केवल बचाई नहीं गई, बल्कि उसकी उम्र भी अब लगभग छह साल बढ़ गई है। 

धनबाद में पहली बार हर्ट में लगाया गया आईसीडी, कार्डियक अरेस्ट पेसेंट की बची जान,अशर्फी हॉस्पीटल में ऑपरेशन
  • झारखंड में केवल रांची में ही सुविधा मौजूद

धनबाद। कार्डियक अरेस्ट के पेसेंट की जान चिकित्सकीय अभाव में कुछ मिनटों में ही जा सकती है। एक ऐसे ही पेसेंट को वर्ल्ड लेवल इंप्लांटेबल कार्डियोवर्टर डिफाइब्रिलेटर (ICD) लगाकर अशर्फी हॉस्पीटल के कार्डियोलॉजिस्ट की टीम ने जान बचाई है। अब तक यह मशीन रांची के रिम्स और एक- दो निजी अस्पतालों में ही लग पाई है। धनबाद स्टेट का दूसरा जिला बन गया है, जहां पर हर्ट के पेसेंट को यह मशीन लगाई गई है। इससे पेसेंट की जान ही केवल बचाई नहीं गई, बल्कि उसकी उम्र भी अब लगभग छह साल बढ़ गई है। 

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यह बातें अशर्फी हॉस्पीटल के डीएम कार्डियोलॉजी डॉक्टर सूरज हनुमंत चवन ने प्रेस कांफ्रेस में कही। डॉक्टर सूरज बताया कि यह आईसीडी मशीन पेसमेकर से अलग है।आईसीडी में बड़ी बैटरी होती है। जब हर्ट में धड़कन कम हो जाती है, तब उसने पेसमेकर लगाया जाता है। जब हर्ट में धड़कन बढ़ जाती है या अनियंत्रित हो जाती है, तो आईसीडी से उसे कम करके नियंत्रित किया जाता है। यह सीने के पास ही स्थापित किया जाता है। इससे कोई कठिनाई नहीं होती है। 
हॉस्पीटल के सीईओ हरेंद्र सिंह ने बताया कि बरमसिया 68 वर्षीय उमेश कुमार हर्ट के पेसेंट हैं। उनका अचानक से कार्डियक अरेस्ट हो गया। इसके बाद उन्हें पहली बार आईसीडी मशीन लगाया गया है। प्रेस कांफ्रेस में  डॉ उदय शंकर, गोपाल सिंह, लक्ष्मण सिंह, उदय प्रताप सिंह, संतोष सिंह आदि मौजूद थे। 

कम उम्र में भी हर्ट के रोगी बड़े
डॉक्टर सूरज ने बताया कि धनबाद में कम उम्र के युवाओं में हर्ट के रोगी तेजी से बढ़ रहे हैं। 30 वर्ष के दो युवक हर्ट पेसेंट मिले जिन्हें एनजीओ प्लास्टिक किया गया। ऐसे में धूम्रपान करने वाले कोई खतरा सबसे ज्यादा रहता है। इसके साथ अधिक केलोस्ट्रोल मोटापा और टेंशन में रहने वाले व्यक्ति भी हर्ट रोग के शिकार हो रहे हैं। ऐसे में जरूरी है कि इन सभी चीजों से बचा जाए। शारीरिक और मानसिक रूप से सकारात्मक माहौल में रहे। संतुलित खाना खाएं और नियमित व्यायाम करें।