IMMT भुवनेश्वर के डायरेक्टर सुधासत्व बसु को मिला सिंफर का एडीशनल चार्ज, नहीं चली पीके सिंह की लाबिंग
आइएमएमटी भुवनेश्वर के डायरेक्टर प्रोफेसर सुधासत्व बसु को केंद्रीय खनन एवं ईंधन अनुसंधान संस्थान(CIMFR) को प्रभारी निदेशक बनाया गया है। केंद्रीय विज्ञान एवं प्रोद्योगिकी मंत्रालय के निर्देश पर बसु को सिंफर डायरेक्टर का एडीशनल चार्ज दिया गया है।
धनबाद। आइएमएमटी भुवनेश्वर के डायरेक्टर प्रोफेसर सुधासत्व बसु को केंद्रीय खनन एवं ईंधन अनुसंधान संस्थान(CIMFR) को प्रभारी निदेशक बनाया गया है। केंद्रीय विज्ञान एवं प्रोद्योगिकी मंत्रालय के निर्देश पर बसु को सिंफर डायरेक्टर का एडीशनल चार्ज दिया गया है।
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सिंफर के डयारेक्टर डा. पीके सिंह कार्यकाल में विस्तार के लिए प्रयासरत थे। लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिली।अपना कार्यकाल बढाने के लिए पीके कई लेवल पर लाबिंग कर रहे थे। डा. प्रदीप कुमार सिंह का कार्यकाल पूरा होने के बाद पिछले लगभग एक सप्ताह तक सिंफर बिना डायरेक्टर रहा। डा. सिंह को सेवा विस्तार मिलने या इंस्टीच्युट के ही किसी सीनीयर साइंटिस्ट को चार्ज मिलने की संभावना जताई जा रही थी। पर ऐसा नहीं हुआ। सीएसआइआर ने मंगलवार को आइएमएमटी भुवनेश्वर के डायरेक्टर को सिंफर डायरेक्टर का एडीशनल चार्ज दिये जाने घोषणा कर दी है। सुधासत्व बसु कोलकाता यूनिर्वसिटी के केमिकल इंजीनियरिंग पासआउट हैं। आइआइएससी, बंगलुरू से उन्होंने पीएचडी की डिग्री ली है। वे आइआइटी दिल्ली के लम्बे समय तक शिक्षक रहे हैं। विदेशों के यूनिर्वसिटी में भी अध्यापन कार्य का इनका लंबा अनुभव रहा है।.
वर्ष 2015 की नौ दिसंबर से डा. प्रदीप कुमार सिंह थे डायरेक्टर
डा. प्रदीप कुमार सिंह नौ दिसंबर 2015 से सिंफर डायरेक्टर के पोस्ट पर थे। उनसे पहले राष्ट्रीय धातुकर्म प्रयोगशाला जमशेदपुर के निदेशक को सिंफर का प्रभारी निदेशक बनाया गया था। बतौर निदेशक जिम्मेदारी संभालने के साथ ही डा. सिंह ने कई उल्लेखनीय काम किये हैं। हाल में वर्ल्ड के टॉप साइंटिस्ट की लिस्ट में डा. सिंह समेत सिंफर के पांच साइंटिस्ट को जगह मिली है। हालांकि इनका कार्यकाल विवादों में भी रहा। डा सिंह के खिलाफ रिसर्च समेत कई अन्य के पेमेंट आदि कई गंभीर आरोपों के साथ पीएमओ व सीबीआइ तक कंपलेन की गयी थी।