कोरोना संक्रमण में तीन दिन तक बुखार नहीं तो सात दिन में निगेटिव! होम आइसोलेशन के नियमों में बदलाव
सेंट्रल हेल्थ मिनिस्टरी ने कोरोना संक्रमित लोगों के लिए होम आइसोलेशन के नियमों में बदलाव किया है। कोरोना संक्रमण के हल्के और मध्यम संक्रमण से पीड़ित पेसेंट के लिए होम क्वारंटाइन की अवधि को घटाकर सात दिन कर दिया है। अब घर में रह रहे ऐसे पेसेंट को संक्रमण के सात दिन बाद और लगातार तीन दिन तक बुखार नहीं आने पर ठीक (निगेटिव) मान लिया जायेगा।
- होम आइसोलेशन अवधि समाप्त होने के बाद दोबारा टेस्ट की जरूरत नहीं
नई दिल्ली। सेंट्रल हेल्थ मिनिस्टरी ने कोरोना संक्रमित लोगों के लिए होम आइसोलेशन के नियमों में बदलाव किया है। कोरोना संक्रमण के हल्के और मध्यम संक्रमण से पीड़ित पेसेंट के लिए होम क्वारंटाइन की अवधि को घटाकर सात दिन कर दिया है। अब घर में रह रहे ऐसे पेसेंट को संक्रमण के सात दिन बाद और लगातार तीन दिन तक बुखार नहीं आने पर ठीक (निगेटिव) मान लिया जायेगा।
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डाक्टरी सलाह के बाद ही दवा लें संक्रमित
ओमिक्रोन से हल्का संक्रमण होने के चलते यूरोप और अमेरिका में भी क्वारंटाइन की अवधि को घटाया गया है। सेंट्रल हेल्थ मिनिस्टरी ने लोगों से खुद से ही दवा लेने से बचने की सलाह दी है। गाइडलाइन में कहा गया है कि किसी डाक्टर की सलाह पर ही लोग कोई दवा लें या सीने का एक्स-रे या सीटी स्कैन जैसी जांच कराएं। हल्के संक्रमण में स्टेरायड की जरूरत नहीं है। अपने से स्टेरायड लेना खतरनाक हो सकता है।क्योंकि इसके ज्यादा उपयोग से बाद में दूसरी तरह की परेशानियां हो सकती हैं। हर व्यक्ति का इलाज उसके हालात के मुताबिक होता है। इसलिए किसी दूसरे व्यक्ति को दी गई दवा या उपचार का भी इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।
होम क्वारंटाइन की अवधि में कटौती
गाइडलाइन में कहा गया है कि होम क्वारंटाइन में रहने वाले पेसेंट को संक्रमित पाए जाने के दिन से कम से कम सात दिन बाद और लगातार तीन दिन बुखार नहीं होने पर डिस्चार्ज माना जायेगा। लेकिन उसे मास्क पहनना जारी रखना होगा। शुरू में 14 दिन का होम क्वारंटाइन का नियम था जिसे बाद में घटाकर 10 दिन कर कर दिया गया था। इसी तरह अमेरिका में यह 10 दिन था, जिसे हाल ही में घटाकर पांच दिन कर दिया गया है, जिसकी आलोचना भी हो रही है।
होम क्वारंटाइन के बाद जांच की जरूरत नहीं
होम क्वारंटाइन या आइसोलेशन की अवधि खत्म होने के बाद दोबारा कोरोना जांच कराने की भी जरूरत नहीं है। संक्रमितों के संपर्क में आने वाले लोगों में अगर कोई लक्षण नहीं दिखता है तो उनकी जांच कराने की जरूरत नहीं है। उन्हें अपने स्वास्थ्य पर नजर रखनी होगी। घर में रहने वाले पेसंट की निगरानी की जिम्मेदारी जिला प्रशासन की होगी। 60 साल से अधिक उम्र और पहले से ही शुगर, हाइपरटेंशन जैसे गंभीर रोगों से ग्रस्त संक्रमितों को डाक्टरों की सलाह पर ही होम आइसोलेशन में रखा जा सकता है। कमजोर प्रतिरक्षा वाले या अंग प्रत्यारोपण वाले मरीजों को भी डाक्टरों की सलाह पर ही घर में क्वारंटाइन किया जा सकता है। जिला स्वास्थ्य विभाग की टीम इनकी लगातार निगरानी भी करेगी।
नया कोरोना प्रोटोकॉल
कोरोना पॉजिटिव के बाद कोई लक्षण नहीं तो होम आइसोलेशन में रहना है।
होम आइसोलेशन में भी परिवार वालों से अलग कमरे में रहना है।
संक्रमित को मास्क लगाना है और परिवार के सदस्यों को भी मास्क लगाना है।
सात दिन में अगर तीन दिनों तक लगातार फीवर नहीं हो रहा है तो घबराना नहीं है।
सात दिन में खुद को निगेटिव मानकर आप सामान्य हो सकते हैं।
सात दिन बाद कोई टेस्ट कराने की जरूरत भी नहीं है।
अगर उम्र 60 वर्ष से अधिक है और कोई बीमारी है तो सावधान रहें।
कोई लक्षण है तो ऑक्सीजन की मॉनिटरिंग करते रहें।
अगर ऑक्सीजन का लेबल गिरता है तो तत्काल डॉक्टर से संपर्क कर सकते हैं।
टेली मेडिसिन की व्यवस्था सरकार ने बनाई है, इसकी मदद ली जा सकती है।